Published on: 07-May-2025
Updated on: 07-May-2025
आम भारत की प्रमुख फल फसल है और इसे फलों का राजा माना जाता है। आम का उपयोग इसके विकास के सभी चरणों में किया जाता है — कच्चे और पके दोनों रूपों में। कच्चे आम का उपयोग चटनी, अचार और रस बनाने में होता है।
पके आम न केवल सीधे खाने के लिए, बल्कि स्क्वैश, सिरप, नेक्टर, जैम और जेली जैसे कई उत्पादों के निर्माण में भी उपयोग किए जाते हैं।
आम की गुठली में 8–10% तक उच्च गुणवत्ता वाला वसा होता है, जिसका उपयोग साबुन बनाने में और कोला के विकल्प के रूप में कन्फेक्शनरी में किया जा सकता है।
आज के इस लेख में हम आपको आम की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी देंगे।
आम की उन्नत किस्में
आम की किस्मों की बाते करे तो भारत में लगभग 1000 किस्मों से भी अधिक आम किस्में पाई जाती हैं, यहां आप आम की कुछ खास किस्मों के बारे में जानेंगे जी को अधिक उपज देती हैं।
- मल्लिका – यह नीलम और दशहरी का संकर (हाइब्रिड) है। इसके फल मध्यम आकार के, कैडमियम रंग के और अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं। यह नियमित रूप से फल देने वाली किस्म मानी जाती है।
- अमरपाली – यह दशहरी और नीलम का संकर है। यह एक बौनी और जोरदार बढ़ने वाली किस्म है, जो नियमित और देर से फल देती है। इसकी औसत उपज 16 टन प्रति हेक्टेयर होती है और एक हेक्टेयर में लगभग 1600 पौधे लगाए जा सकते हैं।
- मंजीरा – यह रमानी और नीलम का संकर है। यह अर्ध-बौनी और नियमित रूप से फल देने वाली किस्म है। फल मध्यम आकार के, हल्के पीले रंग के, गूदा रेशारहित, सख्त और स्वाद में मीठे होते हैं।
- रत्ना – यह नीलम और अल्फांसो का संकर है। यह नियमित फल देने वाली किस्म है और स्पंजी टिशू से मुक्त है। इसके फल मध्यम आकार के, उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले होते हैं। गूदा गहरा नारंगी, रेशारहित और सख्त होता है तथा घुलनशील ठोस पदार्थ (TSS) 19–21 ब्रिक्स होता है।
- अर्का अरुणा – यह बंगनपल्ली और अल्फांसो का संकर है। यह नियमित फल देने वाली और बौनी किस्म है। प्रति हेक्टेयर लगभग 400 पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके फल बड़े आकार के (500–700 ग्राम), आकर्षक रंग वाले होते हैं। गूदा रेशारहित, मीठा (20–22 ब्रिक्स) और गूदे का प्रतिशत 73% होता है। फल स्पंजी टिशू से मुक्त होते हैं।
- अर्का पुनीत – यह अल्फांसो और बंगनपल्ली का संकर है। यह नियमित और भारी उपज देने वाली किस्म है। फल मध्यम आकार (220–250 ग्राम), आकर्षक रंग और लाल आभा लिए होते हैं। गूदा रेशारहित, गूदे का प्रतिशत 70% होता है। फल स्वाद में मीठे (20–22 ब्रिक्स), अच्छी भंडारण क्षमता वाले और प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त होते हैं।
- अर्का अनमोल – यह अल्फांसो और जनार्दन पसंद का संकर है। यह अर्ध-बौना पौधा होता है और नियमित रूप से फल देता है। फल स्पंजी टिशू से मुक्त होते हैं और समान रूप से पीले रंग में पकते हैं। इसकी भंडारण क्षमता बहुत अच्छी होती है, जिससे यह निर्यात के लिए उपयुक्त है। इसमें शर्करा और अम्ल का संतुलन उत्कृष्ट होता है। औसतन फलों का वजन 300 ग्राम होता है और गूदा नारंगी रंग का होता है।
Q-मल्लिका आम किस किस्म का संकर है और इसकी विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: मल्लिका आम, नीलम और दशहरी का संकर (हाइब्रिड) है। इसके फल मध्यम आकार के, कैडमियम रंग के और उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं। यह एक नियमित रूप से फल देने वाली किस्म है।
Q-अमरपाली आम की उपज और विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:अमरपाली आम, दशहरी और नीलम का संकर है। यह बौनी किस्म है और इसकी औसत उपज 16 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
Q-रत्ना आम किस रोग से मुक्त होता है?
उत्तर:रत्ना आम, स्पंजी टिशू से मुक्त होता है। यह नीलम और अल्फांसो का संकर है, जिसमें गूदा गहरा नारंगी, रेशारहित और घुलनशील ठोस पदार्थ (TSS) 19–21 ब्रिक्स पाया जाता है।
Q-अर्का अरुणा आम की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: अर्का अरुणा, बंगनपल्ली और अल्फांसो का संकर है। यह बौनी किस्म है और इसके फल बड़े (500–700 ग्राम), आकर्षक रंग के, रेशारहित और मीठे (TSS 20–22 ब्रिक्स) होते हैं।
Q-आम के किस भाग से साबुन और कन्फेक्शनरी उत्पाद बनाए जाते हैं?
उत्तर:आम की गुठली से निकलने वाले वसा का उपयोग साबुन और कोला के विकल्प वाले कन्फेक्शनरी उत्पादों में किया जाता है, क्योंकि इसमें 8–10% तक उच्च गुणवत्ता वाला वसा होता है।