समग्र भैंस पालन योजना के तहत भैंस पालन के लिए मिलेगी 75 प्रतिशत की सब्सिडी जल्द करें आवेदन

Published on: 08-Jul-2025
Updated on: 08-Jul-2025

पशुपालन न केवल किसानों की दैनिक आमदनी का स्रोत है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने का भी एक प्रभावी माध्यम बनता जा रहा है। 

इसी उद्देश्य से बिहार सरकार ने राज्य में भैंस पालन को प्रोत्साहन देने हेतु “समग्र भैंस पालन योजना” की शुरुआत की है।

इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे किसानों और बेरोजगार युवक-युवतियों को 1 या 2 उन्नत नस्ल की दुधारू भैंस पर आधारित डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है। 

योजना के अंतर्गत अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 75% तक का अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य वर्गों को 50% तक अनुदान दिया जाएगा। इससे न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा बल्कि दुग्ध व्यवसाय को भी नई गति मिलेगी।

भैंस पालन पर मिलने वाला अनुदान

“समग्र भैंस पालन योजना” के तहत यदि कोई किसान 1 उन्नत नस्ल की दुधारू भैंस की डेयरी यूनिट स्थापित करता है, तो इसकी लागत ₹1,21,000 तय की गई है। 

इसमें पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 75% (अधिकतम ₹90,750) का अनुदान दिया जाएगा, जबकि अन्य वर्गों को 50% (अधिकतम ₹60,500) की सहायता मिलेगी।

वहीं 2 उन्नत नस्ल की दुधारू भैंसों पर आधारित डेयरी यूनिट की कुल लागत ₹2,42,000 निर्धारित की गई है। इसमें उपरोक्त वर्गों को 75% (अधिकतम ₹1,81,500) तक का अनुदान मिलेगा और अन्य वर्गों के लिए 50% (अधिकतम ₹1,21,000) की सब्सिडी दी जाएगी।

ये भी पढ़ें: मत्स्य पालन की पूरी जानकारी (Fish Farming information in Hindi)

आवेदन की प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक आवेदक 25 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए विभागीय वेबसाइट https://dairy.bihar.gov.in/  पर जाकर आवेदन करना होगा। 

आवेदन के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे कि – पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, भूमि का अद्यतन रसीद, जाति प्रमाण पत्र, विभागीय प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और बैंक पासबुक आदि संलग्न करना अनिवार्य है।

योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए किसान अपने जिले के जिला गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं या टोल फ्री नंबर 18003456681 पर कॉल कर सकते हैं। 

योजना का संचालन संबंधित जिलों के जिला गव्य विकास पदाधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। ध्यान रखें कि अधूरी या त्रुटिपूर्ण जानकारी वाले आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।