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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को क्या है फायदा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को क्या है फायदा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मकसद है की जो भी किसान फसल नुकसान से जूझ रहे है, उन्हें आर्थिक मदद देकर उनका हौसला कायम रखे. किसानों को आधुनिक उपकरणों के इस्तमाल के लिए प्रेरित करना. 

इस योजना के प्रचार प्रसार के लिए छत्तीसगढ़ के कृषि और जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने फसल बीमा जागरूकता सप्ताह कि शुरुआत की. 

जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर 15 जुलाई तक किसानों को फसल बीमा योजना के बारे में बताने के लिए और ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस बीमा योजना से जोड़ने के लिए रवाना किया गया है. 

15 जुलाई तक जागरूकता रथ पूरे राज्य में भ्रमण कर किसानों को बीमा योजना से जुड़ने के लिए जागरूक करेगा. रविद्र चौबे जी के अनुसार 2021-22 में 1063 करोड़ बीमा दावा राशि का भुगतान राज्य के 5 लाख 66 हजार किसानों को मिला.

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किसानों को कितने प्रीमियम में कितना मिल चुका है लाभ ?

डेढ़ लाख किसानों को खरीफ सीजन शुरू होने से पहले उनके द्वारा दी गई प्रीमियम 15 करोड़ 96 लाख रुपए की एवज में 304 करोड़ 38 लाख की क्लेम राशि भुगतान की गई. 

4 लाख से अधिक किसानों को 157 करोड़ 65 लाख रुपए के प्रीमियम के एवज में 758 करोड़ 43 लाख तक का क्लेम भुगतान किया गया.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए प्रीमियम कितना देना होगा ?

इस बीमा योजना में किसानों को बीमा प्रीमियम का सिर्फ डेढ प्रतिशत राशि देनी होती है. जबकि मौसम पर आधारित फसल जैसे की बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि का देना होता है और बाकी बचा हुआ सरकार देती है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन कैसे करें ?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन करने के लिए आपके पास दो तरीके है :- 

1. ऑनलाइन आवेदन  ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको pmfby.gov.in में जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. 

2. ऑफलाइन आवेदन ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको कृषि विभाग जाकर फॉर्म लेना होगा और वही भरकर देना होगा.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए जरूरी दस्तावेज

ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपके पास बैंक खाता, खेत का खसरा नंबर, पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, आवेदनकर्ता की पासपोर्ट साइज फोटो, आवेदनकर्ता का निवास प्रमाण पत्र, यदि खेत किराए पर है तो मालिक के साथ इकरार नामा की कॉपी, फसल बुआई शुरू किए हुए दिन की तारीख, ये सारे दस्तावेज आपके पास होने आवश्यक है.  

पीएम फसल बीमा योजना के लाभार्थी किसानों की संख्या में 27% प्रतिशत वृद्धि

पीएम फसल बीमा योजना के लाभार्थी किसानों की संख्या में 27% प्रतिशत वृद्धि

भारतीय किसानों ने पिछले साल बहुत सारी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया था। प्राकृतिक आपदाओं और मौसम के कहर से किसानों की फसल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई और उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ा। इस हानि से सबक लेते हुए हजारों किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अपनी फसलों को सुरक्षित करवाया है। 

दरअसल, सरकार ने मंगलवार को कहा कि प्रमुख फसल बीमा योजना पीएमएफबीवाई (PMFBY) के तहत नामांकित किसानों में 27% प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2023-24 के दौरान खरीफ और रबी दोनों सीजन में कुल नामांकन में गैर-ऋण किसानों की हिस्सेदारी 42% प्रतिशत थी। 

हालांकि, विशेषज्ञों द्वारा इस वर्ष की वृद्धि का श्रेय महाराष्ट्र और ओडिशा द्वारा किसानों के प्रीमियम के हिस्से को पूरी तरह से वहन करने के निर्णय को दिया गया है।

अब तक कितने लाख करोड़ किसानों को हुआ लाभ 

कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "वित्त वर्ष 2023-24 में फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक 56.8 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के आंकड़ों में 27 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है।"

इस योजना को लागू हुए आठ साल हो चुके हैं। अब तक 56.80 करोड़ किसानों के आवेदन मंजूर किए जा चुके हैं, जिसमें से 23.22 करोड़ किसानों को उनका हर्जाना मिल चुका है। 

इस वित्तीय वर्ष के दौरान किसानों द्वारा 31,130 करोड़ की धनराशि जमा कराई गई, जिसके विरोध में उन्हें 1,55,977 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इस तरह, किसानों ने अगर 100 रुपए भुगतान किए हैं, तो इसके बदले में उन्हें 500 रुपए का भुगतान प्राप्त हुआ है।

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सरकार की पहल के चलते किसानों को मिलने वाली धनराशि में निरंतर वृद्धि हो रही है। किसान स्वेच्छा से योजना की सदस्यता ले रहे हैं। 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को उनकी फसलों को नुकसान से बचाने की दिशा में अहम भूमिका अदा कर रहा है। विशेषकर तब, जब प्राकृतिक आपदा की चपेट में आकर किसानों को काफी नुकसान पहुंचता है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विश्व की तीसरी बड़ी योजना है 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) एक मांग आधारित योजना है। यह राज्यों के साथ-साथ किसानों के लिए भी स्वैच्छिक है। 2021-22 और 2022-23 के दौरान किसान आवेदनों की संख्या में साल-दर-साल क्रमशः 33.4 प्रतिशत और 41% प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 

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इसके अतिरिक्त वर्ष 2023-24 के दौरान अब तक योजना के तहत नामांकित किसानों की संख्या में 27% प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, वित्त वर्ष 2023-24 में योजना के अंतर्गत बीमित कुल किसानों में से 42% प्रतिशत गैर-ऋणी किसान हैं। प्रीमियम के लिहाज से यह विश्व की तीसरी बड़ी योजना है। 

फसल बीमा योजना क्या है ?

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि फसल बीमा योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई थी, जो कि किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि या क्षति से बचाता है। 

कृषि और परिवार कल्याण विभाग नियमित रूप से पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन की निगरानी कर रहा है, जिसमें हितधारकों के साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंस बीमा कंपनियों/राज्यों के साथ बैठक आदि के माध्यम से दावों का समय पर निपटान शामिल है।