पशुओं से अधिक दूध का उत्पादन प्राप्त करने लिए हरा चारा आवश्यक है, लेकिन जमीन और पानी की कमी के कारण चारा पुरे वर्ष उपलब्ध नहीं होता है। पूरे वर्ष भर आवश्यक हरे चारे का उत्पादन करना मुश्किल हो जाता है। साथ ही, अच्छे चारे की कमी पशुधन उत्पादन और प्रजनन में बाधा डालती है।
हाइड्रोपोनिक चारा मिट्टी के बिना और बेहद कम पानी की मदद से उगाया जाता है। लगभग 6-7 दिनों में बीज अंकुरित होकर 30-35 सेमी तक लंबे हो जाते हैं और पशुओं के लिए पोषक और ताजगी से भरपूर चारा प्रदान करते हैं। इस लेख में हम आपको आसान चरणों में हाइड्रोपोनिक चारा कैसे उगाए उसके बारे में जानकारी देंगे।
हाइड्रोपोनिक चारे में पारंपरिक सूखे चारे या अनाज की तुलना में अधिक पोषण होता है। यह विटामिन, खनिज और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है।
जहां पारंपरिक चारा तैयार होने में दो महीने तक लगते हैं, वहीं हाइड्रोपोनिक चारा सिर्फ एक सप्ताह में तैयार हो जाता है।
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इसे उगाने में पारंपरिक चारे की तुलना में बहुत कम पानी लगता है। मात्र 3-4 लीटर पानी में 1 किलो हाइड्रोपोनिक चारा उगाया जा सकता है, जबकि पारंपरिक विधि में 70-100 लीटर पानी की जरूरत होती है।
कम पानी के बावजूद इसे सालभर उगाया जा सकता है।
हाइड्रोपोनिक चारा उगाने में किसी प्रकार के रसायन या कीटनाशक की जरूरत नहीं होती।
इसे पशु शेड के पास ही उगाया जा सकता है, जिससे लेबर और परिवहन की लागत घटती है।
चारे की अच्छी पैदावार के लिए 15-32°C तापमान और 80-85% आर्द्रता आवश्यक होती है। इसके लिए एक साधारण शेडनेट या कम लागत वाला ग्रीनहाउस पर्याप्त होता है। इसे बनाने के लिए आप बांस, लोहे या प्लास्टिक की पाइपें और शेडनेट या बोरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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1 किलो मक्का बीज से 7 दिनों में 8 किलो तक हरा चारा प्राप्त हो सकता है। जैसे यदि रोज 5 ट्रे की आवश्यकता हो, तो कुल 35 ट्रे की व्यवस्था करनी होगी।
सतत और लाभकारी डेयरी पालन के लिए हाइड्रोपोनिक चारा एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल जल्दी उगता है, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होता है और पशुओं को भी बहुत पसंद आता है।
यदि आप पशुओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाला हरा चारा चाहते हैं, तो हाइड्रोपोनिक चारे की विधि जरूर अपनाएं – यह कम संसाधनों में बेहतर परिणाम देती है।