By:
MeriKheti
Published on: 27-Feb-2023
देशभर में ड्रोन के जरिये कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. इसी की तर्ज पर एक कम्पनी ने बड़ा मास्टर प्लान तैयार किया है. जिसमें खेती के लिए ड्रोन ही काफी होंगे. और इंसानों की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ताजा जानकारी के मुताबिक कृषि में इस्तेमाल किये जाने वाले ड्रोन को बनाने वाली आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन ने बड़ा समझौता किया है. यह समझौता कृषि सेक्टर में इंसानों के बजाय ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. महाराष्ट्र के वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषि विद्यापीठ के साथ इस समझौते को किया गया है.
इस समझौते को लेकर कंपनी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि, इसका उद्देश्य ड्रोन को प्रद्योगिकी में आगे बढ़ाने के अलावा कृषि उत्पादन को बढ़ाने का है. साथ किसानों के बीच जागरूकता फैलाना भी इसका मुख्य उद्देश्य है.
पहले ही हुई थी साझेदारी की घोषणा
समझौते ज्ञापन की बात करें तो, वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ के कुलपति डॉक्टर इंद्र मणि और स्टार्ट-अप
आईओटी का वर्ल्ड एविगेशन की तरफ से निदेश अनूप कुमार ने साइन किये. बता दें साल 2017 में इसी तरह की साझेदारी की घोषणा की गयी थी.
कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को मिलेगा बढ़ावा
जानकारी के मुताबिक समझौता करने वाले दोनों पक्ष कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल करने को बढ़ावा देंगे. इसके अलावा कृषि प्रशिक्षण केंद्र और आरपीटीओ को बनाने के लिए मिलाकर काम किया जाएगा. आयोतेक वर्ल्ड के सह संस्थापक दीपक भारद्वाज के मुताबिक युनिवर्सिटी के साथ समझौते से कंपनी को ड्रोन टेक्नोलॉजी में और भी ज्यादा खोज करने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा कृषि ड्रोन के लिए रिमोट पायलट आईओटी का वर्ल्ड वीएनएमकेवी के साथ मिलकर इसकी स्थापना में भागीदार होगा. आपको बता दें इससे देश में ड्रोन पायलट की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्टअप का अपना अलग रिमोट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन है. इस ऑर्गनाइजेशन में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग के साथ ड्रोन पायलेट को लाइसेंस भी दिया जाता है.