खेतों में बायोगैस प्लांट बनवाकर करें अपना खर्चा कम, यह सरकार दे रही सब्सिडी

By: MeriKheti
Published on: 25-Jan-2023

खेतों में केमिकल का इस्तेमाल करना चाहिए, एक से दो बार तो फसल का उत्पादन अच्छा हो जाता है। लेकिन उसके बाद फसल धीरे धीरे बंजर होने लगती है। खेत में फसलों का उत्पादन भी कम होने लगता है।

इस समस्या से किसान काफी ज्यादा परेशान हैं और उसके समाधान को लेकर भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस समस्या का समाधान है, कि जैविक खेती की जाए। 

गोबर से बनी खाद से ना सिर्फ मिट्टी में जीवांशों की संख्या बढ़ जाती है, बल्कि फसल की उत्पादकता भी बेहतर मिलने लगती है। चाहे केंद्र सरकार हो या फिर राजा सरकार सभी जैविक खेती को बढ़ावा देने पर लगे हुए हैं। सरकारों द्वारा इससे जुड़ी हुई अलग-अलग तरह की योजनाएं हाउस के सामने आती रही हैं। 

इसी समस्या के समाधान में सरकार ने बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) स्थापित करने की भी सलाह दी है। यह किसानों और पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का सृजन करने में मददगार है। 

अब अगर आप यह सुनकर परेशान है कि वह कैसे बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) की स्थापना कर सकते हैं और इसमें तो उन्हें अच्छा खासा खर्चा करना पड़ेगा तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। 

अब बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) की स्थापना के लिए किसानों को आर्थिक मदद भी मिल रही है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार ने भी किसानों से आवेदन मांगे हैं। 

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कितनी मिलेगी सब्सिडी

हरियाणा सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार किसानों को घन मीटर के हिसाब से अनुदान राशि दी जाएगी। 

जैसे कि 1 घन मीटर से लेकर 2-4 घन मीटर, 6 घन मीटर का बायोगैस प्लांट लगाने पर अनुदान दिया जाएगा। साथ ही सरकार द्वारा सामान्य और एससी-एसटी वर्ग के लिए यह राशि अलग-अलग निर्धारित की गई है।

  • 1 घन मीटर आकार वाले बायोगैस प्लांट की स्थापना के लिए जनरल केटेगरी/ सामान्य वर्ग को 9,800 रुपये और एससी-एसटी वर्ग को 17,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
  • 2 से 4 घन मीटर आकार वाले बायोगैस प्लांट लगाने वाले सामान्य वर्ग के लोगों को 14,350 रुपये तो वहीं एससी-एसटी वर्ग को 22,000 रुपये की मदद मिलेगी।
  • 6 घन मीटर आाकर का बायोगैस संयंत्र बनाने की लागत पर सामान्य वर्ग के आवेदकों को 22,740 रुपये और एससी-एसटी वर्ग को 29,250 रुपये अनुदान का प्रावधान है।

कहां कर सकते हैं आवेदन

किसान जो किसानी के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं। तो आप आसानी से अपने खेत में गोबर गैस प्लांट यानी कि बायोगैस प्लांट लगवा सकते हैं। इसके लिए आपको जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जाना होगा। 

जहां से आपको परियोजना अधिकारी सारी जानकारी दे देंगे। अधिक जानकारी के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग या हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (HAREDA) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी विजिट कर सकते हैं। 

बायोगैस संयंत्र की स्थापना पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आप अधिकारी वेबसाइट पर जाकर भी आवेदन दे सकते हैं। http://biogas.mnre.gov.in पर करें आवेदन मांगे गए हैं। 

किसान चाहें तो ई-मित्र केंद्र या सीएससी सेंटर की मदद से सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

बायोगैस प्लांट लगाने पर क्या फायदा होगा

आजकल गांव में खेती के साथ-साथ पशुपालन भी काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसका ज्यादातर कारण है कि बाजार में दूध और दूध से बनने वाले उत्पादों की बहुत ज्यादा डिमांड है। 

लेकिन आप अब अपने पशुओं के वेस्ट से भी कमाई कर सकते हैं और इससे बेहतरीन कुछ नहीं हो सकता। पशुओं से मिलने वाले गोबर से आप बायोगैस प्लांट बना सकते हैं। जिससे आपके घर खर्च के साथ-साथ आपके आमदनी भी बढ़ जाती है। 

देखा जाए तो यह एक किस्म का साइकिल है। खेतों से पशुओं को चारा मिलता है। पशुओं से हमें गोबर मिलता है, जिसको हम बायोगैस प्लांट के आधार पर खाद बनाते हुए फिर से खेत में इस्तेमाल कर सकते हैं। ये गोबर दोबारा जैव उर्वरक, वर्मीकंपोस्ट या स्लरी के तौर पर फसलों या चारा उगाने के लिए खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। 

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह जैविक खाद किसी भी केमिकल से ज्यादा अच्छा काम करता है। आपकी जमीन की गुणवत्ता को भी बनाए रखता है। 

अगर किसान अपने खेतों में बायोगैस प्लांट लगा लेते हैं। तो माना जा रहा है, कि वह अपनी खेती और घर का काफी ज्यादा खर्च बचा सकते हैं।

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