जैसा होता आया है वैसा ही फिर हो रहा है। किसानों की फसल आने के साथ ही प्याज के दाम धड़ाम हो गए हैं। चिंता इस बात की है कि कहीं कारोबारी कीमतों को और ज्यादा न गिरा दें। पिछले दिनों 80 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिकी प्याज अब 10 से 15 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।
किसानों को फसल का मूल्य ज्यादा कम न मिले इससे बचने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटाने का निर्णय लिया है। यह 15 मार्च से अमल में आएगा। प्याज की गिरती कीमतों के चलते महाराष्ट्र में किसान विरोध कर रहे हैं। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्द्दयोग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार ने किसान हित में 15 मार्च से प्याज के निर्यात की अनुमति देदी जाएगी।
विदित हो कि महाराष्ट्र की कई मंडियां प्याज के मामले में एशिया की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार हैं और यहां दिसंबर में 80 रुपए के भाव बिक रही प्याज 15-16 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। प्याज की बंपर पैदावार हुई है और लगातार गिरती कमतों के चलते किसान परेशान हैं। प्याज की गत सितंबर में बढ़ती कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया था।
किसानों की फसल आवक के समय यही हाल होता है। सरकार समय रहते न तो कीमतों में इजाफे को नियंत्रित कर पाती हैं न गिरावट को। अब प्याज उत्पादक किसान परेशान हैं। उन्हें लगातार गिरती कीमतों के और ज्यादा नीचे जाने का डर सता रहा है। इसे नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन डिमांड एण्ड स्प्लाई का सिद्धांत यहां भी काम करता है। सरकार ने निर्यात पर लगी रोक हटाकर गिरावट रोकने का रास्ता साफ किया है। निर्यातक विदेशों को प्याज की आपूर्ति करके इस संतुलन को बनाए रख सकते हैं।