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केंद्र सरकार ने हटाई बाध्यता अब आप 10 वीं पास करके भी खाद बीज की दुकान खोल सकते हैं

Published on: 23-Nov-2023

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि 10वीं उत्तीर्ण युवाओं के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष पहल चालू की है। युवाओं को खाद बीज से संबंधित जानकरी प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना तैयार की गई है।  भारत सरकार ने खाद-बीज उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए नियमों में परिवर्तन करके रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया है। वर्तमान में दसवीं पास युवाओं को भी खाद-बीज का व्यवसाय करने का अवसर हांसिल हो रहा है। इसके लिए सरकार ने 15 दिन का पाठ्यक्रम तैयार किया है, जिसे पूरा करने के पश्चात युवा खाद-बीज की दुकान खोल सकते हैं। कृषि क्षेत्र में स्नातक युवाओं के साथ-साथ 10वीं उत्तीर्ण युवाओं को भी इस कदम से खाद-बीज व्यवसाय में प्रवेश का मौका मिलेगा। यह कदम बगैर किसी बड़ी चुनौती के युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं देगा। खाद-बीज क्षेत्र में सरकार द्वारा प्रदान की गई सुविधा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का शानदार माध्यम साबित हो सकता है। कृषि क्षेत्र में नवीन अवसर उत्पन्न कर सकती है।

किसान भाई निवेश से ज्यादा आय अर्जित करें

वर्तमान में खाद-बीज व्यवसाय में कम निवेश करके ज्यादा धनराशि कमाने का तरीका पूर्णतय बदल गया है। वर्तमान में खाद-बीज व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए लाइसेंस हांसिल करने हेतु नवीन नियम लागू हो गए हैं। व्यावसायिक योग्यता प्राप्त करने के लिए खाद-बीज केंद्र में 12500 रुपये का पंजीकरण शुल्क देना होगा। यह कोर्स पूर्ण करना बेहद अनिवार्य है, यदि कोई इसे पूरा नहीं करेगा तो उसे लाइसेंस नहीं मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है, कि यह कदम खाद-बीज व्यापारियों को ज्यादा अनुभवी बनाएगा, जिससे वे शानदार मार्केटिंग एवं उत्पादन तकनीक सीख सकेंगे। किसानों के अतिरिक्त व्यावसायिक उद्यमियों को इससे नवीन संभावनाएं मिलेंगी। 

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अब 10वीं उत्तीर्ण व्यक्ति खाद-बीज की दुकान खोल सकता है  

कृषि और किसान कल्याण विभाग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। वर्तमान में खाद-बीज की दुकान खोलने के लिए 10 वीं उत्तीर्ण होना ही जरूरी रहेगा। इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए पहले कृषि में बीएससी अथवा कृषि में डिप्लोमा होना चाहिए था। वर्तमान में 10वीं पास लोग भी कीटनाशक व खाद-बीज का व्यापार कर सकते हैं। क्योंकि इस बाध्यता को पूर्णतय हटा दिया गया है। खाद-बीज के क्षेत्र में नवीन उम्मीदों की दिशा में यह फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है। 

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