भारत सरकार द्वारा किसान हित में चलाई जाने वाली योजनाएं

Published on: 11-Jan-2024

केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के लिए बहुत सारी कल्याणकारी योजनाऐं चलाई जा रही हैं। पीएम मोदी ने किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया है। इस वादे को पूरा करने के लिए पीएम मोदी ने किसानों के हित में कई कल्याणकारी योजनाऐं जारी की हुई हैं। आज हम आपको केंद्र द्वारा जारी अहम योजनाओं के बारे में जानकारी देने वाले हैं। 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) 

PM-किसान योजना का उद्देश्य देश भर के सभी भूमिधारक किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे कृषि तथा संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ घरेलू जरूरतों से संबंधित खर्चों को वहन करने में सक्षम हो सकें। 

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कुछ अपवादों के साथ यह योजना खेती योग्य भूमि वाले किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6000/- रुपए की सहायता राशि प्रदान करती है।

किसान उत्पादक संगठन (FPO)

सरकार ने वर्ष 2020 में "10,000 FPO के गठन और संवर्द्धन" के लिये केंद्रीय क्षेत्रक योजना (CSS) की शुरुआत की। FPO का गठन और संवर्द्धन कार्यान्वयन एजेंसियों (IA) के माध्यम से किया जाता है, जो समूह आधारित व्‍यापार संगठनों (Cluster Based Business Organizations- CBBO) को 5 वर्ष की अवधि के लिये पेशेवर हैंडहोल्डिंग समर्थन (Professional Handholding Support) प्रदान करने के लिये संलग्न करती है, जिसमें संबंधित FPO की व्यवसाय योजना की तैयारी और निष्पादन भी शामिल है।

कृषि अवसंरचना कोष (AIF)

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जुलाई 2020 में 1 लाख करोड़ रुपए का कृषि अवसंरचना कोष बनाया गया था। AIF, क्रेडिट गारंटी और ब्याज अनुदान के माध्यम से सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों एवं फसल की कटाई के बाद कृषि प्रबंधन की सतत परियोजनाओं में निवेश की एक मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा है।

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राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM):

यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में पेश किया गया था। इसके कार्यान्वयन का उद्देश्य समग्र रूप से वैज्ञानिक विधि से मधुमक्खी पालन को आगे बढ़ाना और मीठी क्रांति के लक्ष्य को प्राप्त करना है। 

खाद्य तेल-ऑयल पाम पर राष्ट्रीय मिशन (NMEO-OP)

यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे पाम ऑयल की खेती को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2021 में शुरू किया गया था। इसे मूलतः उत्तर-पूर्वी राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीपों पर ध्यान केंद्रित करने तथा खाद्य तेलों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये शुरू किया गया था। यह अभियान वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक संचालित किया जाएगा, जो अगले 5 वर्षों में पाम ऑयल वृक्षारोपण के अंतर्गत उत्तर-पूर्वी राज्यों के 3.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल और शेष भारत के 3.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल अर्थात कुल 6.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को कवर करेगा।

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