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सोलर पैनल के उपयोग से खेती की उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है, इससे क्या-क्या लाभ मिलते हैं

Published on: 23-Aug-2023

सोलर पैनल के इस्तेमाल से किसान सुगम तरीके से अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। भारत सरकार सोलर पैनल लगाने पर कृषकों को भारी अनुदान भी प्रदान कर रही है। हमारे भारत के किसान कृषि के लिए अनियमित मानसून एवं अपर्याप्त विद्युत प्रणालियों पर आश्रित रहते हैं। इन चुनौतियों की वजह से किसानों की फसल उत्पादन क्षमता में गिरावट आती है। भारतीय किसानों के समीप भारत की उष्णकटिबंधीय जलवायु के रूप में एक मूल्यवान सोलर संपत्ति है, जो कृषकों को खेतों में सौर पैनल स्थापित कर ऊर्जा एवं पानी की जरूरतों को पूरा करने का अवसर प्रदान करती है। सौर पैनलों का उपयोग भारत के कृषि परिदृश्य को देखते हुए इसे एक बेहतर उपयोग के तौर पर लिया जा सकता है। फिलहाल, भारत में सौर पैनलों की काफी ज्यादा मांग भी है और भारत सरकार इसके इंस्टालेशन पर सब्सिड़ी भी उपलब्ध करा रही है।

ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने में सहयोगी

भारत के ग्रामीण इलाकों में आम तौर पर बिजली की कमी अथवा आपूर्ति सही वक्त पर नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में खेतों पर सौर पैनल स्थापित करके, किसान अपनी स्वयं की बिजली पैदा कर सकते हैं, जिससे सिंचाई, मशीनरी एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे किसानों की ग्रिड पर निर्भरता काफी कम होती है। साथ ही, उत्पादकता में भी काफी सुधार आऐगा। ये भी देखें: पंजाब सरकार सिचाईं पर करेगी खर्च कम, लेगी सौर ऊर्जा की मदद

सौर ऊर्जा से सिंचाई सुगमता से की जा सकती है

खेती किसानी पूर्णतय पानी पर आश्रित होती हैं। वहीं, सौर ऊर्जा के जरिए से फसलों में सिंचाई के लिए कुओं एवं अन्य जल स्रोतों से पानी पंप करने में सहयोग मिलता है। सौर ऊर्जा से संचालित पंप भरपूर मात्रा में सूर्य की रोशनी का इस्तेमाल करके दिन के दौरान कार्य कर सकते हैं, जो पौधों की सिंचाई की आवश्यकता को पूर्ण कर सकता है।

अत्यधिक पैसों की बर्बादी पर रोकथाम

साधारण बिजली के मुकाबले में सोलर पैनल पर काफी कम खर्च आता है। एक बार सौर पैनल स्थापित हो जाने के उपरांत, उनकी परिचालन एवं रखरखाव लागत अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे किसानों को बाकी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए धन की बचत हो पाती है। खेती के अतिरिक्त सौर ऊर्जा किसानों को आय का एक अतिरिक्त जरिया प्रदान कर सकती है। किसान भाई अतिरिक्त बिजली पैदा करके इसे नेट मीटरिंग के जरिए से ग्रिड को वापस बेच सकते हैं, जिससे इनकी आमदनी भी होगी। ये भी देखें: जाने खेती के साथ-साथ बिजली उत्पादन करते हुए कैसे कमा रहे हैं किसान ज्यादा आमदनी

यह पूर्णतय रिमोट एक्सेस है

सौर ऊर्जा से चलने वाली प्रौद्योगिकियों को डिजिटल टूल एवं सेंसर के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे किसानों को अपने खेतों की दूर से निगरानी एवं प्रबंधन करने में सुगमता होती है। इसमें मिट्टी की नमी, मौसम की स्थिति और फसल स्वास्थ्य की निगरानी करना, निर्णय लेने में सक्षम बनाना और संसाधन उपयोग को अनुकूलित करना शम्मिलित है।

ग्रामीण विकास में काफी सहयोगी है

खेतों पर सौर पैनल स्थापित करने से इसके रखरखाव एवं मरम्मत के लिए स्थानीय रोजगार उत्पन्न होते हैं। इससे ग्रामीण समुदायों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। भारत सरकार भी लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन, सब्सिडी, योजनाएं एवं नीतियां प्रदान करती रहती है। कृषक भाई भी इन योजनाओं का फायदा उठाते हैं।

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