हाइड्रोपोनिक चारा विधि से बना सकते है पशुओं के लिए चारा

Published on: 04-Jun-2025
Updated on: 04-Jun-2025
Hydroponic wheatgrass cultivation in trays
सम्पादकीय सम्पादकीय

पशुओं से अधिक दूध का उत्पादन प्राप्त करने लिए हरा चारा आवश्यक है, लेकिन जमीन और पानी की कमी के कारण चारा पुरे वर्ष उपलब्ध नहीं होता है। पूरे वर्ष भर आवश्यक हरे चारे का उत्पादन करना मुश्किल हो जाता है। साथ ही, अच्छे चारे की कमी पशुधन उत्पादन और प्रजनन में बाधा डालती है।

हाइड्रोपोनिक चारा मिट्टी के बिना और बेहद कम पानी की मदद से उगाया जाता है। लगभग 6-7 दिनों में बीज अंकुरित होकर 30-35 सेमी तक लंबे हो जाते हैं और पशुओं के लिए पोषक और ताजगी से भरपूर चारा प्रदान करते हैं। इस लेख में हम आपको आसान चरणों में हाइड्रोपोनिक चारा कैसे उगाए उसके बारे में जानकारी देंगे।      

हाइड्रोपोनिक चारे के फायदे (Advantages of Hydroponic Fodder)

1. पोषण मूल्य (Nutrient Value)

   हाइड्रोपोनिक चारे में पारंपरिक सूखे चारे या अनाज की तुलना में अधिक पोषण होता है। यह विटामिन, खनिज और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है।

2. त्वरित वृद्धि (Quick Growth)

   जहां पारंपरिक चारा तैयार होने में दो महीने तक लगते हैं, वहीं हाइड्रोपोनिक चारा सिर्फ एक सप्ताह में तैयार हो जाता है।

ये भी पढ़ें: स्कूली छात्रों को हाइड्रोपोनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा

3. कम जल की खपत (Low Water Requirement)

   इसे उगाने में पारंपरिक चारे की तुलना में बहुत कम पानी लगता है। मात्र 3-4 लीटर पानी में 1 किलो हाइड्रोपोनिक चारा उगाया जा सकता है, जबकि पारंपरिक विधि में 70-100 लीटर पानी की जरूरत होती है।

4. नियमित उत्पादन (Year-round Production)

   कम पानी के बावजूद इसे सालभर उगाया जा सकता है।

5. बिना रसायन के (Chemical-free)

   हाइड्रोपोनिक चारा उगाने में किसी प्रकार के रसायन या कीटनाशक की जरूरत नहीं होती।

6. कम मजदूरी और परिवहन खर्च (Low Labor and Transport Cost)

   इसे पशु शेड के पास ही उगाया जा सकता है, जिससे लेबर और परिवहन की लागत घटती है।

हाइड्रोपोनिक चारा प्रणाली की संरचना (System Construction)

चारे की अच्छी पैदावार के लिए 15-32°C तापमान और 80-85% आर्द्रता आवश्यक होती है। इसके लिए एक साधारण शेडनेट या कम लागत वाला ग्रीनहाउस पर्याप्त होता है। इसे बनाने के लिए आप बांस, लोहे या प्लास्टिक की पाइपें और शेडनेट या बोरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आकार: 10x10 फीट का शेड काफी है

  •  ट्रे: 1.5x3 फीट की मजबूत प्लास्टिक ट्रे इस्तेमाल करें
  •  रैक: 3-4 परतों वाला रैक बनाएं, पर ऊंचाई बहुत अधिक न हो
  •  जल निकासी: अतिरिक्त पानी निकलने के लिए ट्रे में छेद और नीचे ड्रेनेज लाइन जरूरी है

ये भी पढ़ें: हाइड्रोपोनिक्स - अब मृदा की जगह पोषक तत्वों वाले पानी में उगाएँ सब्ज़ी और फ़सलें, उपज जानकर हो जाएंगे हैरान

हाइड्रोपोनिक चारा उगाने की प्रक्रिया (Production Process)

  • बीज चयन: अच्छे गुणवत्ता वाले मक्का, गेहूं या चने के बीज लें। बाजरा और ज्वार के बीज न लें, क्योंकि इनमें विषाक्तता होती है।
  • भिगोना: बीजों को गुनगुने पानी में 12 घंटे भिगोएं, नमक मिलाकर फफूंदी से बचाव करें
  • अंकुरण: भिगोने के बाद बोरी में रखकर 24 घंटे तक अंकुरित करें
  • ट्रे में फैलाना: अंकुरित बीजों को ट्रे में फैला दें और रैक में रखें
  • सिंचाई: गर्मी में हर 2 घंटे और ठंड में 4 घंटे के अंतराल पर हल्का पानी छिड़कें
  • सफाई: फंगस से बचने के लिए शेड की सफाई का विशेष ध्यान रखें

1 किलो मक्का बीज से 7 दिनों में 8 किलो तक हरा चारा प्राप्त हो सकता है। जैसे यदि रोज 5 ट्रे की आवश्यकता हो, तो कुल 35 ट्रे की व्यवस्था करनी होगी।

हाइड्रोपोनिक चारा खिलाने का तरीका (Feeding)

  • 6-7 दिनों में चारा तैयार हो जाता है। इसे ट्रे से निकालकर छोटे टुकड़ों में काटें और पशुओं को परोसें।
  • 9 दिनों से ज्यादा चारा ट्रे में न रखें, क्योंकि इसके बाद इसकी पौष्टिकता घटने लगती है।
  • इस चारे को अन्य चारे या सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाना बेहतर होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

सतत और लाभकारी डेयरी पालन के लिए हाइड्रोपोनिक चारा एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल जल्दी उगता है, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होता है और पशुओं को भी बहुत पसंद आता है।

यदि आप पशुओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाला हरा चारा चाहते हैं, तो हाइड्रोपोनिक चारे की विधि जरूर अपनाएं – यह कम संसाधनों में बेहतर परिणाम देती है।