Published on: 23-Jan-2025
Updated on: 23-Jan-2025
कृषि वैज्ञानिकों ने जैव उर्वरक (बायोफर्टिलाइजर) या "जीवाणु खाद" (जैव उर्वरक) बनाया है जो भूमि की उर्वरता को टिकाऊ बनाए रखते हैं।
बायोफर्टिलाइज़र ऐसे लाभकारी सूक्ष्मजीवों के तैयार उपयोग के लिए जीवित फॉर्मुलेशन हैं, जो बीज, जड़, या मिट्टी पर लगाने से अपनी जैविक गतिविधि के माध्यम से पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाते हैं और सामान्य रूप से मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।
इस लेख में हम आपको बायोफर्टिलाइज़र से जुडी सम्पूर्ण जानकरी देंगे।
बायोफर्टिलाइज़र का उपयोग क्यों किया जाता है?
हरित क्रांति में आयी नई तकनीकों के कारण आधुनिक कृषि मुख्यतः सिंथेटिक इनपुट्स (मुख्यतः उर्वरकों) पर निर्भर हो रही है, जो जीवाश्म ईंधन (कोयला और पेट्रोलियम) से निर्मित होते हैं।
इन सिंथेटिक इनपुट्स के अत्यधिक और असंतुलित उपयोग से कृषि भूमि पर हानिकारक प्रभाव दिखाई दे रहे हैं।
ऐसी स्थिति में बायोफर्टिलाइज़र जैसे प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल उत्पादों की गुणवत्ता को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
बायोफर्टिलाइज़र के उपयोग से होने वाले लाभ
- फसलों में बायोफर्टिलाइज़र के उपयोग से उपज में 20-30% तक वृद्धि हो सकती है।
- फसलों में इसका इस्तेमाल करने से रासायनिक नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की 25% तक पूर्ति हो जाती है।
- बायोफर्टिलाइज़र पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
- ये खेत की मिट्टी को जैविक रूप से सक्रिय बनाए रखता है।
- बायोफर्टिलाइज़र का कार्य प्राकृतिक मिट्टी की उर्वरता को पुनःस्थापित करना।
- बायोफर्टिलाइज़र फसलों को सूखे और कुछ मिट्टी जनित बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करना।
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बायोफर्टिलाइज़र के फायदे
बायोफर्टिलाइज़र किसानो के लिए किफायती होता है। उर्वरकों की तुलना में इसकी कीमत कम होती है जिससे कि किसान इसको आसनी से इस्तेमाल करके अच्छी उपज प्रपात कर सकते है।
बायोफर्टिलाइज़र उर्वरकों का पूरक होता है, ये पौधे को कई प्रकार के पोषक तत्व मुहैया करने में मदद करता है।
रासायनिक उर्वरक पर्यावरण में जहरीली गैसे छोड़ते है, जो कि पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती है। बायोफर्टिलाइज़र पर्यावरण के अनुकूल है।
बायोफर्टिलाइज़र में अधिक मात्रा में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस पाए जाते है जो कि नाइट्रोजन और फॉस्फोरस उर्वरकों के उपयोग की लागत को कम करता है।
बायोफर्टिलाइज़र के प्रकार
बायोफर्टिलाइज़र को इसमें उपस्थित पोषक तत्वों के आधार पर बाटा गया है, बायोफर्टिलाइज़र में कई प्रकार के पोषक तत्व होते है जो कि फसल की उपज में अच्छी वृद्धि कर सकते है। नीचे इसके प्रकार निम्नलिखित दिए गए है:
नाइट्रोजन के लिए बायोफर्टिलाइज़र
- राइजोबियम: लेग्युम फसलों के लिए, यानि कि दलहनी फसलों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- एज़ोटोबैक्टर/एज़ोस्पिरिलम: गैर-लेग्युम जाए की आनाज और कई अन्य फसलों के लिए एज़ोटोबैक्टर/एज़ोस्पिरिलम का इस्तेमाल किया जाता है।
- एसेटोबैक्टर: केवल गन्ने के लिए इस प्रकार के बायोफर्टिलाइज़र का इस्तेमल किया जाता है।
- ब्लू-ग्रीन एल्गी (बीजीए) और एजोला: धान की फसल जो कि नर्सरी तैयार करके लगाई जाती है, उसके लिए ब्लू-ग्रीन एल्गी (बीजीए) और एजोला का इस्तेमाल बहुत अच्छा माना जाता है।
फॉस्फोरस के लिए बायोफर्टिलाइज़र
- फॉस्फोटिका: सभी फसलों के लिए, राइजोबियम, एज़ोटोबैक्टर, एज़ोस्पिरिलम और एसेटोबैक्टर के साथ लगाया जाता है।
समृद्ध खाद के लिए बायोफर्टिलाइज़र
- सेल्यूलोलिटिक फंगल कल्चर का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जाता है ।
- फॉस्फोटिका और एज़ोटोबैक्टर कल्चर का इस्तेमाल भी खाद के रूप में किया जा सकता है।
फसलों के लिए अनुशंसित बायोफर्टिलाइज़र
- दलहन: राइजोबियम + फॉस्फोटिका, 200 ग्राम प्रत्येक प्रति 10 कि.ग्रा. बीज।
- गेहूं, ज्वार, मक्का: एज़ोटोबैक्टर + फॉस्फोटिका, 200 ग्राम प्रत्येक प्रति 10 कि.ग्रा. बीज।
- धान: एज़ोस्पिरिलम + फॉस्फोटिका, 5 किग्रा प्रत्येक प्रति हेक्टेयर।
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बायोफर्टिलाइज़र लगाने के तरीके
1. बीज उपचार
200 ग्राम नाइट्रोजनयुक्त बायोफर्टिलाइज़र और 200 ग्राम फॉस्फोटिका को 300-400 मिली लीटर पानी में मिलाकर 10 कि.ग्रा. बीज के साथ मिलाएं और छाया में सुखाएं।
2. पौधे की जड़ डिप उपचार
धान की फसल के लिए, खेत में पानी भरी क्यारी बनाएं। इसमें अनुशंसित बायोफर्टिलाइज़र मिलाएं और पौधों की जड़ों को 8-10 घंटे तक डुबोकर रखें।
3. मिट्टी उपचार
4 कि.ग्रा. बायोफर्टिलाइज़र को 200 कि.ग्रा. खाद में मिलाकर रातभर रखें। इस मिश्रण को बोने के समय मिट्टी में डालें।
बायोफर्टिलाइज़र का सही उपयोग कैसे सुनिश्चित करें?
- बायोफर्टिलाइज़र प्रभावी और उपयुक्त मात्रा में होने चाहिए।
- सही संयोजन का चयन करें और समाप्ति तिथि से पहले उपयोग करें।
- बायोफर्टिलाइज़र का अनुशंसित विधि और समय पर आवेदन करें।
- बीज उपचार में उपयुक्त चिपकाने वाला पदार्थ (एडहेसिव) का उपयोग करें।
- समस्याग्रस्त मिट्टी में सुधारात्मक उपाय अपनाएं।
बायोफर्टिलाइज़र उपयोग में सावधानियां
- बायोफर्टिलाइज़र ठंडी और सूखी जगह में स्टोर करें।
- सही फसल के लिए सही बायोफर्टिलाइज़र का उपयोग करें।
- रासायनिक उर्वरकों और बायोफर्टिलाइज़र को मिलाएं नहीं।
- बायोफर्टिलाइज़र पैकेट पर जानकारी की जांच करें।
- बायोफर्टिलाइज़र के ऊपर लिखी समाप्ति तिथि से पहले उपयोग करें।
- जैव उर्वरकों के साथ रासायनिक उर्वरक और जैविक खाद भी प्रयोग करें।