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पानी की खपत एवं किसानों का खर्च कम करने में मदद करेगी केंद्र की यह योजना

Published on: 09-Jan-2023

राजस्थान राज्य में खेती किसानी करने वाले कृषकों के हित में सिंचाई हेतु समुचित रूप से संसाधन उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई पाइप लाइन योजना लागू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 60% प्रतिशत तक अनुदान, यानी 18,000 रुपये की धनराशि सब्सिडी के तौर पर दी जाती है। भारत के बहुत से क्षेत्रों में जल का स्तर काफी कम देखने को मिल रहा है। विभिन्न खेतिहर क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां भूजल का स्तर बिल्कुल गिर चुका है। राजस्थान राज्य के अधिकाँश क्षेत्रों की परिस्थितियां भी कुछ ऐसी ही हैं। भूमि बिल्कुल बंजर व सूखी पड़ी हुई है। फसलों की सिंचाई हेतु समुचित एवं पर्याप्त मात्रा में साधन उपलब्ध ना होने की स्थिति में ना ही खेती हो पति है और ना ही बेहतर उत्पादन अर्जित हो पाता। केंद्र सरकार ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए इसके उचित समाधान हेतु केंद्र प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जारी की है। राजस्थान राज्य सरकार द्वारा भी राज्य स्तर पर सिंचाई पाइप लाइन अनुदान योजना लागू की है। जिससे ट्यूबवेल की कनेक्टिविटी हेतु सिंचाई पाइप लाइन की खरीद करने पर अनुदान प्रदान किया जा सके। इसकी सहायता से जल की बर्बादी को कम कर फसल की जरुरत के हिसाब से सिंचाई का कार्य पूर्ण किया जा सके।

पानी की अत्यधिक खपत बचेगी

वर्तमान में अधिकाँश क्षेत्रों में सिंचाई हेतु परंपरागत विधियों को उपयोग में लाया जा रहा है। प्राचीन काल में किसान कुएं एवं बोरवेल जैसे साधनों से कृषि हेतु एक मुस्त पानी देते हैं। बहुत बार खेतों में जरुरत से ज्यादा पानी देने की स्थिति में फसल में सड़न-गलन उत्पन्न हो जाती थी जिससे उत्पादकता में काफी गिरावट आ जाती थी। इस समस्या से बचाव के लिए किसान पाइन लाइन का उपयोग कर फसल को आवश्यकतानुसार पानी दे सकते हैं। इससे पानी की बर्बादी रुकने के साथ-साथ 20 से 30 प्रतिशत तक बचत होगी एवं सिंचाई संबंधित कार्यों में भी सुविधा मिलेगी।

पाइप लाइन को खरीदने पर किसको कितना मिलेगा अनुदान

राजस्थान सरकार के माध्यम से चलाई गई सिंचाई पाइप लाइन स्कीम के अंतर्गत पाइन लाइन की खरीद पर अनुदान का फायदा लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता में रखते हुए प्रदान किया जाना है। हालांकि, सामान्य श्रेणी के कृषकों को भी योजना के अंतर्गत शम्मिलित किया गया है।
  • लघु एवं सीमांत किसानों हेतु 60% प्रतिशत तक अनुदान यानी, अधिकतम 18,000 रुपये का अनुदान तय किया गया है।
  • सामान्य वर्ग के किसानों को 50% प्रतिशत अनुदान यानी अधिकतम 15,000 रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
  • लाभ लेने लिए क्या शर्तें हैं
  • सिंचाई पाइप लाइन योजना का फायदा लेने हेतु किसानों के समीप स्वयं खेती करने लायक भूमि उपलब्ध होनी बेहद आवश्यक है।
  • किसानों के पास सिंचाई के साधन यानी कि डीजल, ट्रैक्टर कुआं तथा ट्यूबवेल के जरिए चलने वाली पंप सेट भी होनी जरुरी है।
ये भी देखें: सिंचाई के लिए नलकूप लगवाने के लिए 3 लाख से ज्यादा की सब्सिडी दे रही है ये सरकार यदि एक ही कुआं अथवा जल स्रोत होने पर अलग-अलग किसान आवेदन कर लाभ कामाना चाहते हैं, तो सरकार की ओर से विभिन्न मूल्यों पर अनुदान दिया जाएगा।

योजना का लाभ लेने के लिए यहां करें आवेदन

केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा किसी भी कृषि योजना में आवेदन करने से पूर्व स्वयं के जनपद के समीप कृषि विभाग के कार्यालय में पहुँचकर एक विस्तृत ब्यौरा प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना में आवेदन करने हेतु आधार कार्ड अथवा जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नवीन कॉपी होनी आवश्यक है।
किसी भी सीएससी सेंटर अथवा ई-मित्र केंद्र पर पहुँचकर सिंचाई पाइप लाइन योजना में ऑनलाइन तौर पर आवेदन किया जा सकता है।

किसान पाइप लाइन कहाँ से खरीदेंगे

सिंचाई पाइप लाइन योजना के नियमों के अनुसार, आवेदन करने के उपरांत कृषि विभाग समस्त कागजातों का सत्यापन करता है। यदि आप लाभार्थी के रूप में चयनित हुए तो कृषि विभाग में रजिस्टर्ड पाइप लाइन के निर्माता अथवा अधिकृत विक्रेता द्वारा ही सिंचाई की पाइप लाइन खरीदनी पड़ेगी। इस पाइप लाइन को नियुक्त करना होगा, जिसका सत्यापन कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। इसके उपरांत ही अनुदान की धनराशि कृषकों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी। इस संदर्भ में आवेदन स्वीकृत होने के उपरांत कृषि पर्यवेक्षक से जानकारी प्राप्त हो जाएगी।

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