रबी सीजन शुरू होने को है और इस मौके पर किसान भाइयों और बहनों के लिए एक खुशखबरी है: प्रदेश सरकार ने गेहूं, चना, सरसों, मटर और मसूर जैसी फसलों के उन्नत व प्रमाणित बीजों पर सब्सिडी की घोषणा की है।
इन फसलों के लिए किसान आधे दाम में (अर्थात् 50 % तक छूट के साथ) उन्नत किस्मों के बीज खरीद सकेंगे। नीचे इस योजना के मुख्य बिंदु दिए गए हैं — साथ ही हम जानेंगे कि कौन से किसान लाभार्थी होंगे और आवेदन प्रक्रिया क्या है।
गेहूं की सभी प्रमाणित किस्में — उदाहरण के लिए, यदि कीमत ₹4 680 प्रति क्विंटल हो, तो सरकार द्वारा ₹2 340 अनुदान (सब्सिडी) दी जाएगी, और किसान को मात्र ₹2 340 प्रति क्विंटल देनी होगी।
गेहूं की विशेष किस्म जैसे DBW 303 — कीमत ₹4 872 प्रति क्विंटल हो, सरकार ₹2 436 अनुदान दे रही है, इस तरह किसान को मात्र ₹2 436/क्विंटल पर मिलेगा।
तोरिया की उन्नत किस्म “आजाद चेतना” — कीमत ₹11 147/क्विंटल है, सरकार द्वारा लगभग ₹5 500 का अनुदान दिया जा रहा है, यानी किसान को करीब ₹5 647/क्विंटल देना होगा।
राई व सरसों की प्रमाणित उन्नत किस्में — कीमत ₹10 847/क्विंटल, सरकार ₹5 423 अनुदान दे रही है, यानी किसान को लगभग ₹5 423 देना होगा।
चना की सभी प्रमाणित किस्में — कीमत ₹10 320/क्विंटल, अनुदान ₹5 160, अर्थात् किसान को ₹5 160/क्विंटल देना है।
मसूर की उन्नत किस्में — कीमत ₹11 050/क्विंटल, अनुदान ₹5 525, अतः किसान को ₹5 525/क्विंटल देना होगा।
मटर के प्रमाणित बीज — कीमत ₹7 093/क्विंटल, अनुदान ₹3 574, अतः किसान मात्र ₹3 574/क्विंटल में ले सकेंगे। (साथ ही अलसी आदि अन्य फसलों के लिए भी इसी तरह की छूट उपलब्ध है — जैसे उदाहरण के लिए अलसी के प्रमाणित बीज की कीमत ₹14 500/क्विंटल थी, अनुदान ₹7 250, आदि.)
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यह योजना उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए है — राज्य सरकार द्वारा इन फसलों के उन्नत बीजों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
किसान इन प्रमाणित उन्नत बीजों को राज्य के कृषि विभाग द्वारा संचालित राजकीय बीज भण्डार / कृषि बीज भंडार केंद्रों से प्राप्त कर सकते हैं।
आवेदन-प्रक्रिया में ध्यान दें: किसान को point-ऑफ़-सेल (पॉस) मशीन पर अंगूठा लगाना होगा और पर्ची प्राप्त करनी होगी, जिस पर “कृषक अंश” यानी किसान के हिस्से की राशि अंकित होगी। उस राशि को ही जमा करना है—और किसी भी अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं करना है।
वितरण पहले-आओ पहले-पाओ के आधार पर होगा यानी जितना स्टॉक होगा, उसे पहले आवेदन करने वाले किसानों में बाँटा जाएगा।
समय-सीमा व स्टॉक की उपलब्धता का ध्यान रखें — जैसा कि विभाग ने स्पष्ट किया है कि सीमित स्टॉक उपलब्ध है इसलिए जल्द आवेदन करना बेहतर है।
इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कहा है कि किसानों को किसी भी रूप में अतिरिक्त शुल्क नहीं देना चाहिए—तो यदि कोई केंद्र अधिक शुल्क लेने की कोशिश करे, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
इस तरह की बीज-सब्सिडी योजना से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज सस्ते दर पर मिलते हैं, जिससे उपज में सुधार, रोग-कीट नियंत्रण बेहतर होने और खेती की लागत घटने की संभावना होती है। उदाहरण के लिए, राज्य के कृषि विभाग ने बताया है कि उक्त बीज वितरण के लिए व्यापक तैयारियाँ की गई हैं।
सरकार ने बीज वितरण के साथ-साथ मिनी-किट्स, ब्लॉक-स्तरीय प्रदर्शन, किसान पाठशालाओं आदि की व्यवस्था भी की है ताकि किसानों को उन्नत तकनीक से अवगत कराया जाए।
आवेदन से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपने कृषक-रजिस्ट्रेशन, बैंक खाता-एड्रेस व आवश्यक दस्तावेज (जैसे भूमि विवरण, किसान कार्ड) अपडेट कर रखे हों, क्योंकि वितरण में इसी के आधार पर पहचान-प्रक्रिया होती है।
बीज खरीदने के बाद, बीज को सही तरीके से बीज उपचार (seed treatment) करना बेहद महत्वपूर्ण है — ताकि रोग-कीट से सुरक्षा हो सके, अंकुरण बेहतर हो और खेत में बोवनी सफल हो। राज्य के कृषि मंत्री ने विशेष रूप से इस पर ध्यान देने का आग्रह किया है।
यह योजना सीमित समय और सीमित मात्रा में उपलब्ध है — इसलिए जितना जल्दी आवेदन और बीज खरीद करें, उतना बेहतर रहेगा।
केंद्र व राज्य दोनों के कृषि विभागों द्वारा ही इस तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं; अतः यदि आपके जिले में वितरण केंद्र पर स्टॉक न हो, तो नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करके सूचनाएँ लें।