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केंद्र सरकार का बड़ा कदम बनेंगे 2 लाख PACS, करोड़ों लोगों को होगा लाभ

केंद्र सरकार का बड़ा कदम बनेंगे 2 लाख PACS, करोड़ों लोगों को होगा लाभ

देश को नई दिशा और दुनियाभर में दमदार बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार नये कदम उठा रही है. जिसका असर अब धरातल पर भी देखने को मिल रहा है. हाल ही में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने PACS का दायरा बढ़ाते हुए  उसे दो लाख करने का ऐलान किया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि, अब तक देश में जो काम कॉमन सर्विस सेंटर कर रहे थे, वही काम PACS भी कर सकेगा. इतना ही नहीं इसका फायदा देश के लाखों करोड़ों लोगों को होने वाला है.

समझौते ज्ञापन पर हुए साइन

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने PACS को लेकर एक समझौते ज्ञापन यानि की एमओयू पर साइन किये हैं. इस दौरान सूचना प्रौद्योगिक मंत्री अश्वनी वैष्णव भी मौजूद रहे.

एकजुटता से बढ़ेगा दायदा

PACS का दायरा बढ़ाने के लिए कई लोगों की एकजुटता और भागीदारी होगी. जिसमें खास तौर पर सहाकारिता मिनिस्ट्री और नाबार्ड, CSCE गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड शामिल होगा.

किसानों और ग्रामीणों को मिलेंगी सेवाएं

केन्द्रीय गृह मंत्री और केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि, देश के सपने को साकार करने के लिए यह बड़ा कदम है. इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा जाएगा. इसके अलावा PACS  की मदद से किसानों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी 300 से ज्यादा CSC की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

पांच साल में 2 लाख PACS बनाने का लक्ष्य

केंद्रीय सरकार की नई योजना के तहत PACS को देश के हर बड़े और छोटे हिस्सों तक पहुंचाना है. जिसके लिए आने वाले पांच सालों में दो लाख PACS  बनाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि देश की आधी आबादी सहकारिता से जुड़ी है. जिसे देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय को अलग से बनाने का फैसला लिया था, जिसका फायदा आज देश के हर वर्ग को मिल रहा है.

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PACS को समझना जरूरी

PACS को प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी कहा जाता है. जो देश की सबसे छोटी ऋण संस्था है. किसानों और गरीबों की सहूलियत के लिए गांव पचायत के लेवल पर काम करती है. हालांकि सरकार की कोशिश यही है कि, इसकी सामान्य सेवा केंद्रों पर उपलब्ध की जाए. इसके अलावा किसान किसी के झांसे में ना फंसे इसका ध्यान रखते हुए PACS  बनाया गया है.

केंद्र सरकार ने तुअर दाल के लिए वेब पोर्टल लांच किया, किसानों को समय पर मिलेगा दाल का अच्छा भाव

केंद्र सरकार ने तुअर दाल के लिए वेब पोर्टल लांच किया, किसानों को समय पर मिलेगा दाल का अच्छा भाव

भारत के कृषकों को तुअर दाल का समुचित मूल्य मुहैय्या कराने के लिए भारत सरकार ने नई दिल्ली में Tur Dal Procurement Portal को लॉन्च कर दिया। इस वेब पोर्टल में कृषकों की सुविधाओं के लिए विभिन्न भाषाएं सम्मिलित की गई हैं। सरकार ने कृषकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। दरअसल, सरकार ने आज मतलब कि गुरुवार के दिन तुअर दाल की खरीद के लिए वेब पोर्टल की शुरुआत की है। दिल्ली में दलहन की आत्मनिर्भरता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" के दृष्टिकोण की दिशा में एक और शानदार कदम उठाते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तुअर उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद और भुगतान के लिए वेब पोर्टल का लोकार्पण किया गया। अब इससे किसान अपनी दाल की ऑनलाइन बिक्री करके सीधे भुगतान की राशि अपने खाते में प्राप्त कर सकते हैं। इस पोर्टल का नाम Tur Dal Procurement Portal निर्धारित किया गया है। सरकार की इस नवीन कवायद से घरेलू दाल उपज को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, आयात निर्भरता में भी कमी देखने को मिलेगी।

Tur Dal Procurement Portal का प्रमुख लक्ष्य क्या है ?

सरकार की इस कवायद का प्रमुख लक्ष्य तुअर दाल उत्पादकों को NAFED एवं NCCF द्वारा खरीद, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं एवं सीधे बैंक हस्तांतरण के जरिए शानदार कीमतों के साथ मजबूत बनाना है, जिससे घरेलू दाल उपज को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, आयात निर्भरता काफी कम होगी। इसके अंतर्गत उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक नेफेड एवं एनसीसीएफ के पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों से दालों के बफर स्टॉक के लिए खरीद की जाऐगी। ये भी पढ़ें: दालों की कीमतों में उछाल को रोकने के लिए सरकार ने उठाया कदम साथ ही, एमएसपी अथवा बाजार मूल्य, जो भी ज्यादा हो उसका भुगतान कृषकों को किया जाऐगा। इस पोर्टल का प्रमुख उद्देश्य कृषकों से सीधे 80% फीसद बफर स्टॉक खरीदकर आयात पर निर्भरता को कम करना है। यह केवल खाद्य उत्पादन को सुरक्षित करेगा बल्कि राष्ट्र की भविष्य की खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। 

Tur Dal Procurement Portal में कोई भी एजेंसी शामिल नहीं होगी 

सूत्रों से प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार, पोर्टल पर पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान तक की समस्त प्रक्रिया एक ही जरिए पर उपलब्ध रहेगी। किसान का पोर्टल पंजीकरण सीधा या PACS FPO के जरिए कर सकते हैं। साथ ही, किसान को भुगतान नाफेड द्वारा सीधे उनके लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा। साथ ही, इस मध्य में किसी भी एजेंसी को शामिल नहीं किया जाऐगा। यह संपूर्ण प्रक्रिया किसान केन्द्रित है, जिसमें पंजीकरण से लेकर भुगतान तक की गतिविधियों को किसान स्वयं ट्रैक कर सकते हैं।