आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देशव्यापी 15 दिवसीय "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के अंतर्गत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के साथ दिल्ली के बाहरी इलाके स्थित तिगीपुर गांव में प्रवास कर वहां किसानों से चौपाल पर संवाद किया।
शिवराज सिंह ने कृषि-ड्रोन तकनीक का अवलोकन भी किया। यहां शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की हर कृषि योजना का लाभ दिल्ली के किसानों को भी मिलेगा।
शिवराज सिंह ने कहा कि अब खेती-बाड़ी की योजनाएं बंद कमरों में नहीं बल्कि खेतों में बनेंगी। साथ ही, शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम दिल्ली के किसानों की तकदीर व तस्वीर बदलेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने सबसे पहले तिगीपुर में किसान चौपाल में किसानों से खुला संवाद कर उनकी बातें ध्यानपूर्वक सुनी। उन्होंने बीज उत्पादन, पॉलीहाउस खेती, स्ट्रॉबेरी उत्पादन और अन्य उच्च मूल्य फसलों से जुड़े उत्पादन को लेकर किसानों से चर्चा की।
उन्होंने नवाचार करने वाले किसानों के अनुभव को जाना और उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे प्रगतिशील किसान देश की नई खेती के अग्रदूत हैं।
इसके बाद श्री चौहान ने ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन देखा, जिसमें कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव की आधुनिक विधियों को प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने वैज्ञानिकों से तकनीक की लागत, प्रभावशीलता और अनुकूलन के बारे में जानकारी ली। शिवराज सिंह ने नर्सरी का भी अवलोकन किया और अन्य किसानों से चर्चा करते हुए उनकी खेती-बाड़ी से जुड़ी बातें जानीं।
बाद में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह किसान सम्मेलन में शामिल हुए, जहां को उन्होंने कहा कि अब अनुसंधान बंद कमरों में नहीं बल्कि खेतों में किसानों के साथ मिलकर होगा।
वैज्ञानिक गांव-गांव पहुंचकर जो फीडबैक लाएंगे, उसी के आधार पर किसानों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पिछले 15 दिनों में देशभर में आईसीएआर की 2,170 टीमों ने किसानों के बीच जाकर तकनीक और शोध संबंधी जागरूकता फैलाई है।
किसानों की समस्याओं को सुनकर जो समाधान मिल सके, उसके लिए त्वरित कार्य किया गया है और बाकी पर गंभीरता से प्रयास जारी हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों को मिट्टी की घटती उर्वरता के बारे में आग्रह किया कि मिट्टी की जांच अवश्य कराएं और सॉइल हेल्थ कार्ड के आधार पर फसल का चयन करें। यही टिकाऊ कृषि का आधार है।
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उन्होंने बताया कि सरकार का विशेष फोकस अब फसल विविधीकरण, बाजारोन्मुखी खेती, और बागवानी आधारित मॉडल पर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे क्षेत्रों को बागवानी हब के रूप में विकसित किया जा सकता है क्योंकि यहां बाजार की उपलब्धता बहुत मजबूत है। श्री चौहान ने कहा कि अब तकनीक के बिना खेती में प्रतिस्पर्धा संभव नहीं है।
खेती हो या मार्केटिंग – दोनों में किसानों को प्रौद्योगिकी का सहयोग लेना होगा। केंद्र सरकार इसके लिए हर स्तर पर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।