जाने दुनिया के कुछ दुर्लभ मशरूम किस्मों के बारे में, बाजार में मूल्य है लाखों से भी ज्यादा

आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर काफी ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में वह किसी भी तरह की सब्जियां फल खाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखते हैं, कि उससे उन्हें अच्छी तरह से पोषण मिल सके। मशरूम भी एक ऐसी ही सब्जी है। मशरूम को अलग-अलग तरह की सब्जियों के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है या फिर ऐसे कई बार सलाद आदि में भी इस्तेमाल किया जाता है। मशरूम की कुछ वैरायटी बेहद दुर्लभ होती हैं। ये सेहत के लिए संजीवनी समान है, लेकिन इन्हें खरीदने के लिए आपको लाखों खर्च करने पड़ सकते हैं। इनकी खेती करना फायदे का सौदा साबित होगा।

यूरोपियन व्हाइट ट्रफल मशरूम

यूरोपियन व्हाइट ट्रफल मशरूम को दुनिया का सबसे महंगा मशरूम कहते हैं। वैसे तो हम सभी जानते हैं, कि मशरूम एक तरह की फंगी है, लेकिन यह मशरूम बेहद दुर्लभ है। इसके दुर्लभ होने का कारण है, कि इस मशरूम की खेती पारंपरिक तरीके से नहीं की जा सकती है। बल्कि यह बहुत से पुराने पेड़ों पर कई बार अपने आप ही उग जाता है।
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इस मशरूम में बहुत से चमत्कारी गुण हैं, जिसकी वजह से यह हमेशा ही डिमांड में रहता है। इंटरनेशनल मार्केट में यूरोपियन व्हाइट ट्रफल मशरूम की कीमत 7 लाख से 9 लाख प्रति किलोग्राम बताई गई है।

मत्सुताके मशरूम

जापान के बारे में हम सभी जानते हैं, कि जापान को दुनिया के सबसे महंगे फल, सब्जी और अनाज उत्पादक देश के तौर पर जानते हैं। यहां दुनिया का सबसे दुर्लभ मत्सुताके मशरूम भी पाया जाता है, जो अपनी खुशबू के लिए बहुत मशहूर है। इस मशरूम का रंग भूरा होता है और यह खाने में भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। अगर इसकी कीमत की बात की जाए तो यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 3 लाख से 5 लाख का बिकता है।

ब्लू ऑयस्टर मशरूम

आपने व्हाइट ऑयस्टर मशरूम का नाम तो काफी सुना होगा। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं, ब्लू एस्टर मशरूम के बारे में, जो प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और फाइबर का काफी अच्छा सोर्स है। आजकल मशरूम की यह कि हम भारतीयों के बीच में काफी लोकप्रिय हो रही है। अगर बाजार में इसके मूल्य की बात की जाए तो यह मशरूम बाजार में 150 से 200 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है। साधारण किस्मों के मशरुम के बजाय भारत में इन दिनों ब्लू ऑयस्टर मशरूम की खेती का चलन काफी बढ़ रहा है।

शैंटरेल मशरूम

वैसे तो हम सभी जानते हैं, कि मशरूम ज्यादातर जंगली इलाकों में पाए जाते हैं और यह बहुत बार अपने आप ही उठ जाते हैं। लेकिन एक मशरूम की किस्म ऐसी भी है जो यूरोप और यूक्रेन के समुद्र तटों पर पाया जाता है। इसका नाम शैंटरेल मशरूम है। वैसे तो इसके कई रंग हैं, लेकिन पीले रंग का सेंट्रल मशरूम सबसे खास है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में 30,000 से 40,000 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिकता है।
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एनोकी मशरूम

मशरूम की है, कि साल 2021 में गूगल की टॉप सर्च रेसिपी में से एक मानी गई है। यह मशरूम ज्यादातर जापान और चीन के जंगली इलाकों में उगाया जाता है और वहीं पर खाया जाता है। यह मशरूम एक जंगली मशरूम है, जो चीनी हैकबेरी, टुकड़े, राख, शहतूत और खुरमा के पेड़ों पर उगता है। इसे विंटर फंगस भी कहते हैं, जिसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम करते हैं। आपको बतादें, कि केसर की तरह ही एनोकी मशरूम की खेती भी एक चारदीवारी में आधुनिक लैब बनाकर की जा सकती है। इसे एनोकी टेक मशरूम भी कहते हैं।

गुच्छी मशरूम

यह मशरूम हिमालय के आसपास और वहां पर सटे हुए इलाकों में पाया जाता है। मशरूम की यह किस्म प्रमुख तौर पर चीन, नेपाल, भारत और पाकिस्तान से सटी हिमालय की वादियों में मिलती है। ऐसा माना जाता है, कि गुच्छी मशरूम अपने आप ही उग जाता है। इसे स्पंज मशरूम भी कहते हैं, जिसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुच्छी मशरूम को 25,000 से 30,000 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बेचा जाता है। विदेशी बाजारों में इस मशरूम का काफी डिमांड है। हिमालय के स्थानीय लोग इस मशरूम को ढूंढने तड़के सुबह जंगलों में निकल पड़ते हैं।
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ब्लैक ट्रफल मशरूम

व्हाइट ट्रफल मशरूम की तरह ही ब्लैक ट्रफलमशरूम भी बेहद लोकप्रिय हैं। इस मशरूम को खोजने के लिए वैल ट्रेन्ड डॉग्स का सहारा लिया जाता है। ब्लैक ट्रफल मशरूम भी कई विदेशी बाजारों में 1 लाख से 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है।