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केंद्र सरकार ने 'खोपरा' नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने 'खोपरा' नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को दी मंजूरी

भारत सरकार देश के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राज्य तथा केंद्र सरकारें आए दिन कृषि नीति और कानून में किसान हितैषी बदलाव करती रहती हैं। ताकि किसानों को फायदा हो और वह अपने पैरों पर खड़ी रह सकें। हाल ही में भारत सरकार की कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मिलिंग खोपरा (नारियल) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 270 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। इसी के साथ सरकार ने घोषणा की है, कि अब बॉल खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी 750 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोत्तरी की गई है। सरकार की इस घोषणा से नारियल उत्पादक किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी किए जानें से किसान भाई नारियल की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे। जिससे नारियल की खेती का रकबा बढ़ाने में मदद मिलेगी। अगर इस खेती से किसानों को अच्छी आमदनी होने लगती है, तो नारियल का प्रसंस्करण बिजनेस को बढ़ाने में भी किसान आगे आ सकते हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद अब इस कीमत पर बिकेगा नारियल

सरकार ने कहा है, कि नारियल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद अब मिलिंग खोपरा 10,860 रुपये क्विंटल के भाव पर बिकेगा। नारियल की इस किस्म पर 270 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। जब कि बॉल खोपरा नारियल 11,750 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिकेगा। इस नारियल पर 750 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के बढ़ने से नारियल के किसानों का मुनाफा बढ़ने की पूरी संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कहा है, कि नारियल की कीमतों का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिश पर किया गया है। साथ ही, कीमतों के निर्धारण में प्रमुख नारियल उत्पादक राज्यों के सुझावों पर भी गौर किया गया है। नारियल की खेती गेहूं, चावल और सब्जियों से ज्यादा मुनाफे वाली खेती होती है। यदि किसान वैज्ञानिक तकनीकों के जरिए नारियल की खेती करें, तो इस खेती से किसान बंपर कमाई कर सकते हैं। नारियल की खेती में एक बार रोपाई करने के बाद आगामी 80 सालों तक इसकी फसल ली जा सकती है। साथ ही, नारियल के बाग में खाली पड़ी जमीन में काली मिर्च, इलायची या दूसरी मसाला फसलों की खेती करके अतिरिक्त आय भी अर्जित की जा सकती है।


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इन दिनों भारत के साथ ही विदेशी बाजारों में साबुत नारियल तथा नारियल के तेल की जबरदस्त मांग है। साथ ही, इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे भविष्य में किसानों के पास इस खेती से अच्छी कमाई करने का मौका होगा।
नारियल और जैतून के तेल से होने वाले शारीरिक लाभ, इनमें कितना अंतर है

नारियल और जैतून के तेल से होने वाले शारीरिक लाभ, इनमें कितना अंतर है

नारियल एवं जैतून दोनों तेल का उपयोग खाने के लिए किया जाता है। इनके औषधीय गुणों की वजह विगत कई सालों से बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। खाना तैयार करने के लिए हम कई तरह के खाद्य तेलों का इस्तेमाल करते हैं। यह तेल हमारे रोजमर्रा के आहार का एक मूलभूत हिस्सा है और यह हमारे पसंदीदा व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। नारियल और जैतून का तेल अपने स्वास्थ्य लाभों की वजह से जाने जाते हैं और इनके औषधीय गुणों की वजह से विगत कई वर्षों से बाजार में मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। चलिए आज हम इस लेख में आपको खाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नारियल तथा जैतून के तेल की विशेषताऐं बताने जा रहे हैं। नारियल और जैतून के तेल से तैयार किया गया भोजन काफी स्वादिष्ट होता है।

नारियल का तेल किस तरह निकलता है

नारियल का तेल पके हुए नारियल के गूदे से निकाला जाता है। इसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में खाद्य के रुप में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि नारियल के तेल में काफी ज्यादा मात्रा में फैटी एसिड होता है, जिसका ज्यादा सेवन हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।

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नारियल तेल का सेवन करने से होने वाले लाभ

नारियल तेल वजन कम करने में अहम भूमिका निभाता है

नारियल तेल का इस्तेमाल वजन कम करने के लिए किया जा सकता है। तेल में मीडियम चेन फैटी एसिड की भाँति लॉरिक एसिड, कैप्रेटेलिक एसिड और कैपरिक एसिड होते हैं, जो हमारे शरीर का वजन घटाने में सहायता करते हैं। नारियल तेल और जैतून

नारियल के तेल से बेहतरीन पाचन होता है

नारियल के तेल से शरीर में अच्छा पाचन होता है। नारियल तेल का इस्तेमाल खाना पकाने में करने से हमारे शरीर का पाचन तंत्र बेहतर ढ़ंग से कार्य करता है। इसके अतिरिक्त यह इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम जैसे कि कब्ज, डायरिया एवं गैस से संबंधित समस्याओं के लिए भी लाभदायक होता है।

नारियल का तेल डायबिटीज में फायदेमंद है

नारियल तेल को मधुमेह के उपचार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। रिसर्च के मुताबिक, वर्जिन कोकोनट ऑयल में डायबिटीज नियंत्रित करने की क्षमता होती है, जिसका इस्तेमाल मधुमेह से जुड़े रोगियों को जरूर करना चाहिए।

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जैतून के तेल के कितने फायदे होते हैं

जैतून का तेल मॉइस्चराइजिंग गुणों से युक्त होता है। बतादें, कि इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करना हमारे शरीर को बहुत सारी बीमारियों एवं स्वास्थ्य समस्याओं से बचाता है। जैतून के तेल के अंदर विटामिन-ई, विटामिन के, आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट विघमान रहते हैं।

जैतून के तेल का उपयोग आंखों का बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है

आजकल हम सारा दिन कंप्यूटर, टीवी एवं मोबाइल पर कार्य करते हैं। ऐसी स्थिति में आँखों के विशेष ख्याल के लिए आपको अपने खाने में जैतून के तेल का उपयोग करना चाहिए। इसका सेवन करने से आपकी आंखों के आसपास रक्त संचार बढेगा। साथ ही, थकान भी दूर हो जाती है।

जैतून के तेल से उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है

वर्तमान में सभी लोगों पर काम का दवाब, तनाव एवं अन्य समस्याओं की वजह से उच्च रक्तचाप की समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति में अपनी डाइट में ऑलिव ऑयल मतलब कि जैतून के तेल को अवश्य शम्मिलित करना चाहिए। यह हमारे शरीर के हाई ब्लड प्रेशर के संकट को कम करता है।

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जैतून का तेल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काबू करता है

कोलेस्ट्रॉल से बचाव के लिए आप ऑलिव ऑयल का उपयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट हमारे शरीर में रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है। जैतून के एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल में पॉलीफेनॉल से हमारे शारीरिक रक्त संचार को नियंत्रित करता है। इसके साथ साथ जैतून का तेल बहुत सारे अन्य फायदे भी मानव शरीर को पहुँचाता है।