मटर की टॉप 3 हाई-यील्ड किस्में - अधिक मुनाफा देने वाली मटर की प्रमुख किस्में

Published on: 01-Dec-2025
Updated on: 01-Dec-2025

30–45 दिन में तैयार! रबी सीजनमें उगाइए मटर की ये फास्ट ग्रोइंग किस्में

Matar ki top 3 variety: अगर आप इस रबी सीजन में कम लागत में ज्यादा कमाई करने वाली फसल की तलाश में हैं, तो ताज़ी हरी मटर (Matar ki kheti आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। देशभर में किसानों की रुचि तेजी से मटर की खेती की ओर बढ़ रही है, क्योंकि यह कम समय में तैयार होने वाली फसल है और फरवरी–मार्च के दौरान बाजार में इसकी मांग भी चरम पर होती है। मांग बढ़ने के साथ मटर के दाम भी अच्छे मिलते हैं, जिससे किसानों को शानदार मुनाफा मिलता है। ICAR द्वारा विकसित वी.एल. माधुरी, वी.एल. सब्ज़ी मटर-15 और पूसा थ्री ऐसी उन्नत किस्में हैं जो अधिक उत्पादन, बेहतर गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।

मटर की टॉप 3 उन्नत और लाभदायक किस्में

1. वी.एल. माधुरी (VL Madhuri)

यह मटर (Pea farming) की एक आधुनिक और खास किस्म है, जिसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके दानों को बिना छिलके भी खाया जा सकता है। स्वाद, दानों की कोमलता और बाजार में बढ़िया दाम—तीनों मामलों में यह किस्म बाकी से काफी बेहतर मानी जाती है।

मुख्य विशेषताएँ

  • पंजाब, यूपी, बिहार और झारखंड के किसानों के लिए अत्यंत उपयुक्त किस्म।
  • नवंबर में बुवाई करने पर 122–126 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।
  • उपज क्षमता काफी अधिक—एक हेक्टेयर में लगभग 13 टन तक उत्पादन।
  • इस किस्म में उकठा रोग के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है, जिससे फसल सुरक्षित रहती है।
  • दानों की गुणवत्ता बढ़िया होने के कारण बाजार में इसकी मांग बनी रहती है।

2. वी.एल. सब्ज़ी मटर–15 (VL Sabji Matar–15)

यह ठंडी जलवायु के लिए विशेष रूप से विकसित किस्म है और उत्तर–पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में उत्कृष्ट उत्पादन देती है। कम अवधि में पकने के कारण यह उन किसानों के लिए आदर्श है जो जल्दी मुनाफा पाना चाहते हैं।

मुख्य विशेषताएँ

  • रबी सीजन में बुवाई के लिए बेहतरीन किस्म।
  • मात्र 128–132 दिनों में फसल तैयार।
  • उत्पादन क्षमता 100–120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

कई प्रमुख रोगों के प्रति प्रतिरोधी—

  • चूर्णिल आसिता
  • म्लानि
  • सफेद सड़ांध
  • पर्ण-झुलसा

पौधे 60–70 सेमी ऊँचे होते हैं और फलियाँ आकर्षक हरी एवं हल्की घुमावदार।

3. पूसा थ्री मटर (Pusa Three)

अगर आप जल्दी तैयार होने वाली मटर की किस्म (Matar ki best variety) खोज रहे हैं, तो पूसा थ्री आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इसका अगेती होना किसानों के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि यह मौसम के शुरुआती समय में ही अच्छी पैदावार देने लगती है।

मुख्य विशेषताएँ

  • अगेती किस्म—बहुत जल्दी फल देना शुरू कर देती है।
  • बुवाई के लगभग 50–55 दिनों बाद ही फलियाँ आने लगती हैं।
  • प्रति एकड़ 20–21 क्विंटल तक उत्पादन संभव।
  • प्रत्येक फली में लगभग 6–7 दाने होने से दानों की भरावट अच्छी रहती है, जो बाजार में ज्यादा दाम दिलाती है।
  • उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में खेती के लिए विशेष रूप से उपयुक्त।

निष्कर्ष

अगर किसान रबी के मौसम में कम समय में ज्यादा उत्पादन और बढ़िया लाभ लेना चाहते हैं, तो ICAR द्वारा विकसित ये तीनों मटर की किस्में बेहद भरोसेमंद विकल्प हैं। कम लागत, रोग प्रतिरोधक क्षमता और उच्च उपज—इन सभी खूबियों के कारण किसान इन किस्मों को अपनाकर अपनी कमाई को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

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