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मधुमक्खी पालकों के लिए आ रही है बहुत बड़ी खुशखबरी

मधुमक्खी पालकों के लिए आ रही है बहुत बड़ी खुशखबरी

शहद के गुणों के बारे में कौन नहीं जानता है। प्राकृतिक मिठास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली यह गुणकारी चीज घर घर में पाई जाती है। आजकल लोग भारी मात्रा में मधुमक्खी पालन करते हैं और इस व्यवसाय से काफी मुनाफा कमा रहे हैं। आपके लिए शायद यह नई बात होगी, लेकिन मधुमक्खी पालन के व्यवसाय में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि, बहुत से ऐसे लोग हैं, जो मधुमक्खी पालन में अड़चन बन जाते हैं। साथी ही, मधुमक्खियों की सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं। हाल ही में मधुमक्खी पालन संघ के बोर्ड के मेंबर ट्रेवर टॉज़र ने सभी मधुमक्खी पालकों के लिए एक बहुत ही बेहतरीन खबर दी है। उनके अनुसार, नया टीका 'मधुमक्खी पालकों के लिए एक रोमांचक कदम' हो सकता है। उनके द्वारा की गई बातचीत से पता चलता है, कि इस टीके का इस्तेमाल करने के बाद आपको बहुत महंगे उपचार करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप इस व्यवसाय के बाकी क्षेत्रों पर अच्छी तरह से ध्यान दे सकते हैं। देश दुनिया के सभी मधुमक्खी पालन करने वाले व्यवसायियों के लिए यह खबर बेहद खुशखबरी लेकर आई है। क्योंकि अब उनकी मधुमक्खियां पहले के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ रहेगी, जिससे शहद का उत्पादन भी अपने आप ही बढ़ेगा। ये भी देखें: मधुमक्खी पालन को 500 करोड़ देगी सरकार मधुमक्खियों के लिए बने इस टीके के उपयोग के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंजूरी दे दी है। इस टीके को मधुमक्खी कालोनियों को अमेरिकी फाउलब्रूड रोग से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दरअसल, फाउलब्रूड एक ऐसा रोग है, जो जीवाणु संक्रमण का एक रूप है और यह सीधा मधुमक्खी के लारवा पर हमला करता है और मधुमक्खियों की पूरी कॉलोनी को कमजोर कर देता है। डालन एनिमल हेल्थ के सीईओ एनेट क्लेसर ने हाल ही में हुई बातचीत में बताया कि, मधुमक्खियां एक ऐसा जीव है जो ईको सिस्टम के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे में इस टीके को मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए भी एक बहुत ही कामयाब पहल मानी जा रही है। इन सबके साथ ही बायोटेक फॉर्म के अनुसार अमेरिकी कृषि विभाग ने इसी सप्ताह ही इस वैक्सीन के लिए लाइसेंस को पूरी तरह से मंजूरी दे दी है। संयुक्त राष्ट्र एफएओ के अनुसार, मधुमक्खियों, पक्षियों और चमगादड़ों जैसे परागणकों का वैश्विक फसल उत्पादन में लगभग एक-तिहाई हिस्सा है।
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रिपोर्ट की मानें तो संयुक्त राज्य अमेरिका में भी साल 2006 से मधुमक्खियों की कॉलोनियों में काफी ज्यादा कमी आई है। इसके लिए बहुत से कारक जिम्मेदार माने गए हैं। यह सभी कारक अंततः जाकर मधुमक्खी के स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं। बहुत से परजीवी और कीट मधुमक्खियों की सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं। कई बार मधुमक्खियों को इनके कारण इस तरह की बीमारियां हो जाती हैं। इस वैक्सीन का वितरण सभी तरह के मधुमक्खी योजना में एक योजना के अनुसार किया जाएगा
पशुओं की सभी बीमारियों की खबर देगा यह आईओटी आधारित उपकरण

पशुओं की सभी बीमारियों की खबर देगा यह आईओटी आधारित उपकरण

आधुनिक युग में मशीनीकरण काफी हद तक बढ़ती जा रही है। कोच्चि में रहने वाले दो दोस्तों द्वारा पशुओं की देखभाल और सुरक्षा हेतु एक ऐसा उपकरण तैयार किया गया है। जो पशुओं की प्रत्येक बीमारी और गतिविधियों की जानकारी प्रत्यक्ष रूप से मोबाइल ऐप के जरिए पशुपालकों तक पहुंचा देगा। बतादें, कि भारत की अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र का एक विशेष सहयोग रहा है। देश भर में अधिकांश किसान कृषि सहित पशुपालन भी कर रहे हैं। उधर भारत का एक बड़ा भाग पशुपालन करने में लगा हुआ है। यही कारण है, जो वर्तमान में भारत विश्व का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश है। बतादें, कि दूधारू मवेशी हमारी अर्थव्यवस्था को अच्छा करने में इतना सहयोग कर रहे हैं। वहीं, हमको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने पशुओं की देखभाल और सुरक्षा बेहतर रूप से रख पाएं।

इन दो लोगों ने इस अद्भुत कारनामे को किया है

पशु आम इंसान की तरह बोल नहीं पाते। इसके चलते पशु स्वयं अपने दुख-दर्द और पीड़ा किसी से नहीं बता सकते हैं। मसलन हम जब तक उनकी बीमारी के बारे में जान पाते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इस समस्या को मंदेनजर रखते हुए कोच्चि में मौजूद कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप ब्रेनवायर (WeSTOCK) ने मवेशियों की देखभाल और सुरक्षा हेतु एक उपकरण तैयार किया है। जो उन पशुओं की प्रत्येक गतिविधि पर ध्यान रखेगा। साथ ही, रोगिक लक्षण दिखने पर शीघ्रता से सतर्क कर देगा। यह अद्भुत कार्य को करने वाले रोमियो पी. जेरार्ड और श्रीशंकर एस. नायर हैं। जो कि कंपनी के संस्थापक और सह-संस्थापक है। ये भी पढ़े: बैंकिंग से कृषि स्टार्टअप की राह चला बिहार का यह किसान : एक सफल केस स्टडी

ब्रेनवायर कंपनी ने तैयार किया पशु इयर डिवाइस

ब्रेनवायर (WeSTOCK) कंपनी ने पशुओं की बेहतरी हेतु एक इयर डिवाइस तैयार किया है। इस डिवाइस को पशुओं के कान पर लगाया जाता है। डिवाइस पशु के कान पर लगाने के उपरांत आपको उनकी सेहत की सूचना, गतिविधि निगरानी, ताप चक्र, मौसम निगरानी, पशु चिकित्सक मदद इत्यादि की जानकारी प्रत्येक 10 सेकेंड में प्राप्त होती रहती है। इसके हेतु एक ऐप भी तैयार किया गया है। साथ ही, मवेशियों के गर्भाधान की भी सूचना आपको प्राप्त होती है।

यह एक IoT- आधारित डिवाइस है

आईओटी-आधारित उपकरण का इस्तेमाल फिलहाल केरल एवं बाहर दोनों में समकुल 600 से ज्यादा गायों में किया गया है। WeSTOCK की तैनाती के लिए महाराष्ट्र और कश्मीर की सरकारें ब्रेनवायर्ड से परस्पर संपर्क में हैं। इस फायदेमंद तकनीक को अगर भारत के समस्त पशुओं में लगाया जाता है। तब, रोगों से मवेशियों की मृत्यु के आंकड़े काफी कम होने लग जाएंगे