जानिए कैसे अपने मोबाइल फोन से निकालें खसरा खतौनी और जमीन के नक्शे

Published on: 14-Dec-2020

उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौर में खसरा—खतौनी के लिए तहसीलों से किसानों की भीड़ कम करने का जतन शुरू हुआ। सरकार की मंशा के अनुरूप खतौनी तो ऑनलाइन मिल जाती हैं लेकिन खसरा एवं नक्शे भाजपा सरकार के कार्यकाल के सालों गुजरने के बाद भी नहीं निकल पाते। कारण यह है कि अफसरों का इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं है। अफसर ही क्यों ध्यान दें जब सरकार का ही ध्यान नहीं है। इस सुविधा से किसान अपने एन्ड्रायड मोबाइल से घर बैठे अपनी खेती की जमीन की स्थिति का जब चाहे तब परीक्षण कर सकते हैं। खरीद—बिक्री के समय भी इससे आसानी रहती है। सपा सरकार में सूबे में राजस्व अभिलेखों को ऑनलाइन अपलोड करने का काम शुरू हुआ। इस काम के लिए जिन एजेंसियों को सरकार ने काम सोंपा उनके द्वारा प्रारंभ में तेजी से काम किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि खतौनी ऑनलाइन हो गईं लेकिन नक्शों को अपलोड करने का काम नहीं हो पाया। प्रदेश के कई जनपदों में यह काम अधर में ही अटका है। सरकार की शिथिलता के चलते अफसर भी इस ओर ध्यान नहीं देते। कारण यह है कि अब किसान खतौनी ऑनलाइन होने के बाद भी नक्शे के लिए तहसीलों की ओर दौड़ते हैं। खसरे के मामले में भी यही स्थिति है। वीआईपी श्रेणी के मथुरा जनपद में भी कई तहसीलों के जमीनों के नक्शे अपलोड नहीं हो पाए हैं। प्रारंभिक तौर पर सपा शासन में शहरी क्षेत्र में लोकवाणी एवं गांवों में जनसेवा केन्द्र खोले गए। इससे हजारों हजार युवाओं को रोजगार मिला। इन केन्द्रों के माध्यम से ग्रामीण बच्चों को जाति, आय, निवास आदि प्रमाण पत्र की आनलाइन सुविधा घर के नजदीक मिलने लगी। khasra khatauni

कैसे निकालें खतौनी

यूपी भूलेख upbhulekh.gov.in गूगल में जाके कोई भी सर्च कर सकता है। इसके बाद बेबसाइट पर जनपद का कॉलम आएगा। जनपद में क्लिक करने के बाद तहसील पर क्लिक करना होता है। तहसील पर क्लिक करने के साथ ही तहसील क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों का नाम अल्फाबेटिकल आधार पर आने लगता है। किसान के गांव का नाम जिस श्रेणी में आता हो उस पर क्लिक करने के साथ ही भूलेख का विकल्प आ जाात है। इसमें नाम से, खसरा नंबर से एवं खाता नंबर से जिससे भी व्यक्ति देखना चाहे जमीन का विवरण देख सकता है।

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