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मोगरा

जाने मोगरा के फूल से मिलने वाले फायदे और नुकसान

जाने मोगरा के फूल से मिलने वाले फायदे और नुकसान

मोगरा की खेती ज्यादातर मार्च के महीने में की जाती हैं। मोगरा सफेद रंग का होता ,इसका प्रयोग गजरे बनाने में , इत्र बनाने और अगरबत्तियां बनाने में किया जाता हैं। मोगरा बहुत ही सुगन्धित पुष्प है। मोगरे में बहुत से औषिधीय गुण पाए जाने की वजह से इसका इस्तेमाल दवाइयों में भी किया जाता है। मोगरे के फूल में से रात के वक्त बहुत अच्छी खुशबू आती हैं। जिसके कारण ज्यादातर लोग मोगरे के फूल को घरों में लगाना पसंद करते है। मोगरा का इस्तेमाल पाठ पूजा में भी किया जाता है। मोगरे के फूल को शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता हैं। 

मोगरा कितने प्रकार का होता हैं 

मुख्य रूप से मोगरा तीन प्रकार का होता हैं। जिनमे अलग अलग प्रकार के ही फूल आते हैं जैसे पीले ,गुलाबी और सफ़े। पालमपुर मोगरा ,मोआत मोगरा ,जैस्मिनम मोगरा ये सब मोगरे की प्रजातियां है।  

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मोगरा के फूल से मिलने वाले फायदे 

मोगरा के फूल से बहुत से फायदे मिलते हैं इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता हैं। साथ ही साथ इस फूल का चढ़ावा भगवान् विष्णु पर भी किया जाता है।मोगरे के फूल को ज्यादातर ऐसी जगहों पर लगाया जाता हैं जहाँ सूरज की रौशनी मोगरे के फूल पर कम पड़े। 

तनाव और चिंता में राहत दिलाता हैं 

मोगरा के फूल से तनाव और चिंता में राहत मिलती है। मोगरा के फूल से तेल भी बनाया जाता हैं जो की शरीर की मसाज के लिए बेहद लाभकारी माना जाता हैं इसके उपयोग से नशो में राहत मिलती हैं।  

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कीड़े मकोड़े से बचाव 

मोगरे के पेड़ को हम अपने घर में या बगीचे में लगा सकते हैं। इसकी महक से कीड़े मकोड़े दूर रहते है। मोगरे के फूल से बने डिफ़यूजर का भी हम इस्तेमाल कर सकते हैं इससे घर में खुशबू भी बनी रहती हैं साथ ही मूड को भी तरोताजा रखती है। 

मधुमेह के रोग में हैं फायदेमंद 

मोगरे के फूल का इस्तेमाल मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभकारी हैं। मोगरे की फूल का चाय का सेवन करने से मधुमेह जैसे बीमारियों में आराम मिलता है। साथ ही ये ब्लड ग्लूकोस को भी संतुलित करता हैं। 

सर्दी जुखाम में राहत देता हैं 

मोगरे का सेवन करने से सर्दी और जुखाम में राहत मिलती हैं। मोगरे में एन्टीबैक्टेरिअल गुण होते हैं ,जो स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के जोखिम को कम करते हैं। इसके सेवन से पाचन किर्या भी संतुलित रहती हैं,और अन्य रोगो से भी बचाव किया जा सकता है।  

माँसपेशियों के दर्द में सहायक 

मोगरे का उपयोग माँसपेशियों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए किया जाता हैं साथ ही ये पेट से जुड़े रोगो में भी सहायक होता हैं।  शोध के अनुसार बताया गया हैं मोगरा कैंसर से पीड़ित लोगो के लिए भी आरामदायक हैं। मासपेशियों के दर्द से बचने के लिए मसाज थेरेपी भी ले सकते है।  

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मोगरे का सेवन करने से होने वाले नुक्सान 

मोगरे के बहुत से फायदे हैं ,लेकिन मोगरे के बहुत से नुक्सान हैं। मोगरे का ज्यादा सेवन करने से शरीर को बहुत से नुक्सान हो सकते हैं जो की इस प्रकार हैं :

ज्यादा सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर हो सकता हैं कम 

मोगरा का ज्यादा सेवन से शरीर में ब्लड का शुगर लेवल कम हो सकता हैं ,जिससे चक्कर आना ,सर दर्द होना जैसी परेशानियां हो सकती है। ब्लड शुगर कम से होने से दिल की धड़कन बढ़ने लगती हैं .

बांझपन की समस्या 

महिलाओ द्वारा मोगरा का सेवन डॉक्टर के परामर्श द्वारा किया जाना चाहिए ,मोगरे का उपयोग औषिधि के रूप में किया जाता हैं। इसीलिए मोगरा का ज्यादा उपयोग करने से बांझपन जैसी समस्याएं आ सकती हैं। गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 

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कम शुगर लेवल वाले न करें मोगरा का उपयोग 

जिन व्यक्तियों का शुगर लेवल कम हैं उन्हें मोगरा का उपयोग नहीं करना चाहि। क्यूंकि मोगरा शरीर के अंदर ब्लड ग्लूकोस को कम करता हैं जिससे बहुत सी परेशानियां आ सकती हैं।  मोगरे का फूल सूंदर होने के साथ साथ बहुत से लाभ प्रदान करता हैं। इसका इस्तेमाल मुँह के छालो को दूर करने के लिए भी किया जाता हैं। ये कैंसर और मधुमेह से सम्बंधित रोगो में भी सहायक हैं। मोगरा के पेड़ का उपयोग हम तनाव को कम करने के लिए भी करते है।  मोगरे का उपयोग त्वचा से सम्बंधित रोगो के लिए भी किया जाता हैं ,इसका इस्तेमाल हम चेहरे के निखार के लिए भी कर सकते है।

इस तरीके से किसान अब फूलों से कमा सकते हैं, अच्छा खासा मुनाफा

इस तरीके से किसान अब फूलों से कमा सकते हैं, अच्छा खासा मुनाफा

भारत में फूलों का अच्छा खासा बाजार मौजूद है। किसान के कुछ किसान फूलों की खेती करके अच्छा खासा लाभ कमाते हैं। साथ ही, कुछ किसान बिना फूलों का उत्पादन किये बेहतरीन आमदनी करते हैं। इस तरह के व्यापार से भी बेहतरीन मुनाफा लिया जा सकता है। भारत के किसान रबी, खरीफ, जायद सभी सीजनों में करोड़ों हेक्टेयर में फसलों का उत्पादन करते हैं। उसी से वह अपनी आजीविका को भी चलाते हैं। किसानों का ध्यान विशेषकर परंपरागत खेती की ओर ज्यादा होता है। हालाँकि, विशेषज्ञों के अनुसार किसान पारंपरिक खेती के अतिरिक्त फसलों का भी उत्पादन कर सकते हैं। वर्तमान में ऐसी ही खेती के संबंध में हम चर्चा करने वाले हैं। हम बात करेंगे फूलों की खेती के बारे में जिनका उपयोग शादी से लेकर घर, रेस्टोरेंट, दुकान, होटल, त्यौहारों समेत और भी भी बहुत से समारोह एवं संस्थानों को सजाने हेतु किया जाता है। फूलों की सजावट में प्रमुख भूमिका तो होती ही है, साथ ही अगर फूलों के व्यवसाय को बिना बुवाई के भी सही तरीके से कर पाएं तो खूब दाम कमा सकते हैं।

फूलों के व्यवसाय से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं

भारत के बाजार में फूलों का अच्छी खासी मांग है। फूलों का व्यापार को आरंभ करने के लिए 50 हजार से एक लाख रुपये का खर्च आता है। मुख्य बात यह है, कि फूलों के इस व्यवसाय को 1000 से 1500 वर्ग फीट में किया जा सकता है। फूल कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया है, कि कृषि की अपेक्षा फूलों के व्यवसाय से जुड़ रहे हैं। तो कम धनराशि की आवश्यकता पड़ती है। यदि इसके स्थान की बात की जाए तो 1000 से 1500 वर्ग फीट भूमि ही व्यवसाय करने हेतु काफी है। इसके अतिरिक्त फूलों को तरोताजा रखने हेतु एक फ्रिज की आवश्यकता होती है।
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फूलों के व्यवसाय में कितने मानव संसाधन की आवश्यकता पड़ेगी

किसान यदि फूलों का व्यवसाय करने के बारे में सोच रहे हैं, तो उसके लिए कुछ मानव संसाधन की आवश्यकता भी होती है। क्योंकि फूलों की पैकिंग व ग्राहकों के घर तक पहुँचाने हेतु लोगों की आवश्यकता पड़ती है। फूल की खेती करने वाले किसानों से फूलों की खरीदारी करने के लिए भी सहकर्मियों की जरूरत अवश्य होगी। भिन्न-भिन्न समय पर भिन्न-भिन्न प्रकार के फूलों की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए समस्त प्रकार के फूलों का प्रबंध व्यवसायी को स्वयं करना होगा। फूलों को काटने, बांधने एवं गुलदस्ता निर्मित करने के लिए भी कई उपकरणों की जरूरत पड़ेगी।

इस प्रकार बढ़ाएं फूलों का व्यवसाय

सामान्यतः हर घर में जन्मदिन, शादी, ब्याह जैसे अन्य समारोह होते रहते हैं। इसके अतिरिक्त प्रतिष्ठान हो अथवा घर लोग सुबह शाम पूजा अर्चना में फूलों का उपयोग करते हैं। अगर फूलों का कारोबार करते हैं, तो प्रतिष्ठान एवं ऐसे परिवारों से जुड़कर अपने कारोबार को बढ़ाएं। किसी प्रतिष्ठान, दुकान एवं घरों पर संपर्क करना अति आवश्यक है। उनको अवगत कराया जाए कि ऑनलाइन अथवा ऑनकॉल फूल भेजने की सुविधा भी दी जाती है। आप अपने फूलों के व्यापार को सोशल मीडिया जैसे कि व्हाटसएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि के माध्यम से भी बढ़ा सकते हैं।
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सर्वाधिक मांग वाले फूल कौन से हैं

दरअसल, बाजार में सैंकड़ों प्रकार के फूल उपलब्ध हैं। परंतु, सामान्यतः समारोहों में रजनीगंधा, कार्नेशन, गुलाब, गेंदा, चंपा, चमेली, मोगरा, फूल, गुलाब, कमल, ग्लैडियोलस सहित अतिरिक्त फूलों की मांग ज्यादा होती है।

फूलों से आपको कितनी आमदनी हो सकती है

हालाँकि बाजार में समस्त प्रकार के फूल पाए जाते हैं, इनमें महंगे एवं सस्ते दोनों होते हैं। दरअसल, गुलाब और गेंदा के भाव में ही काफी अंतर देखने को मिल जाता है। कमल का फूल ज्यादा महंगा बिकता है। कमल से सस्ता गुलाब व गुलाब से सस्ता गेंदा होता है। जिस कीमत पर आप किसानों से फूल खरीदें, आपको उस कीमत से दोगुने या तिगुने भाव पर अपने फूलों को बेचना चाहिए। अगर आप किसी फूल को 2 रुपये में खरीदते हैं, तो उसको आप बाजार में 6 से 7 रुपये के भाव से बाजार में आसानी से बेच सकते हैं। किसी विशेष मौके पर फूल का भाव 10 से 20 रुपये तक पहुँच जाता है। गेंदे के फूल का भाव 50 से 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्राप्त हो जाता है। साथ ही, गुलाब का एक फूल 20 रुपये में बिक रहा है। वहीं मोगरा का फूल 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव प्राप्त हो रहा है। जूलियट गुलाब के गुलदस्ते का भाव तकरीबन 90 पाउंड मतलब की 9,134 रुपये के लगभग है।