जानिए पारिस्थितिकी और उसके प्रमुख घटक क्या-क्या हैं?

Published on: 20-Dec-2023

पारिस्थितिकी विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जिसमें मानव विज्ञान, जनसंख्या, समुदाय, पारिस्थितिकी तंत्र एवं जीवमंडल शम्मिलित है। पारिस्थितिकी जीवों, पर्यावरण एवं जीव एक-दूसरे और उनके पर्यावरण के साथ कैसे वार्तालाप करते हैं। इसके विभिन्न स्तर होते हैं, जैसे समुदाय, जीवमंडल, पारिस्थितिकी तंत्र, जीव और जनसंख्या। एक पारिस्थितिकी विज्ञानी का प्राथमिक उद्देश्य जीवन प्रक्रियाओं, अनुकूलन और आवास, जीवों की परस्पर क्रिया और जैव विविधता के संदर्भ में उनकी समझ में काफी सुधार करना है।

जैविक और अजैविक कारक

पारिस्थितिकी का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण में जीवित चीजों के जैविक और अजैविक कारकों के वितरण को समझना आवश्यक है। जैविक तथा अजैविक कारकों में जीवित एवं निर्जीव कारक एवं पर्यावरण के साथ उनकी वार्तालाप शम्मिलित है।

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जैविक घटक

जैविक घटक किसी पारिस्थितिकी तंत्र के सजीव कारक हैं। जैविक घटकों के कुछ उदाहरणों में बैक्टीरिया, जानवर, पक्षी, कवक, पौधे इत्यादि शम्मिलित हैं।

अजैविक घटक

अजैविक घटक किसी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्जीव रासायनिक और भौतिक कारक हैं। इन घटकों को वायुमंडल, स्थलमंडल और जलमंडल से प्राप्त किया जा सकता है। अजैविक घटकों के कुछ उदाहरणों में सूर्य का प्रकाश, मिट्टी, हवा, नमी, खनिज और बहुत कुछ शामिल हैं। जीवित जीवों को जैविक घटकों में वर्गीकृत किया गया है, जबकि सूरज की रोशनी, पानी, स्थलाकृति जैसे गैर-जीवित घटकों को अजैविक घटकों के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।

पारिस्थितिकी के प्रकार

पारिस्थितिकी को विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है। पारिस्थितिकी के विभिन्न प्रकार नीचे प्रदान किए गए हैं। 

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वैश्विक पारिस्थितिकी

यह पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, भूमि, वायुमंडल तथा महासागरों के मध्य परस्पर क्रिया से जुड़े हैं। यह बड़े स्तर पर होने वाली अंतः क्रियाओं तथा ग्रह पर उनके असर को समझने में सहायता करता है।

लैंडस्केप पारिस्थितिकी

यह ऊर्जा, सामग्री, जीवों और पारिस्थितिक तंत्र के बाकी उत्पादों के आदान-प्रदान से जुड़ा हुआ है। लैंडस्केप पारिस्थितिकी, लैंडस्केप संरचनाओं तथा कार्यों पर मानव प्रभावों की भूमिका पर रौशनी डालती है।

पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकी

यह संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित है, जिसके अंतर्गत जीवित एवं निर्जीव घटकों तथा पर्यावरण के साथ उनके संबंधों का अध्ययन शम्मिलित है। यह विज्ञान शोध करता है, कि पारिस्थितिक तंत्र किस प्रकार से कार्य करते हैं, साथ ही उनकी परस्पर क्रिया इत्यादि।

सामुदायिक पारिस्थितिकी

यह इस बात से जुड़ी हुई है, कि जीवित जीवों के मध्य परस्पर क्रिया द्वारा सामुदायिक संरचना को कैसे संशोधित किया जाता है। पारिस्थितिकी समुदाय एक विशेष भौगोलिक इलाकों में रहने वाली विभिन्न प्रजातियों की दो अथवा दो से ज्यादा आबादी से निर्मित होता है।

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जनसंख्या पारिस्थितिकी

यह उन कारकों से जुड़ा हुआ है, जो आनुवांशिक संरचना एवं जीवों की आबादी के आकार को परिवर्तित एवं प्रभावित करते हैं। पारिस्थितिकी विज्ञानी जनसंख्या के आकार में उतार-चढ़ाव, जनसंख्या की वृद्धि एवं जनसंख्या के साथ किसी भी अन्य वार्तालाप में रुचि रखते हैं। जीव विज्ञान में, जनसंख्या को एक निर्धारित समय में किसी जगह पर रहने वाली एक ही प्रजाति के व्यक्तियों के समूह के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है। जन्म और आप्रवासन जनसंख्या बढ़ाने वाले मुख्य कारक हैं और मृत्यु और प्रवासन जनसंख्या घटाने वाले प्रमुख कारक हैं। जनसंख्या पारिस्थितिकी जनसंख्या वितरण एवं घनत्व की जांच-परख करती है। जनसंख्या घनत्व किसी दिए गए आयतन अथवा क्षेत्र में व्यक्तियों की तादात से है। इससे यह निर्धारित करने में सहायता मिलती है, कि क्या कोई प्रमुख प्रजाति संकट में है अथवा उसकी संख्या को काबू में किया जाना है और संसाधनों की भरपाई की जानी है।

जीव पारिस्थितिकी

जैविक पारिस्थितिकी पर्यावरणीय चुनौतियों के उत्तर में एक व्यक्तिगत जीव के व्यवहार, शरीर विज्ञान, आकृति विज्ञान का अध्ययन है। यह देखता है, कि व्यक्तिगत जीव जैविक तथा अजैविक घटकों के साथ किस तरह परस्पर क्रिया करते हैं। पारिस्थितिकीविज्ञानी शोध करते हैं, कि जीव अपने परिवेश के इन निर्जीव तथा सजीव घटकों के प्रति किस तरह अनुकूलित होते हैं। व्यक्तिगत प्रजातियाँ शारीरिक अनुकूलन, रूपात्मक अनुकूलन एवं व्यवहारिक अनुकूलन जैसे  बहुत सारे अनुकूलन से जुड़े हुए हैं।

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आणविक पारिस्थितिकी

पारिस्थितिकी का अध्ययन प्रोटीन की पैदावार पर केंद्रित है। साथ ही, ये प्रोटीन जीवों एवं उनके पर्यावरण को किस तरह से प्रभावित करते हैं। बतादें, कि यह आणविक स्तर पर होता है। डीएनए प्रोटीन बनाता है, जो एक दूसरे एवं पर्यावरण के साथ वार्तालाप करते हैं। ये अंतःक्रियाएँ कुछ जटिल जीवों को जन्म देती हैं।

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