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कीटनाशक

जैविक खाद तैयार करने की प्रमुख विधियों के बारे में जाने यहां

जैविक खाद तैयार करने की प्रमुख विधियों के बारे में जाने यहां

रासायनिक खेती की तुलना में जैविक खेती बराबर या अधिक उत्पादन देती है, इसलिए कृषकों की उत्पादकता और मृदा की उर्वरता दोनों में जैविक खेती बहुत प्रभावी है। जैविक खेती वर्षा आधारित क्षेत्रों में और भी अधिक लाभदायक है। जैविक खेती से उत्पादन की लागत कम होती है और कृषक भाइयों को अधिक आय मिलती है।जैविक खाद तैयार करने की प्रमुख विधियाँ1. बायोगैस स्लरी बनाने की विधि  बायोगैस संयंत्र में गोबर गैस की पाचन प्रक्रिया में 25 प्रतिशत ठोस पदार्थ गैस में बदल जाता है और 75 प्रतिशत ठोस पदार्थ खाद में बदल जाता है। जो बायोगैस स्लरी कहलाता है, एक वर्ष...
कोरोमंडल इंटरनेशनल ने लांच किए 10 नए उत्पाद

कोरोमंडल इंटरनेशनल ने लांच किए 10 नए उत्पाद

कृषि-रसायन फर्म कोरोमंडल इंटरनेशनल ने शुक्रवार को फसल की पैदावार बढ़ाने और कीटों और बीमारियों से फसल की रक्षा के लिए पेटेंट सहित 10 नए उत्पाद पेश किए। इनमे तीन पेटेंट शामिल हैं, जिनका उद्देश्य फसल की पैदावार बढ़ाना, कीटों के संक्रमण को नियंत्रित करना और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है।कंपनी ने एक बयान में कहा कि नए उत्पादों में एक अभिनव नीम-लेपित जैव संयंत्र और मृदा स्वास्थ्य प्रमोटर और पांच सामान्य फॉर्मूलेशन शामिल हैं, जो भारतीय किसानों के लिए व्यापक फसल सुरक्षा समाधान पेश करते हैं।धान सहित कई फसलों के कीटों और रोगों से मिलेगा छुटकारापेटेंट...
धानुका ने लांच किया नया फर्टिलाइजर और कीटनाशक, जानिये क्या होगा फायदा

धानुका ने लांच किया नया फर्टिलाइजर और कीटनाशक, जानिये क्या होगा फायदा

धानुका कंपनी द्वारा नए फर्टिलाइजर और कीटनाशकों  को लांच किया गया है, यह कीटनाशक और फर्टिलाइजर ज्यादातर किसानों के लिए सब्जी उगाने के तौर पर निर्मित किया गया है। यह शक्तिशाली और प्रभावी कीटनाशक है। यह कीटनाशक थ्रिप्स, सफ़ेद मक्खी, फल छेदक कीट, जैसिड, अंकुर और पत्ते छेदक कीटों को नियंत्रित करने की प्रभावी क्षमता रखता है। यह पौधे से रस को चूसने वाले कीटों पर भी नियंत्रण रखता है। यह किसानों के लिए काफी सहायक और प्रभावी कीटनाशक है, यह फसल के नुक्सान पर भी नियंत्रण बनाये रखता है। एग्रो केमिकल कंपनी धानुका ने खेती के लिए नया कीटनाशक...
जैविक खेती का प्रमुख आधार ट्राइकोडर्मा क्या है ? इसके प्रयोग की विधि एवं लाभ क्या क्या है ?

जैविक खेती का प्रमुख आधार ट्राइकोडर्मा क्या है ? इसके प्रयोग की विधि एवं लाभ क्या क्या है ?

ट्राइकोडर्मा  एक भिन्न फफूँद है, जो मिट्टी में पाया जाता है। यह जैविक फफूँदीनाशक है, जो मिट्टी एवं बीजों में पाये जाने वाले हानिकारक फफूँदों  का नाश कर पौधे को स्वस्थ एवं निरोग बनाता है ।ट्राइकोडर्मा के कई उपभेदों को पौधों के कवक रोगों के खिलाफ जैव नियंत्रण एजेंटों के रूप में विकसित किया गया है। ट्राइकोडर्मा पौधों में रोगों को कई तरह से प्रबंधित करता है यथा एंटीबायोसिस, परजीवीवाद, मेजबान-पौधे के प्रतिरोध को प्रेरित करना और प्रतिस्पर्धा शामिल हैं।  अधिकांश जैव नियंत्रण एजेंट टी. एस्परेलम, टी. हार्ज़ियनम, टी. विराइड, और टी. हैमैटम प्रजातियों के हैं।  बायोकंट्रोल एजेंट आम...
कृषि और बागवानी में ट्राइकोडर्मा के चमत्कारिक फायदे

कृषि और बागवानी में ट्राइकोडर्मा के चमत्कारिक फायदे

ट्राइकोडर्मा कवक की एक प्रजाति है जो पौधों पर अपने विविध लाभकारी प्रभावों के कारण कृषि और बागवानी में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कवक का यह बहुमुखी समूह अपने माइकोपरसिटिक, बायोकंट्रोल और पौधों के विकास को बढ़ावा देने वाले गुणों के लिए बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही  है। 1. माइकोपैरासिटिक क्षमताएंट्राइकोडर्मा प्रजातियां निपुण माइकोपैरासाइट हैं, जिसका अर्थ है कि वे अन्य कवक के विकास को परजीवीकृत और नियंत्रित करते हैं। यह विशेषता कृषि में विशेष रूप से मूल्यवान है, जहां मिट्टी से पैदा होने वाले रोगज़नक़ फसल को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाते हैं। वही ट्राइकोडर्मा की विविध प्रजातियां...
फसलों पर कीटनाशकों का प्रयोग करते समय बरतें सावधानी, हो सकता है भारी नुकसान

फसलों पर कीटनाशकों का प्रयोग करते समय बरतें सावधानी, हो सकता है भारी नुकसान

फसलों पर कीटों का हमला होना आम बात है। इसलिए लोग पिछली कई शताब्दियों से कीटों से छुटकारा पाने के लिए फसलों पर कीटनाशकों का प्रयोग करते आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि किसानों ने रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ा दिया है। साथ ही जैविक कीटनाशकों का प्रयोग तेजी से कम हुआ है। बाजार में उपलब्ध सभी कीटनाशकों को प्रमाणिकताओं के आधार पर बाजार में बेंचा जा रहा है, इसके बावजूद रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से फसलों को नुकसान होता है और किसान इससे बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। फसलों...