नाशपाती की खेती कर किसान हो रहे हैं मालामाल, जानें कैसे उठा सकते हैं आप यह फायदा

नाशपाती (Pear) एक ऐसा फल है, जो हर भारतीय घर में खाया जाता है। अगर नाशपाती के पेड़ की बात की जाए तो लगभग हर पेड़ में एक से 2 क्विंटल तक फलों का उत्पादन हो जाता है। 

इस तरह से प्रति हैक्टेयर बाग से 400 से 700 क्विंटल नाशपाती की ऊपज होती है। नाशपाती एक मौसमी फल है, जिसको खाने से सेहत को भी कई फायदे मिलते हैं। 

नाशपाती का फल फाइबर से भरा हुआ होता है और साथ ही इसमें आयरन की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है। ज्यादातर जो लोग अपना हीमोग्लोबिन बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें यह फल खाने की सलाह दी जाती है। 

इसके सेवन से बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है। यही वजह है, कि लोग इसे खाना पसंद करते हैं और बाजार में इसकी मांग भी रहती है। किसान इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

अगर नाशपाती की किस्मों की बात की जाए तो दुनिया भर में लगभग नाशपाती की कुल तीन हजार से ज्यादा कैसे मिलती हैं। भारत में नाशपाती की कुल किस्मों में से लगभग 20 के करीब किस्मों का उत्पादन किया जाता है। 

भारत में नाशपाती की खेती ज्यादातर जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में की जाती है। नाशपाती का पौधा एक मध्यम आकार का पौधा होता है, जो लगभग 30 फीट तक की ऊंचाई तक बढ़ता है। 

इसकी खेती के फैलाव की बात की जाए तो यह लगभग 8 से 18 फीट तक पहुंच जाती है। नाशपाती के पौधे या पेड़ का आकार पूरी तरह से प्रशिक्षण प्रणाली, रूटस्टॉक और जड़ के विकास पर निर्भर करता है।

नाशपाती की खेती के लिए मिट्टी का प्रकार

नाशपाती की खेती के लिए उच्च स्तर की मिट्टी की बात की जाए तो यह बलुई दोमट और गहरी मिट्टी में बहुत अच्छी तरह से उगता है। सरल शब्दों में बात की जाए तो नाशपाती की खेती के लिए ऐसी मिट्टी एकदम उचित मानी गई है। 

जिसमें ज्यादा पानी ना ठहरता हो और पानी आसानी से निकल जाए। इसकी खेती अच्छी जल निकासी के साथ गहरी मिट्टी में खेती की जाती है। इसे लगाते समय एक बात का ध्यान रखने की जरूरत है, कि मिट्टी की परत के नीचे पहली मिट्टी ज्यादा गहरी नहीं होनी चाहिए। 

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नाशपाती के अलग अलग प्रकार

यह फल लगाने के लिए राज्य सरकारें ही बेहद जोर डाल रही हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि इस फल का सेवन करने से कुपोषण जैसी बीमारी को दूर किया जा सकता है। 

आलू और समशीतोष्ण फल अनुसंधान केंद्र ने नाशपाती के विभिन्न किस्मों के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि सभी प्रजातियों का मूल्यांकन करने के बाद पाया गया है, कि नाशपाती के बढिया वेराइटीज है जो बेहतर उत्पादन करते हैं। इनके नाम हैं, पत्थर नाग पंजाब नख, पंजाब गोल्ड, पंजाब नेक्टर, पंजाब ब्यूटी और बागूगोसा।

आवश्यक खाद और उर्वक

भूमि की तैयारी के समय, खेत की मेड़ को लगाना चाहिए। नाशपाती की खेती को अच्छी खास की बहुत जरूरत होती है। इसके लिए भूमि में नाइट्रोजन और फास्फोरस अच्छी मात्रा में होना चाहिए। 

अगर आप नाशपाती की खेती कर रहे हैं, तो आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है, कि हर साल आप खाद और उर्वरक को बढ़ाते रहें। इसके अलावा समय-समय पर मिट्टी की जांच भी करते रहना चाहिए। 

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नाशपाती के बगान में सब्जी की खेती

नाशपाती की फसल के साथ एक बहुत अच्छी बात यह है, कि जब तक आप के नाशपाती के बागान में फल नहीं आते हैं। तब तक वहां आप अलग अलग तरह की सब्जियां भी उगा सकते हैं। 

नाशपाती के बगान में जब तक फल नहीं लगे तब तक उड़द मूंग और तोरीया जैसी फसलें बगान से ली जा सकती है। जबकि रबी के मौसम में गेंहू चना और सब्जियां लगा सकते हैं। 

इसके अलावा इस जमीन पर अदरक और हल्दी आदि की खेती भी की जा सकती हैं। इस तरह से इस फल का उत्पादन करते हुए आप और ज्यादा लाभ कमा सकते हैं।