केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम से लाखों किसानों को होगा लाभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) को व्यवस्थित किया है, जिसको बेहतर रूप से चलाने हेतु केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा बुधवार को बैठक की गयी। इस दौरान नरेंद्र तोमर ने संबंधित अधिकारियों से कहा है, कि भारत में कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के साथ ही किसानों द्वारा किये गए उत्पादन के उचित भाव प्रदान करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। इसलिए कोई भी योजना किसानों के लाभ के लिए ही बनती है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, भारतीय बागवानी के विकास पर कलस्टर विकास कार्यक्रम के कार्यान्वयन की सहायता से किसानों को हर संभव लाभ हो इसपे जोर दिया जायेगा। निश्चित रूप से किसानों को इस कार्यन्वयन से फायदा होगा। तोमर ने कहा कि पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, झारखंड, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और असम समेत विभिन्न राज्यों को भी उनकी प्रमुख फसल संबंधित चिन्हित किए गए ५५ कलस्टरों की तालिका में साम्मिलित किया जाना होगा। तोमर ने बताया कि पहचान किए गए संगठनों के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से संबंधित संस्थानों के पास उपलब्ध जमीन का प्रयोग इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु होना चाहिए। तोमर ने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को फसल विविधीकरण एवं उत्पादन विक्रय हेतु बाजार से जोड़ने और क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया है।

किसानों को होंगे बेहद लाभ

बतादें कि, राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान लघु एवं सीमांत किसानों को फायदा प्रदान करने हेतु खेतों में संचलित की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी लेने व निगरानी उद्देश्य हेतु बुनियादी ढांचे की जियो टैगिंग इत्यादि की आवश्यकता है। बैठक में कहा गया है, कि क्लस्टर विकास कार्यक्रम में बागवानी उत्पादों की बेहतरीन व समयानुसार निकासी और परिवहन हेतु बहुविधि परिवहन के उपयोग के साथ अंतिम-मील संपर्कता का निर्माण करके संपूर्ण बागवानी पारिस्थितिकी तंत्र के परिवर्तन हेतु काफी सामर्थ्य है।


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सीडीपी अर्थव्यवस्था के लिए तो सहयोगी है, ही साथ में क्लस्टर-विशिष्ट ब्रांड भी निर्मित करेगा। जिससे उनको राष्ट्रीय व वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में साम्मिलित किया जा सके, इसकी सहायता से किसानों को अधिक पारिश्रमिक उपलब्ध हो पाएंगे। सीडीपी से तकरीबन १० लाख किसानों व मूल्य श्रृंखला से जुड़े हितधारकों को फायदा होगा। सीडीपी का लक्ष्य चयनित फसलों के निर्यातों में करीब २०% का सुधार हो और क्लस्टर फसलों की प्रतिस्पर्धात्मकता की वृद्धि हेतु क्लस्टर-विशिष्ट ब्रांड बनाना है। सीडीपी के माध्यम से बागवानी क्षेत्र में निश्चित तौर पर बेहद निवेश किया जा सकेगा।