किसानों के लिए बड़ी सौगात: सूर्य योजना में बदलाव, अब सोलर पंप पर 90% तक सब्सिडी!

Published on: 23-Nov-2025
Updated on: 23-Nov-2025

अब 90% सब्सिडी पर मिलेगा सोलर पंप: कृषक मित्र सूर्य योजना में बड़ा बदलाव, किसानों को होगा दोगुना लाभ 

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की सिंचाई लागत को कम करने और उन्हें आधुनिक एवं पर्यावरण-अनुकूल तकनीक उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” में बड़े संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब किसानों को 90% तक सब्सिडी पर अधिक क्षमता वाले सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम किसानों को डीजल और बिजली के बढ़ते खर्च से राहत देने और कृषि क्षेत्र को सौर ऊर्जा की ओर तेजी से अग्रसर करने में मील का पत्थर साबित होगा।

मंत्री परिषद ने दिए संशोधन को हरी झंडी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की हालिया बैठक में सोलर पंप स्थापना संबंधी प्रावधानों में बदलाव को मंजूरी दी गई। यह संशोधन किसानों की बढ़ती सिंचाई जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे अब वे अधिक क्षमता वाले पंप का चयन कर सकेंगे। पहले किसानों को सिर्फ उनके मौजूदा बिजली कनेक्शन की क्षमता के बराबर ही पंप मिलता था, लेकिन अब उन्हें एक स्तर अधिक क्षमता वाला विकल्प मिलेगा।

अब अधिक क्षमता का सोलर पंप लगाना हुआ आसान

नई नीति के अनुसार—

  • 3 HP कनेक्शन वाले किसान अब 5 HP का सोलर पंप ले सकेंगे।
  • 5 HP वाले किसान 7.5 HP तक के सोलर पंप का लाभ ले पाएंगे।

यह बदलाव विशेष रूप से उन किसानों के लिए लाभकारी है जिनकी जमीन अधिक है या जलस्तर गहरा है और उन्हें अतिरिक्त क्षमता की आवश्यकता रहती है। अधिक क्षमता वाले पंप से न सिर्फ पानी की आपूर्ति बढ़ेगी बल्कि सिंचाई का समय भी कम होगा।

सरकार दे रही है 90% तक सब्सिडी

योजना के तहत किसानों को सिर्फ 10% राशि का भुगतान करना होगा, जबकि बाक़ी 90% खर्च सरकार उठाएगी।

यह सुविधा खासतौर पर इन किसानों को प्राथमिकता देकर दी जाएगी—

  • अस्थायी विद्युत कनेक्शन वाले किसान 
  • अविद्युतीकृत (जहां बिजली नहीं पहुंची) क्षेत्रों के किसान

सब्सिडी का इतना बड़ा हिस्सा छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि आज बिजली और डीजल दोनों ही महंगे होते जा रहे हैं, जिससे सिंचाई की लागत लगातार बढ़ रही है। सोलर पंप लगाने से खेती की लागत घटेगी और शुद्ध आय में बढ़ोतरी होगी।

कुसुम-बी योजना का नया स्वरूप: पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना

केंद्र सरकार की कुसुम-बी योजना को मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के रूप में 24 जनवरी 2025 से लागू किया गया है।

इस योजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम (MPUVN) द्वारा किया जा रहा है, जो पूरे राज्य में सोलर पंपों की स्थापना, सप्लाई और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निभाएगा।

  • सरकार का मानना है कि इस कदम से—
  • किसानों को सिंचाई में निरंतर सुविधा मिलेगी
  •  बिजली सब्सिडी पर सरकार का खर्च घटेगा
  •  वितरण कंपनियों की लाइन हानियां कम होंगी
  •  ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की मांग में कमी आएगी
  •  पर्यावरण संरक्षण को मजबूती मिलेगी

कृषि क्षेत्र में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम

विशेषज्ञों की मानें तो सोलर पंप अपनाने से किसान बिजली कटौती, ट्रिपिंग और अनियमित आपूर्ति की समस्या से हमेशा के लिए मुक्त हो जाते हैं। साथ ही—

  • सोलर पंप की उम्र लंबी होती है
  •  रखरखाव बहुत कम होता है
  •  यह पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल तकनीक है
  •  इससे डीजल पर निर्भरता खत्म होती है
  •  खेतों की सिंचाई कभी भी, दिन के समय मुफ्त में हो सकती है

यह योजना भविष्य में कृषि क्षेत्र को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और खेती को अधिक टिकाऊ और लाभकारी व्यवसाय में बदलने में अहम भूमिका निभाएगी।

किसानों के लिए यह संशोधन क्यों है गेम-चेंजर?

  • अधिक HP वाले पंप से बड़ी जोत वाले किसान भी लाभान्वित होंगे।
  • पानी की सप्लाई तेज होने से मेहनत और समय की बचत होगी।
  • ईंधन और बिजली के खर्च में भारी कमी आएगी।
  • फसल उत्पादन अधिक सुचारू और सुरक्षित होगा।
  • प्राकृतिक संसाधन संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

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