ढाई हजार करोड़ रुपए से यूपी की 63 हजार सहकारी समितियां होंगी कंप्यूटरीकृत

ढाई हजार करोड़ रुपए से यूपी की 63 हजार सहकारी समितियां होंगी कंप्यूटरीकृत

0

उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट का फैसला : ढाई हजार करोड़ रुपए से उत्तर प्रदेश की 63 हजार सहकारी समितियां होंगी कंप्यूटरीकृत

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने सूबे की 63 हजार प्राथमिक सहकारी समितियों को कंप्यूटरीकृत करने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने ढाई हजार करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इस धनराशि से यूपी की 63 हजार सहकारी समितियों को डिजिटल बनाया जाएगा।

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में सहकारिता मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। केन्द्रीय ग्रह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अहम फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया है।

योजना से 13 करोड़ किसानों को मिलेगा फायदा

– यूपी केबिनेट के फैसले के बाद सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकृत होने से सहकारी समितियां आत्मनिर्भर बनेंगी। इस योजना से प्रदेश के 13 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। यह सहकारिता क्षेत्र में बड़ा सुधार है।

ये भी पढ़ें: अब सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को मिलेगा सरकार की योजनाओं का लाभ

केन्द्र सरकार से मिलेगा सहयोग

– सहकारिता क्षेत्र की कार्यप्रणाली को पारदर्शी व पूर्ण डिजिटलीकरण करने के लिए सरकार विशेष रूप से काम कर रही है। अगले वर्ष 2616 करोड़ की लागत से पांच सालों में देश की 63 हजार प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों को कंप्यूटरीकृत करने की योजना बनाई गई है।

केन्द्र और राज्य स्तर पर होगा परियोजना प्रबंधन

– इस परियोजना में साइबर सुरक्षा एवं आंकड़ों के संग्रहण के साथ-साथ क्लाउड आधारित साझा सॉफ्टवेयर का विकास, पैक्स को हार्डवेयर संबंधी सहायता प्रदान करना, रख-रखाव संबंधी सहायता एवं प्रशिक्षण सहित मौजूदा रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण शामिल है। यह सॉफ्टवेयर स्थानीय भाषा में होगा जिसमें राज्यों की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित करने संबंधी लचीलापन होगा। केन्द्र और राज्य स्तर पर परियोजना प्रबंधन इकाइयां (पीएमयू) स्थापित की जायेंगी। लगभग 200 पैक्स के समूह में जिला स्तरीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।

—–
लोकेन्द्र नरवार

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More