बारिश और बाढ़ से फसल नुकसान पर किसानों को सरकार देगी ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा

Published on: 29-Aug-2025
Updated on: 29-Aug-2025

कृषि इनपुट अनुदान योजना, जानिए आवेदन प्रक्रिया के बारे में  

सरकार की तरफ से किसानों के लिए बहुत राहत की खबर है। अगस्त 2025 में राज्य के कई जिलों में हुई भारी बारिश और बाढ़ से हजारों किसानों की फसलें नष्ट हो गई थीं। इस नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने “कृषि इनपुट अनुदान योजना शारदीय (खरीफ) 2025 लागू की है। इस योजना के अंतर्गत प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर अधिकतम 22,500 रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता देना, उनकी खेती की निरंतरता बनाए रखना और हुए फसल नुकसान की भरपाई करना है।
 

योजना में कौन-कौन लाभान्वित होंगे?

पिछले दिनों हुई लगातार बारिश और तूफान ने किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया है। किसानों की मदद करने के लिए सरकार ने एक नई योजना कृषि इनपुट अनुदान योजना शारदीय (खरीफ) 2025 लागु की है, इस योजना से 14 जिलों के 64 प्रखंडों के 577 पंचायतों के किसानों को फायदा मिलेगा।  


खेत के प्रकार के अनुसार मुआवजे की दर

योजना में किसानों को उनकी भूमि और फसल के प्रकार के आधार पर तीन श्रेणियों में अनुदान दिया जाएगा:

  • असिंचित भूमि (वर्षा आधारित खेती): ₹8,500 प्रति हेक्टेयर
  • सिंचित भूमि (सिंचाई आधारित खेती): ₹17,000 प्रति हेक्टेयर
  • शाश्वत/बहुवर्षीय फसलें (जैसे गन्ना): ₹22,500 प्रति हेक्टेयर
  • एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि के लिए ही सहायता मिलेगी।
  • न्यूनतम मुआवजा इस प्रकार होगा: असिंचित – ₹1,000,सिंचित – ₹2,000 ,बहुवर्षीय फसल – ₹2,500  रूपए। 

 

कृषि इनपुट अनुदान योजना शारदीय (खरीफ) 2025 में कौन कर सकते हैं आवेदन?

 यह योजना रैयत (भूमि धारक) और गैर-रैयत (भूमिहीन) दोनों प्रकार के किसानों के लिए खुली है। आवेदन के लिए मुख्य शर्तें:

  • योजना का लाभ लेने के लिए फसल का नुकसान 33% से अधिक होना जरूरी।
  • किसान का बिहार कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य।
  • किसान, उसके जीवनसाथी और अवयस्क बच्चों को मिलाकर एक “किसान परिवार” माना जाएगा।
  • आधार सत्यापन अनिवार्य; गलत जानकारी देने पर आवेदन निरस्त हो जाएगा।
  • रैयत किसानों को 2022-23, 2023-24 या 2024-25 का LPC/लगान रसीद देनी होगी।
  • गैर-रैयत किसानों को स्व-घोषित प्रमाणपत्र (वार्ड सदस्य व कृषि समन्वयक से प्रमाणित) देना होगा। यह फार्म बिहार कृषि विभाग के DBT पोर्टल पर उपलब्ध है।

 

बिहार राज्य के किन जिलों में मिलेगा मुआवजा?

 बिहार राज्य के निम्न 14 जिलों के प्रभावित किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा: नालंदा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, बेगूसराय, लखीसराय, पटना, भोजपुर, वैशाली, मुंगेर, सारण, समस्तीपुर, मधेपुरा और शेखपुरा। इन जिलों के चिन्हित पंचायतों के वे किसान, जिनकी फसलें 33% से अधिक प्रभावित हुई हैं, ऑनलाइन आवेदन कर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।

 

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

कृषि इनपुट अनुदान योजना (Agricultural Subsidy Scheme) शारदीय (खरीफ) 2025 में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी है - 

  •  किसान का आधार कार्ड
  •  खेत के स्वामित्व के दस्तावेज
  •  बैंक खाता विवरण

कहां और कैसे करें आवेदन?

  • आवेदन की अंतिम तिथि 5 सितंबर 2025 है।
  • किसान dbtagriculture.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन के लिए 13 अंकों की किसान पंजीकरण संख्या जरूरी होगी।
  • नए किसानों को पहले DBT पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
  • जो किसान खुद आवेदन नहीं कर सकते, वे CSC, कंप्यूटर सेंटर या वसुधा केंद्र से मदद ले सकते हैं।
  • अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर संपर्क करें।


आवेदन करते समय ध्यान देने योग्य बातें

 योजना का लाभ लेने के लिए DBT पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।

  • DBT पंजीकरण के लिए कोई अंतिम तिथि नहीं है; कभी भी किया जा सकता है।
  • आवेदन के समय OTP गोपनीय रखें, किसी के साथ साझा न करें।
  • DBT पंजीकरण के बाद किसानों को 13 अंकों की पंजीकरण संख्या मिलती है, जिससे वे सीधे
  • अपने आधार-लिंक्ड बैंक खाते में विभिन्न कृषि योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।

 

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