ट्रैक्टर बीमा क्यों आवश्यक है और इसकी प्रक्रिया क्या है?

Published on: 14-Mar-2025

ट्रैक्टर बीमा किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है, जो अप्रत्याशित घटनाओं के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाव करता है। 

चूंकि ट्रैक्टर खेती में कई कार्यों जैसे जुताई, बुवाई, छिड़काव, फसल ढुलाई और अन्य कृषि गतिविधियों में प्रयोग होता है, इसका बीमा कराना अत्यंत आवश्यक है।

ट्रैक्टर बीमा की आवश्यकता

ट्रैक्टर की ऊंची कीमत के कारण किसान अक्सर इसे खरीदने के लिए लोन लेते हैं। यदि ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त हो जाए तो यह किसान के लिए बड़ा आर्थिक संकट बन सकता है। 

बीमा योजना ऐसे जोखिमों को कम करती है और आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, कई बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देते समय ट्रैक्टर बीमा को अनिवार्य बनाते हैं ताकि किसी भी अनहोनी की स्थिति में उनका निवेश सुरक्षित रहे।  

ट्रैक्टर बीमा किसानों को मानसिक शांति भी प्रदान करता है, क्योंकि वे जानते हैं कि किसी भी आपदा या दुर्घटना के समय उन्हें आर्थिक सहायता प्राप्त होगी। 

विशेष रूप से छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए, जो पहले से ही सीमित संसाधनों पर निर्भर होते हैं, बीमा उन्हें आर्थिक संकट से बचाने में सहायक होता है।

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ट्रैक्टर बीमा के लाभ

  • प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, भूकंप, आग, भूस्खलन आदि से होने वाले नुकसान की भरपाई।  
  • चोरी, दुर्घटना, हड़ताल, दंगे जैसी घटनाओं को कवर करना।  
  • ट्रैक्टर मालिक, चालक और यात्रियों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना कवर।  
  • तीसरे पक्ष को हुई क्षति के लिए मुआवजा।  
  • ट्रैक्टर के किसी महत्वपूर्ण हिस्से के क्षतिग्रस्त होने पर उसकी मरम्मत या प्रतिस्थापन का खर्च।  
  • बीमा में ट्रैक्टर के साथ जुड़े उपकरणों (जैसे हल, ट्रॉली आदि) का भी बीमा कवर प्रदान किया जा सकता है।  

पात्रता मापदंड

ट्रैक्टर बीमा आमतौर पर एक वर्ष के लिए वैध होता है और बीमित राशि वाहन के घोषित मूल्य (IDV) के आधार पर तय की जाती है। बीमा राशि निर्धारित करते समय वाहन की उम्र, स्थिति और अन्य तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है।

दावा प्रक्रिया

यदि ट्रैक्टर दुर्घटना का शिकार हो जाए, चोरी हो जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो बीमा दावा दर्ज करना आवश्यक है। दावा करते समय निम्नलिखित विवरण आवश्यक होते हैं:  

  • बीमा पॉलिसी नंबर  
  • बीमाधारक का नाम और संपर्क जानकारी  
  • वाहन का पंजीकरण नंबर और क्षतिग्रस्त स्थल का विवरण  
  • यदि पुलिस को सूचित किया गया हो तो थाने का विवरण  
  • घटना का संक्षिप्त विवरण और किसी भी संभावित तृतीय-पक्ष दावे की जानकारी  

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आवश्यक दस्तावेज

दावा प्रक्रिया के दौरान निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं:

  • विधिवत भरा हुआ और हस्ताक्षरित दावा फॉर्म
  • वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • प्राथमिकी (FIR) की प्रति
  • मरम्मत या प्रतिस्थापन बिल
  • क्षतिग्रस्त वाहन की तस्वीरें
  • गैरेज से डिस्चार्ज वाउचर

सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने और दावा स्वीकृत होने के बाद, मुआवजा राशि पॉलिसीधारक के खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है।

किसान अपनी कड़ी मेहनत से फसल उगाते हैं, और ट्रैक्टर उनकी खेती के लिए एक अमूल्य संपत्ति है। 

ट्रैक्टर बीमा करवा कर किसान अपने इस महत्वपूर्ण संसाधन को सुरक्षित रख सकते हैं और किसी भी संभावित दुर्घटना से उत्पन्न होने वाली वित्तीय कठिनाइयों से बच सकते हैं। 

अतः हर किसान को अपने ट्रैक्टर का बीमा अवश्य कराना चाहिए ताकि वे निश्चिंत होकर अपनी कृषि गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।