किसानों को मिलेगा आसानी से खाद-बीज, रेट में भारी गिरावट

By: MeriKheti
Published on: 10-Nov-2022

भारत कृषि प्रधान देश है, यहां की अधिकतर आबादी कृषि पर आधारित है। यहां के किसान सुबह से शाम तक खेतों में अपना समय गुजारते हैं, उसके बाद जो उपज होती है, उससे अपना जीवन-यापन करते हैं। लेकिन इस महंगाई के दौर में किसानों को किसी भी फसल को उगाने में जितना मेहनत-समय लगता है, उसके हिसाब से किसानों को मुनाफा नहीं मिल पाता है। बेशक सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए हर संभव नई नई योजनाएं नई नई तकनीक लाने की कोशिश करते रहती हैं ताकि किसान सही तरीके से खेती कर सकें, किसान अपनी आय को दोगुना कर सकें। लेकिन इस महंगाई के दौर में किसान को खेतीबाड़ी करने के लिए खाद बीज की आवश्यकता पड़ती है। महंगाई के कारण बहुत किसान खेती करने से डरते हैं। डरते इसलिए हैं, खाद-बीज की महंगाई इतनी ज्यादा हो जाती है, कि किसान जो मेहनत करते हैं उसका मुनाफा भी उनको नहीं मिल पाता। लेकिन अब घबराने की बात नहीं है, यूरिया और डीएपी के रेट को लेकर एक खबर आई है। किसान अब आसानी से डीएपी और यूरिया लेकर खेती कर सकते हैं। उचित मूल्य पर किसानों को डीएपी और यूरिया उपलब्ध कराया जाएगा, सरकार का यह प्रयास किसानों में एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

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यूरिया और डीएपी के रेट में गिरावट

वैसे पिछले साल सभी ने देखा होगा कि किसानों को खाद के लिए कितनी लंबी लाइनें लगाकर खाद बीज लेना पड़ा था। कोई सुबह 3:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक लाइन में लगा रहता था। उसके बावजूद भी उसको खाद उचित मूल्य पर नहीं मिल पाता था। लेकिन सरकार ने डीएपी और यूरिया के रेट में कमी करने का जो यह फैसला लिया है, उससे किसानों को काफी राहत मिलेगी। किसान इससे काफी लाभान्वित भी होंगे, रवि फसल की खेती जैसे गेहूं, चना, मटर, जौ आदि है। लेकिन इस खेती को करने के लिए किसानों को भारी मात्रा में खाद और बीज की आवश्यकता पड़ती है, इसके बिना फसल बोना संभव नहीं है। पिछली बार जिस तरह किसानों को यूरिया डीएपी को ले कर जो समस्या आई थी, अब ऐसा लगता है कि सुधार हुआ है। किसानों को रवि फसल करने के लिए उचित मूल्य पर यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराया जाएगा। अगर हम यूरिया खाद की बात करें तो ₹350 में आसानी से मिल रहा है और डीएपी की बात करें तो 50 किलोग्राम का 1 बोरा का रेट 1350 रुपए चल रहा है। इतने सस्ते रेट में किसानों को खाद आसानी से मिल जाएगा तो किसान हंसी खुशी से अपनी खेती आसानी से कर सकेंगे।

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