बेमौसम बरसात से हुए नुकसान का किसानों को मिलेगा मुआवजा, सरकार ने जारी किए करोड़ों रुपये

बेमौसम बरसात से हुए नुकसान का किसानों को मिलेगा मुआवजा, सरकार ने जारी किए करोड़ों रुपये

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कुछ महीनों पहले उत्तर प्रदेश में बेमौसम बरसात हुई थी जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ था। इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान उड़द और धान की फसलों को हुआ था। बेमौसम बरसात के कारण फसलें खेतों में बिछ गई थीं, जिससे फसलें नष्ट हो गई थीं। उड़द और धान के अलावा अन्य फसलें भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई थीं।

इस नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर दी है। केंद्र सरकार ने बरसात से प्रभावित किसानों के लिए 462 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की है। यह सहायता राशि प्रदेश के 9 लाख से ज्यादा किसानों  के बीच वितरित की जाएगी, जिससे किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। फिलहाल यह राशि पिछले साल प्राकृतिक आपदा से हुई फसल की बर्बादी के लिए जारी की गई है। पिछले साल पूरे प्रदेश में मौसम ने जमकर तांडव किया था। जिसके कारण खरीफ की फसल चौपट हो गई थी। कई जिलों में धान की फसल पूरी तरह से स्वाहा हो गई थी। इसलिए इस बार अब केंद्र सरकार किसानों की सहायता के लिए आगे आई है।

केंद्र सरकार ने खरीफ मौसम में हुए नुसान को देखते हुए उत्तर प्रदेश के साथ 5 अन्य राज्यों के लिए भी सहायता राशि जारी की है। जिससे अन्य प्रदेशों के किसान भी फसलों को हुए नुकसान से राहत पा सकेंगे। केंद्रीय कृषि और किसान कल्यान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों को कुल मिलाकर 1,260 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की है।

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उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मीडिया को बताया है कि खरीफ की फसल में हुए नुकसान के लिए पहले ही बीमा कंपनियां किसानों को सहायता राशि वितरित कर चुकी हैं। बीमा कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में 134.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह राशि प्रदेश के 2.18 लाख प्रभावित किसानों को मिली है। अभी तक उत्तर प्रदेश में खरीफ की फसल का नुकसान होने पर किसानों को 597.05 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। यह सारी राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई है। विदित हो कि फसल का नुकसान होने पर किसान को 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को अवगत कराना होता है, इसके बाद ही किसान फसल बीमा के क्लेम का पात्र होता है।

किसान के द्वारा बीमा क्लेम दाखिल करने पर संबंधित बीमा कंपनी निर्धारित समय में किसान को पैसा देती है। यह पैसा फसल के खराब होने के आकलन के बाद दिया जाता है।  सरकार का प्रयास है कि फसल बीमा योजना में हर किसान को सम्मिलित किया जाए, जिससे कोई भी किसान सरकार की इस योजना से वंचित न हो पाए।

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