किसानों के लिए खत्म होगा बिजली का संकट, 2 हजार यूनिट बिजली मिलेगी मुफ़्त

By: MeriKheti
Published on: 09-Apr-2023

केंद्र सरकारों के साथ राज्य सरकारें भी किसानों की हर संभव सहायता कर रही हैं ताकि किसानों के ऊपर किसी भी तरह का आर्थिक बोझ न आए और वो फसल उत्पादन पर अपना ध्यान पूरी तरह से केंद्रित कर सकें। इसी के तहत अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने घोषणा की है कि किसानों को उर्जा मित्र योजना के तहत 2 हजार यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इससे राज्य के 14 लाख किसानों को सीधे फायदा होगा और उनका बिजली बिल शून्य हो जाएगा। इसके साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं का 100 यूनिट तक का बिजली बिल माफ कर दिया गया है। जिससे 1.04 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा होगा और उन्हें अब बिजली बिल नहीं देना होगा। मतलब उनका बिजली बिल शून्य हो जाएगा। अशोक गहलोत सरकार के द्वारा लिया गया यह फैसला किसानों के लिए फायदेमंद होने वाला है। अभी तक किसान भी महंगे बिजली बिल के कारण अपने खेतों में पर्याप्त मात्रा में सिंचाई नहीं कर पाते थे। लेकिन अब रियायती दामों पर बिजली मिलने के कारण किसान भाई अपनी इच्छा के अनुसार खेतों की सिंचाई कर पाएंगे। जिसके चलते उत्पादन ज्यादा होगा और किसानों को बंपर मुनाफा मिलेगा। मुफ़्त बिजली का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिल पाएगा जिनका पहले से कोई बिजली बिल बकाया नहीं है। यह भी पढ़ें : अन्न के साथ किसान पैदा कर रहे ऊर्जा, बिना बिजली के खेतों तक पहुंच रहा पानी 2 हजार यूनिट से कम बिजली का उपयोग करने वाले किसानों को बिजली का अनुदान उनके बैंक खातों के माध्यम से दिया जाएगा। किसान के वास्तविक बिल और अनुदान राशि के बीच का अंतर उनके बैंक खाते में जमा करवा दिया जाएगा। इससे किसान बिजली बचाने के लिए प्रोत्साहित होंगे और बिजली की फिजूलखर्ची पर लगाम लगाई जा सकेगी। सरकार द्वारा जारी अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान को अपने बिजली बिल क्रमांक को बैंक खाता नंबर से लिंक करवाना होगा। मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए उन्हें सबसे पहले नजदीकी बिजली विभाग के दफ्तर में जाना होगा। यहां पर एक आवेदन पत्र में नाम, पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, फोटो जैसी जानकारी भरनी होगी। इसके साथ ही बिजली बिल की कॉपी और आधार कार्ड की फोटो कॉपी लगानी होगी। जिसके बाद किसान का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इस योजना को सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1 मई 2021 को प्रारंभ किया था। जिसके माध्यम से अब तक करोड़ों किसानों के साथ लाखों लोगों को बिजली बिल पर वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत देना है। सरकार के आदेश के अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र नहीं हैं।

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