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स्वराज कंपनी के टॉप 3 ट्रैक्टर मॉडल्स और उनके बारे में सम्पूर्ण जानकारी

स्वराज कंपनी के टॉप 3 ट्रैक्टर मॉडल्स और उनके बारे में सम्पूर्ण जानकारी

भारत में स्वराज ट्रैक्टर महिंद्रा और महिंद्रा का जाना माना नाम है। जो की किसानों के लिए शक्तिशाली ट्रैक्टरों का निर्माण करता है। किसानों के बिच स्वराज कंपनी के ट्रैक्टर बहुत लोकप्रिय है। इसका प्रमुख कारण स्वराज ट्रैक्टर के आकर्षण फीचर्स और किफायती कीमत है। स्वराज ट्रैक्टर की एक विशाल रंजे हे जिसमे 15 एचपी से लेकर 75 एचपी तक के ट्रैक्टर शामिल है।  इस लेख में हम आपको इस ट्रैक्टर कंपनी के टॉप 3 ट्रैक्टरों के बारे में जानकारी देंगे।स्वराज कंपनी के टॉप 3 ट्रैक्टर मॉडल्स स्वराज 855 एफई ट्रैक्टरये स्वराज कंपनी के सबसे शक्तिशाली और मशहूर ट्रैक्टर...
महिंद्रा Oja 2124 4WD ट्रैक्टर की किसानों के बीच तेजी से बढ़ी लोकप्रियता

महिंद्रा Oja 2124 4WD ट्रैक्टर की किसानों के बीच तेजी से बढ़ी लोकप्रियता

महिंद्रा Oja 2124 4WD सुपर आकर्षक डिजाइन के साथ एक अद्भुत और शक्तिशाली ट्रैक्टर है। महिंद्रा ओजा 2124 4WD महिंद्रा ट्रैक्टर द्वारा लॉन्च किया गया एक प्रभावी ट्रैक्टर है। Oja 2124 4WD ट्रैक्टर खेत पर प्रभावी कार्य के लिए सभी एडवांस तकनीक के साथ आता है। यहां हम महिंद्रा Oja 2124 4WD ट्रैक्टर के सभी फीचर्स, गुणवत्ता और उचित मूल्य दिखाते हैं। महिंद्रा Oja 2124 4WD की इंजन क्षमता क्या है ?यह ट्रैक्टर 24 एचपी के साथ आता है। महिंद्रा ओजा 2124 4WD की इंजन कैपेसिटी अच्छी माइलेज प्रदान करती है। महिंद्रा ओजा 2124 4WD शक्तिशाली ट्रैक्टरों में से...
गैलार्डिया यानी नवरंगा फूल की खेती से जुड़ी फायदेमंद जानकारी

गैलार्डिया यानी नवरंगा फूल की खेती से जुड़ी फायदेमंद जानकारी

गैलार्डिया को सामान्य तौर पर कंबल फूल या नवरंगा के नाम से भी पहचाना जाता है। इसका नाम मैत्रे गेलार्ड डी चारेनटोन्यू के नाम पर रखा गया था, जो एक 18वीं सदी के फ्रांसीसी मजिस्ट्रेट जो एक उत्साही वनस्पतिशास्त्री थे। यह एक वार्षिक या बारहमासी पौधा होता है। इसका तना सामान्यतः शाखाओं में बंटा होता है। वहीं, यह लगभग 80 सेंटीमीटर (31.5 इंच) की अधिकतम ऊंचाई तक खड़ा होता है। गैलार्डिया को नवरंगा फूल के नाम से भी जाना जाता है। यह फूल सुन्दर रूप से रंगीन, डेजी जैसे फूल पैदा करती है। इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर मंदिरों...
 सोयाबीन की फसल को प्रभावित करने वाले रोग व उनकी रोकथाम

सोयाबीन की फसल को प्रभावित करने वाले रोग व उनकी रोकथाम

सोयाबीन की बुवाई जून के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती है। ऐसे में सोयाबीन की बंपर पैदावार लेने के लिए किसानों को इसकी उन्नत किस्में और बुवाई के सही तरीके की जानकारी होना बेहद जरूरी है। सोयाबीन के किसानों को अच्छे भाव मिलते हैं। क्योंकि सोयाबीन से तेल निकाला जाता है। इसके अलावा सोयाबीन से सोया बड़ी, सोया दूध, सोया पनीर आदि चीजें बनाई जाती है।बतादें, कि सोयाबीन तिलहनी फसलों में आता है और इसकी खेती देश के कई राज्यों में होती है। विशेषकर मध्यप्रदेश में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। सोयाबीन का भारत में 12 मिलियन टन...
जून में उगाई जाने वाली फसलों की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

जून में उगाई जाने वाली फसलों की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

खेती किसानी में बहुत से आतंरिक और बाहरी कारक फसलीय उत्पादन को प्रभावित करते हैं। इनमें से एक प्रमुख कारक फसल बुवाई के समय का चयन करना है। किसान भाइयों को बेहतर उपज हांसिल करने के लिए हर एक माह के मुताबिक फसलों की बुवाई और कृषि कार्य करना चाहिए। साथ ही, फसल की बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए, ताकि बंपर उत्पादन हांसिल किया जा सके। ऐसे में कृषकों के पास प्रति महीने कृषि कार्यों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि ज्यादा उपज के साथ उच्च गुणवत्ता प्राप्त हो सके।भारत में मौसम के आधार पर भिन्न-भिन्न...
फूलों की खेती से चमकी किसान श्रीकांत की तकदीर, जानें इनकी सफलता की कहानी

फूलों की खेती से चमकी किसान श्रीकांत की तकदीर, जानें इनकी सफलता की कहानी

भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश की अधिकांश आबादी कृषि या कृषि से जुड़े कार्यों से आजीविका चलाती है। वर्तमान में भारत के कई पढ़े-लिखे शिक्षित लोग नौकरी को छोड़कर कृषि में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। साथ ही, सफलता भी हांसिल कर रहे हैं। इसी कड़ी में फूलों की खेती करके श्रीकांत बोलापल्ली ने एक छोटी स्तर से शुरुआत करके आज वार्षिक करोड़ों की आय का मुकाम हांसिल किया है। उन्होंने फूलों की खेती करने से पूर्व आधुनिक कृषि तकनीकों के विषय में सही से जानकारी ग्रहण की और इसका अनुसरण करके इसको कृषि में लागू किया। आज...