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मेरीखेती किसान मेला 2022 (Merikheti Kisan Mela 2022)

मेरीखेती किसान मेला 2022 (Merikheti Kisan Mela 2022)

डिजिटल इंडिया की राह पर चलते हुए साल 2018 में कृषि क्षेत्र में रुचि रखने वाले कुछ किसानों और कृषि जगत की नई तकनीकों की जानकारी रखने वाले युवा लोगों के साथ, डिजिटल माध्यमों की मदद से किसान भाइयों तक, उनके खेत में तैयार होने वाले उत्पाद तथा उर्वरक और सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किया गया हमारा प्रयास, merikheti.com आज भारतीय किसानों की बढ़ती और बदलती तस्वीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

कृषि क्षेत्र के जानकारों और किसान भाइयों के विश्वास की बदौलत अब आप हमारे प्रयासों का सीधा फायदा उठाने के लिए भी तैयार हो जाइए, क्योंकि 6 और 7 अक्टूबर 2022 को merikheti.com आप सभी किसान भाइयों के लिए एक किसान मेला आयोजन करवाने जा रहे हैं। भारत में पिछले कुछ सालों से कृषि क्षेत्र में हुए अनुसंधान और नई तकनीकों के बारे में डिजिटल माध्यमों से दूर किसानों तक जानकारी पहुंचाने के लिए 'कृषि मेला' सर्वश्रेष्ठ माध्यम माना जाता है। 

हमारे द्वारा आयोजित किए जाने वाले किसान मेले में कृषि क्षेत्र से जुड़े नए उत्पाद, जिनमें मशीनरी और खेती में इस्तेमाल आने वाले उपकरणों की जानकारी के अलावा उच्च गुणवत्ता प्रदान करने वाले बीज तथा बीज उपचार की नई खोज और बाजार में सबसे ज्यादा मांग में रहने वाले फल, सब्जियां और फलों के बारे में जानकारी के साथ ही बायोफ्यूल (Biofuel) और पशुपालन से जुड़ी सभी जानकारियां किसान भाइयों को उपलब्ध करवाई जाएगी। यदि कोई किसान लघु गृह उद्योग करने के बारे में सोच रहा है, तो इस कृषि मेले से उद्योग को शुरू करने की संपूर्ण विधि की जानकारी प्राप्त कर पाएगा।

कौन ले सकता है किसान मेला-2022 में भागीदारी ?

बिजनेसमैन-ब्रांड-बैंक-किसान की आपसी भागीदारी के मॉडल पर चलने वाला 'मेरीखेती किसान मेला' कई लोगों के लिए बेहतर साबित हो सकता है। बीज उत्पादन क्षेत्र से जुड़ी हुई कंपनियां और कृषि क्षेत्र के उपकरण बनाने वाली कम्पनियां अपने उत्पादों को किसान भाइयों के सामने प्रदर्शित कर सकते हैं, यदि आपके उत्पाद किसान भाइयों को पसंद आते हैं तो आपको ग्राहक मिल जाएगा और किसानों को उनके जरूरतमंद उपकरणों और बीज। कीटनाशी की बढ़ती मांग के मध्यनजर कीटनाशी बनाने वाली कंपनियां तथा कृषि क्षेत्र से जुड़े बड़े संस्थान भी कृषि मेले में अपना स्टॉल लगा सकते हैं। 

कृषि मेले का फायदा कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले दो पहिए और चार पहिए वाहन निर्माता कम्पनियाँ भी ले सकती हैं और मेले के दौरान दूर दराज से आये किसान भाइयों को ट्रैक्टर और ट्रॉली तथा मशीनों से जुड़ी नई तकनीक और मॉडल के बारे में सीधे ही जानकारी उपलब्ध करवा सकती हैं। इसके अलावा इन सभी प्रकार की कंपनियों के लिए किसान भाइयों से सीधे संपर्क में आने पर कस्टमर लॉयल्टी तथा कंपनी की लोकप्रियता तो बढ़ेगी ही, साथ ही किसानों को कंपनी के ब्रांड और भविष्य में तैयार होने वाले दूसरे कई उत्पादों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। किसानों से मिले फीडबैक से उत्पादक कम्पनियाँ अपनी भविष्यकारी नीतियों का निर्धारण भी कर सकती है। 

Merikheti.com के द्वारा आयोजित करवाए जा रहे इस मेले में कई बैंकिंग और वित्तीय संस्थान भी शामिल हो सकती है, जो किसानों को कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यवसाय की शुरुआत करने और उपकरण खरीदने के लिए लोन की व्यवस्था भी कर सकते हैं।

किसान भाइयों के लिए कौन सी सुविधाऐं और उत्पाद होंगे उपलब्ध ?

पशुपालन से जुड़े किसानों को ब्रीडिंग और पशुओं से प्राप्त होने वाले उत्पादों में वृद्धि के लिए नई वैज्ञानिक विधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी, साथ ही किसान भाइयों के किसी नए इनोवेटिव आईडिया को बिजनेस से जुड़े लोगों के साथ शेयर भी किया जाएगा, जिस पर भविष्य में कोई नया उत्पाद तैयार हो सकता है। इसके अलावा किसान भाइयों के लिए गिफ्ट और अलग-अलग इंसेंटिव भी रखे गए है। नए उत्पादों और बीजों के बारे में जानकारी तो मिलेगी ही साथ ही कृषि जगत से जुड़ी कई बड़ी हस्तियों और सरकारी संस्थाओं में काम कर रहे वैज्ञानिकों से सवाल जवाब करने का मौका भी मिलेगा।

क्या है कृषि मेला 2022 की मुख्य थीम ?

इस साल अक्टूबर में होने वाले कृषि मेले में 'फसल अवशेष प्रबंधन' (Crop Residue Management) पर खास ध्यान दिया जाएगा, जिसके तहत किसान भाइयों को फसल काटने के बाद बची हुई पराली को जलाने के स्थान पर उसी से बायो-चार (Biochar) और मृदा की जैविक शक्ति बढ़ाने की तकनीक के अलावा जीरो टिलेज (Zero Tillage) जैसी नई वैज्ञानिक विधियों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

कृषि मेला 2022 में किसानों से जुड़ने वाले सम्मानित अतिथि :

Shri Manoj Kumar Joint Director ICAR-Central Potato Research Institute Regional Station-Modipuram-250110, Meerut (UP), India 

Dr. Raj Singh Head (Division of Agronomy) Indian Agricultural Research Institute,New Delhi -12 

Dr. Arvind Kumar Ex-Vice Chancellor, Rani Lakshmi Bai central Agriculture University, Jhansi 

Shri Bhure Lal (IAS) Member Monitoring Committee Constituted by Honorable Supreme Court of India, Ex - EPCA 

Dr. Uday Bhan Singh Professor of Horticulture Dean Agriculture College, Dholpur & Officer-in-charge Krishi Vigyan Kendra Kumher, Bharatpur 

Dr. J.P.S. Dabas Principal scientist ICATAT, ICAR- IARI  

किसान मेला 2022 का आयोजन स्थल :

लवकुश नगर, ब्रजधाम फार्म के सामने, नौझील (मथुरा), उत्तर प्रदेश - २८१ २०३ Lavkush Nagar, Opp. Brajdham Farms, Nauhjheel (Mathura), Uttar Pradesh - 281 203.

 

सामान्यतः पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) :

सवाल :- कृषि मेला में शामिल होने के लिए क्या है पूरी प्रक्रिया ?

जवाब :- कृषि मेला 2022 में शामिल होने के लिए आपको Merikheti.com की वेबसाइट पर जाकर मेले में भागीदारी करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, इस मेले में आप एक विजिटर के अलावा एक स्पीकर या फिर प्रदर्शक के रूप में भी भाग ले सकते हैं। 

अंग्रेजी भाषा में जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करेंकिसान मेले में अपना पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर दिए फॉर्म को भरें

सवाल :- क्या मेले के सफल आयोजन के लिए  Merikheti.com प्रतिबद्ध है ?

जवाब :- कृषि मेला 2022 किसानों के लिए पिछले कई सालों से किए जा रहे हमारे प्रयासों की एक अभिलाषी योजना का हिस्सा है। इसीलिए इस मेले में सभी प्रकार के सुविधाएं उपलब्ध करवाने के अलावा कृषि वैज्ञानिक और किसानों से जुड़े कांट्रेक्टर तथा सरकारी संस्थाओं एवं निर्यात और आयात से जुड़ी संस्थाओं के साथ ही पशुपालन से जुड़ी समस्या के समाधान के लिए कटिबद्ध है। 

सवाल  :- क्या 'कृषि मेला 2022' में कृषि व्यवसाय में सफल प्रगतिशील किसानों के बारे में जानकारियां उपलब्ध करवाई जाएगी ?

जवाब :- खेती में नई तकनीकों के इस्तेमाल और इनोवेशन से सफलता हासिल करने वाले प्रगतिशील किसान भाइयों की सफलतम कहानियों को आपके साथ साझा किया जाएगा।   

आशा करते है कि Merikheti.com के अथक प्रयासों से आयोजित होने वाले कृषि मेला-2022 में शामिल होकर सभी किसान भाई और प्रदर्शक कम्पनियाँ, तकनीक के इस सागर से कुछ सीख और प्राप्त कर ही जाएं।  

हैदराबाद में सब्जियों के अवशेष से बन रहा जैविक खाद, बिजली और ईंधन, पीएम मोदी ने की प्रशंसा

हैदराबाद में सब्जियों के अवशेष से बन रहा जैविक खाद, बिजली और ईंधन, पीएम मोदी ने की प्रशंसा

हैदराबाद की बोवेनपल्ली सब्जी मंडी आजकल खूब सुर्खियां बटोर रही है। यहां मंडी व्यापारियों की कोशिशों पर बेकार अथवा बची हुई अशुद्ध सब्जियों के उपयोग से जैविक खाद, बिजली और जैव-ईंधन निर्मित किया जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी प्रशंसा की है। आजकल ऑर्गेनिक वेस्ट मैनेजमेंट अच्छी खासी आमदनी का स्त्रोत बनता जा रहा है। इसके चलते पर्यावरण को संरक्षण देने में भी विशेष मदद प्राप्त हो रही है। साथ ही, आजकल लोग ऑर्गेनिक वेस्ट के जरिए खूब मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। यह किसान भाइयों के लिए एक उन्नति का जरिया बनता जा रहा है। आजकल हैदराबाद की बोवेनपल्ली मंडी के अंदर भी कुछ इसी प्रकार का ऑर्गेनिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट चल रहा है। यहां पर मंडी में बची हुई अथवा बेकार सब्जियों से हरित ऊर्जा बनाई जा रही है। बोवेनपल्ली मंडी में सब्जियों के अवशेष को उपयोग करके बिजली, जैविक खाद, जैविक ईंधन निर्माण कार्य चल रहा है। मंडी व्यापारियों के नवाचार एवं सफल कोशिशों से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशंसा की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सराहनीय कार्य की खूब प्रशंसा की है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में बोवेनपल्ली सब्जी मंडी के व्यापारियों के नवोन्मेषी विचारों की खूब प्रशंसा की है। पीएम मोदी ने बताया है, कि ज्यादातर सब्जी मंडियों में सब्जियां खराब हो जाती हैं, जिससे असुरक्षित खाद्यान हालात उत्पन्न हो जाएंगे। ऐसे में समस्या का निराकरण करने हेतु हैदराबाद की बोवेनपल्ली सब्जी मंडी व्यापारियों द्वारा इस अवशेष से हरित ऊर्जा निर्मित करने का निर्णय लिया गया है। यह भी पढ़ें: एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी भारत में बनेगी, कई राज्यों के किसानों को मिलेगा फायदा मंडी में फल एवं सब्जियों के प्रत्येक औंस अवशेषों द्वारा 500 यूनिट बिजली एवं 30 किलो जैव ईंधन बनाया जा रहा है। यहां उत्पादित होने वाली विघुत आपूर्ति प्रशासनिक भवन, जल आपू्र्ति नेटवर्क, स्ट्रीट लाइट्स और 170 स्टाल्स को की जा रही है। साथ ही, ऑर्गेविक वेस्ट से निर्मित जैव ईंधन को बाजार में स्थित रेस्त्रा, ढ़ाबे अथवा व्यावसायिक रसोईयों में भेजा जा रहा है। यहां विघुत के जरिए मंडी की कैंटीन प्रकाशित की जा रही है। साथ ही, यहां का चूल्हा तक भी प्लांट के ईंधन के जरिए जल रहा है। जानकारी के लिए बतादें, कि बोवेनपल्ली मंडी में प्रतिदिन 650-700 यूनिट विघुत खपत होती है। उधर, प्रतिदिन 400 यूनिट बिजली पैदा करने के लिए 7-8 टन फल एवं सब्जियों के अवशेषों की जरूरत पड़ती है। यह मंडी के जरिए ही प्राप्त हो जाती है। इस प्रकार मंडी का वातावरण साफ-स्वच्छ और स्वस्थ रहता है। आज बोवेनपल्ली मंडी में स्थापित बायोगैस संयंत्र हेतु हैदराबाद की दूसरी मंडियों द्वारा भी जैव कचरा एकत्रित किया जाता है।

महिलाओं के लिए भी रोजगार के नवीन अवसर उत्पन्न हुए हैं

हैदराबाद की बोवेनपल्ली सब्जी मंडी में स्थापित बायोगैस प्लांट से वर्तमान में बहुत सारे लोगों को रोजगार का अवसर मिला है। यहां पर सब्जी बेचने वाले एवं अन्य लोग भी जैव कचरे को एकत्रित कर प्लांट में पहुँचाते हैं। साथ ही, प्लांट में पहुँचाए गए जैव कचरे की कचरे को अलग करने, कटाई-छंटाई करने, मशीन चलाने व प्लांट प्रबंधन का काम महिलाएं देख रही हैं। मंडी अधिकारियों के अनुसार, बायोगैस प्लांट में प्रतिदिन 10 टन अवशेष एकत्रित किया जाता है। यदि अनुमान के अनुसार बात करें तो इस अवशेष से एक वर्ष में 6,290 किग्रा. कार्बन डाई ऑक्साइड निकलती है। जो कि पर्यावरण एवं लोगों के स्वास्थ्य हेतु बिल्कुल सही नहीं है। इस चुनौती एवं समस्या को मंडी व्यापारियों ने संज्ञान में लिया है। इसका बायोगैस प्लांट को स्थापित करके संयुक्त समाधान निकाल लिया गया है। यह भी पढ़ें: पंजाब के गगनदीप ने बायोगैस प्लांट लगाकर मिसाल पेश की है, बायोगैस (Biogas) से पूरा गॉंव जला रहा मुफ्त में चूल्हा तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद की इस बोवेनपल्ली मंडी में बायोगैस प्लांट को चालू करने का श्रेय जैव प्रौद्योगिकी विभाग एवं कृषि विपणन तेलंगाना विभाग, गीतानाथ को जाता है। यहीं बायोगैस प्लांट वित्त पोषित है। इस बायोगैस प्लांट को व्यवस्थित रूप से चलाने में सीएसआईआर-आईआईसीटी के वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन शम्मिलित है। यहीं की पेटेंट तकनीक के माध्यम से बायोगैस संयंत्र की स्थापना की गई है।