खेत में 400 केवी और उससे अधिक ट्रांसमिशन लाइनों पर किसानों को मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा

Published on: 30-Jul-2025
Updated on: 30-Jul-2025

राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब यदि किसी किसान की भूमि से 400 केवी या उससे अधिक क्षमता की बिजली ट्रांसमिशन लाइन गुज़रेगी, तो उसे अतिरिक्त मुआवजा प्रदान किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस आशय की संशोधित पथाधिकार (Right of Way - ROW) मुआवजा नीति को मंजूरी दे दी है, जो किसानों की वर्षों पुरानी मांगों में से एक थी।

क्यों जरूरी थी यह नई नीति?

राज्य में बिजली आपूर्ति के लिए कई हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई जाती हैं। ये लाइनें अक्सर खेतों से होकर गुजरती हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्र में किसान फसल नहीं उगा सकते। 

इस कारण उनकी आय पर प्रतिकूल असर पड़ता है और भूमि का वह हिस्सा व्यावहारिक रूप से बेकार हो जाता है। किसानों को इस नुकसान के लिए पहले कुछ हद तक मुआवजा मिलता था, लेकिन वह अपर्याप्त माना जाता था।

मुख्यमंत्री द्वारा मंजूर की गई नई संशोधित नीति इस नुकसान की समुचित भरपाई सुनिश्चित करेगी और किसानों को उनकी जमीन के उपयोग में कमी के लिए अतिरिक्त मुआवजा देगी।

क्या है पथाधिकार (ROW) और इसका महत्व?

पथाधिकार (Right of Way - ROW) एक विशेष पट्टी होती है, जहां से होकर बिजली ट्रांसमिशन लाइन गुजरती है। इस क्षेत्र में ट्रांसमिशन लाइन के टावरों का निर्माण, रख-रखाव और संचालन होता है। 

यह पथाधिकार क्षेत्र किसी भी तरह की रुकावट, जैसे कि पेड़, भवन, या अन्य संरचनाओं से मुक्त रखा जाता है ताकि बिजली आपूर्ति सुरक्षित रूप से की जा सके।

नई नीति के प्रमुख बिंदु

1. टावर के आधार क्षेत्र के लिए मुआवजा:

अब 400 केवी और उससे अधिक वोल्टेज की ट्रांसमिशन लाइनों के टावर के आधार क्षेत्र पर पहले से मिलने वाले 200% डीएलसी दर मुआवजे के अतिरिक्त और 200% अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा।

टावर का आधार क्षेत्र वह ज़मीन है जो चारों टांगों के बीच आती है, और इसमें चारों ओर एक-एक मीटर अतिरिक्त क्षेत्र भी शामिल किया गया है।

2. ROW कॉरिडोर मुआवजा (क्षेत्र जो लाइन के नीचे आता है):

  • ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि मूल्य का 30%।
  • नगर पालिका एवं अन्य शहरी नियोजन क्षेत्रों में भूमि मूल्य का 45%।
  • नगर निगम एवं महानगरीय क्षेत्रों में भूमि मूल्य का 60% मुआवजा दिया जाएगा।

किसे मिलेगा यह लाभ?

यह संशोधित मुआवजा नीति राज्य की सभी कार्यान्वयन एजेंसियों, जैसे कि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, ट्रांसमिशन लाइसेंसधारी कंपनियां, एवं निजी बिजली कंपनियों पर लागू होगी, जो 400 केवी और उससे अधिक वोल्टेज की ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण कार्य में लगी हुई हैं।

यह नीति न केवल राज्य के भीतर, बल्कि अंतर-राज्यीय पारेषण लाइनों पर भी प्रभावी रहेगी।

किसानों को क्या होगा फायदा?

ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर के अनुसार, इस संशोधन से किसानों को वास्तविक नुकसान की भरपाई का अवसर मिलेगा। उन्हें उस भूमि के लिए उचित भुगतान मिलेगा, जो ट्रांसमिशन लाइन निर्माण के कारण प्रयोग में नहीं लाई जा सकती। इससे किसानों की आमदनी में सुधार होगा और भूमि उपयोग की हानि की भरपाई संभव होगी।

इसके साथ ही, यह नीति पारेषण परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने में मदद करेगी, जिससे पूरे राज्य में बेहतर और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

निष्कर्ष

राजस्थान सरकार की यह नई पथाधिकार मुआवजा नीति किसानों के हित में एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि राज्य की ऊर्जा परियोजनाओं को भी समय पर पूर्ण करने में सहायता मिलेगी।

यह नीति किसानों के अधिकारों की सुरक्षा करते हुए विकास और ऊर्जा सुधार को एक साथ आगे बढ़ाने का कार्य करेगी।

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