उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय गठबंधन की शुरुआत ! [ uttar pradesh mei Prakratik kheti ke liye rashtriya Gathbandhan ki shuruat ]

उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय गठबंधन की शुरुआत

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प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय गठबंधन के उत्तर प्रदेश के अध्याय की उत्तर प्रदेश के बांदा में किसान प्रेम जी की बगिया में बैठक से शुरूआत हुई। यह एक राष्ट्रीय स्तर का नेटवर्क है जो सैकडों संस्थाओं और अलग-अलग राज्य सरकारों के साथ प्राकृतिक/जैविक खेती पर काम कर रहा है। इस शुरुआती बैठक में राज्य में 30 से अधिक लोग एवं विभिन्न जनपदों की तकरीबन 20 संस्थाओं ने भाग लिया। बैठक की शुरूआत में आंध्र प्रदेश से स्वाति ने कहा कि यह प्राकृतिक खेती के लिए विश्व में सबसे बड़ा अभियान है। कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को सक्षम बनाना होगा। उन्होंन यह भी कहा कि जैव इनपुट संसाधन केन्द्र के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर कीटनाशकों और रासायनिक खादों के विकल्पों को बड़े पैमाने पर बनाया जा सकता है। बैठक में सभी संस्थाओं ने अपने काम का विवरण दिया और काम में आने वाली चुनौतियों और राज्य में प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने  की संभावनाओं के बारे में सुझाव व्यक्त किए। इनमें श्रमिक भारती कानपुर, हरतिका छत्तरपुर, आगा खान फाउण्डेशन बहराइच, नवभारत समाज कल्याण समिति मुरादाबाद, सर सईद ट्रस्ट आयोध्या, युवा कौशल विकास मण्डल हमीरपुर, वनवासी सेवा आश्रम सोनभद्र, अखिल भारतीय समाज सेवा संस्था चित्रकूट, जीवा फाउण्डेशन बांदा, ग्रामोन्नति संस्था महोबा, अरुणोदय संस्थान, सम्मीपुुर नेचर फॉर्मिंग आदि प्रमुख थीं।

अंतिम सत्र में अगले चार माह के लिए साझे कार्यक्रम तय हुए। इसमें प्राकृतिक खेती के लिए वातावरण तैयार किया जाए। प्राकृतिक खेती के लिए काम करने वाली संस्थाओं को आपस में जोड़ना। साझी समझ विकसित करने के लिए एक माह में चार चार दिवसीय शिविर आयोजित किए जाएंगे। धन के लिए नेटवर्किंग तैयार करना।

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