इस राज्य में खड़ी गेहूं की हरी फसल को बेचकर किसान अच्छी आय कर रहे हैं

भारत में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए हर एक संभव प्रयास किए जा रहे हैं। खेती से ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने के लिए नए-नए प्रयोग आजमाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में खेतों में खड़ी लहराती गेहूं की फसल काटने से मुनाफे का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है, जो काफी फायदेमंद हो रहा है। पूरे भारत में लोग इस बात को लेकर आश्चर्चचकित हैं, कि क्या वास्तविकता में हरी खड़ी गेहूं की फसल को काटने के बाद अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। दरअसल, यह बात भी बिल्कुल सच है, कि ऐसा हो रहा है। किसान हरी खड़ी गेहूं की फसल को बेचा जा रहा है। साथ ही, किसान बिना किसी दिक्कत परेशानियों के खूब पैसा कमा रहे हैं। ये भी पढ़े: एक घंटे में होगी एक एकड़ गेहूं की कटाई, मशीन पर सरकार की भारी सब्सिडी बतादें कि हरी फसल महाराष्ट्र में बेची जा रही है, खेतों में लहलहाती गेहूं की हरी फसलों को मशीनों से काटकर रोलपैक किया जा रहा है। अब यह जानना काफी आवश्यक हो गया है, कि आखिर हरी गेहूं की फसल को कहाँ बेचा जा रहा है। इससे किस प्रकार किसान अच्छी खासी आय कर रहे हैं। इस लेख में आगे हम आपको इस विषय की संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

विदिशा के गांवों में बिक रही गेहूं की खड़ी हरी फसल

महाराष्ट्र राज्य में स्थित जनपद विदिशा के गांवो में फिलहाल एक निजी कंपनी द्वारा किसानों की हरी फसल खरीदना चालू कर दिया गया है। बतादें, कि गेहूं की लहलहाती फसल को कंपनी खरीदकर कटाई कर रही है, नरवाई सहित रोलपैक करके बाहर भेजा जा रहा है। विदिशा तहसील के समीप सांकलखेड़ा कला एवं देवखजूरी में निजी कंपनी के ट्रेक्टर, मशीनें दिखाई पड़ रही हैं।

केएस खपेड़िया रोलपैक के मसले से अनविज्ञ हैं

किसानों के बताने के अनुसार कंपनी हरी फसल को नरवाई समेत रोपर जैसी कटाई कर रही है। लगभग दो घंटे के उपरांत कटी फसल पर किसी कैमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। उसके बाद बालियों समेत नरवाई लगी फसल को रोलपैक किया जा रहा है। जबकि इस रोलपैक एयरटाइट पॉलीथिन से जुड़ी कृषि उपसंचालक केएस खपेड़िया को किसी प्रकार की जानकारी नहीं है, वह पूरे मसले से अनविज्ञ हैं।

इस तरह खरीददारी की जा रही है

किसानों ने बताया है, कि निजी कंपनी के कर्मचारी खेत के उत्पादन एवं मौजूदा फसलीय स्थिति को देखकर ही भाव निर्धारित करते हैं। अगर हम रेट की बात करें तो 10 क्विंटल गेंहू का सौदा तकरीबन 20 हजार रुपए में किया जा रहा है। किसानों को फसल तैयार होने से पूर्व ही भाव प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही, कटाई होने से लगाकर साफ करने की समस्याओं से छुटकारा मिल रहा है। इस वजह से किसान फायदे के सौदे में रूचि व्यक्त कर रहे हैं।

कुछ किसानों ने हरी फसल बेची तो कुछ ने किया साफ इंकार

आमदनी को देखते हुए किसान हाथों-हाथ निजी कंपनी को खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को विक्रय करने में रूचि व्यक्त कर रहे हैं। हालाँकि, अधिकांश किसान कच्ची फसल कंपनी को बेचने से स्पष्ट रूप से मना कर रहे हैं। वह फसल तब बेचना अच्छा मान रहे हैं, जब फसल बिल्कुल तैयार हो जाए। ये भी पढ़े: गेहूं की फसल बारिश और ओले के अलावा इस वजह से भी होगी प्रभावित

इस विषय में ना शासन को जानकारी ना प्रशासन को

साथ ही, कंपनी की तरफ से की जा रही खरीददारी से संबंधित अधिकारियों ने बताया है, कि सरकारी स्तर पर इस प्रकार की कोई पहल नहीं की गई है। वहीं जिले के अधिकारियों को भी इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। परंतु, कंपनी के कर्मचारी किसानों के खेत पर पहुंच रहे हैं। तो वहीं मौके पर पहुँच सर्वेक्षण कर गेहूं की हरी फसल को किसानों से खरीदा जा रहा है।