देश में हर साल अनियमित मौसम के कारण लाखों किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। वर्ष 2025 में भी भारी वर्षा और बाढ़ जैसी परिस्थितियों ने कई राज्यों में खरीफ फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया। अब राज्य सरकार ने इन प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार 50 लाख से अधिक किसानों के बीच ₹1000 करोड़ से अधिक की मुआवजा राशि वितरित करेगी। यह निर्णय किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें पुनः खेती के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
राजस्थान में इस वर्ष औसत से लगभग दोगुनी बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने। धान, मूंग, उड़द, सोयाबीन और मक्का जैसी खरीफ फसलें खेतों में ही सड़ गईं। फसलों के भारी नुकसान की गिरदावरी रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने तत्काल राहत योजना को मंजूरी दी, ताकि प्रभावित किसानों को शीघ्र आर्थिक सहायता मिल सके।
राज्य सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से कृषि अनुदान वितरण की मंजूरी प्रदान की है। इस निर्णय से किसानों को सीधे वित्तीय सहायता मिलेगी और वे दोबारा खेती शुरू कर पाएंगे। राहत राशि का लाभ अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, जोधपुर, नागौर, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, ब्यावर, बालोतरा समेत अन्य प्रभावित जिलों के किसानों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि राहत राशि वितरण की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए ताकि किसानों को समय पर सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को राहत देने में कोई देरी नहीं करेगी। पहले जहां किसानों को मुआवजा मिलने में 2 से 3 साल लग जाते थे, वहीं वर्तमान सरकार ने त्वरित राहत वितरण प्रणाली लागू की है, जिससे राशि सीधे किसानों तक पहुंच सके।
राज्य सरकार ने एक नई अधिसूचना जारी कर 12 जिलों के 7,451 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया है, जहां 33% या उससे अधिक फसल खराबा दर्ज हुआ है। इन किसानों को कृषि आदान-अनुदान के रूप में सहायता दी जाएगी। यह प्रावधान 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा। इन जिलों में बांसवाड़ा, ब्यावर, डूंगरपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा, नागौर, राजसमंद, डीडवाना-कुचामन, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, बालोतरा और चित्तौड़गढ़ शामिल हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की उप शासन सचिव शैफाली कुशवाहा के अनुसार, इस निर्णय से 98 तहसीलों के हजारों किसानों को सीधी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाना है। अतिवृष्टि से प्रभावित हर किसान तक राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में “स्मार्ट सर्वे”, “डिजिटल गिरदावरी” और “त्वरित भुगतान प्रणाली” पर काम कर रही है, जिससे भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को तुरंत मुआवजा मिल सके।
राज्य सरकार के इस निर्णय से किसानों में खुशी की लहर है। लंबे समय बाद किसानों को समय पर मुआवजा राशि मिल रही है। किसानों का कहना है कि यह कदम उनके “खेत और पेट दोनों को राहत” देगा। राजस्थान सरकार का यह फैसला किसानों के प्रति उसकी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 31 जिलों के 50 लाख किसानों को ₹1000 करोड़ का अनुदान और 12 जिलों के 7,451 गांवों को अभावग्रस्त घोषित करना निश्चित रूप से लाखों किसानों के जीवन में राहत और उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।
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