अब बिहार के किसान घर बैठे पाएं ऑर्गनिक खेती का सर्टिफिकेशन

By: MeriKheti
Published on: 08-Dec-2022

बिहार में जैविक प्रमाणीकरण यानी ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन (Organic certification) का काम बसोका एजेंसी कर रही है। इसके पीछे कारण यह है, कि यहां पर किसानों को उनकी ऑर्गेनिक खेती के लिए उचित दाम दिलवाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। ऑर्गेनिक या जैविक खेती कृषि का प्राचीन तरीका ही है, इसमें बिना किसी केमिकल आदि के प्राकृतिक तरीकों से खेती की जाती है। आजकल लोगों का रुझान इसकी तरफ काफी बढ़ा है, इसमें कम लागत में ज्यादा फसल उगाई जा सकती है और ये आजकल काफी डिमांड में भी है। लोग अपनी हेल्थ पर खास ध्यान दे रहे हैं और ऐसे में ऑर्गेनिक खेती ही उनका पहला विकल्प होता है, साथ ही यह खेती पर्यावरण के लिए भी अच्छी है। क्योंकि इससे वातावरण में किसी भी तरह के जहरीले पदार्थ नहीं छोड़े जाते हैं। किसान अगर ऑर्गेनिक खेती से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, तो वो अपनी फसल के लिए जैविक सर्टिफिकेशन बनवा सकते हैं। बिहार सरकार ने इसके लिए आवेदन मांगे हैं और इसकी प्रक्रिया भी आसान होती है।



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अब बिहार में ही प्राप्त करें सर्टिफिकेशन

पहले बिहार के किसानों को यह ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट सिक्कम से लेना पड़ता था। लेकिन अब बसोका एजेंसी खुद ही ये सर्टिफिकेट जारी कर रही है, किसान चाहें तो बसोका की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी दे सकते हैं। साथ ही आप ऑफलाइन भी आवेदन दे सकते हैं।

बसोका क्या है?

रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संस्थान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की ओर से ही बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (BASOKA) को मूल्यांकन कर राष्ट्रीय मान्यता बोर्ड को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन (Organic Certification) के लिए मान्यता दी गई है। यह GMO टेस्टिंग करती है और साथ ही ये बीज की क्वालिटी का मूल्यांकन भी करती है। इसके अलावा सिर्फ बिहार ही नहीं, दूसरे राज्य के किसान भी बसोका की वेबसाइट पर आधार संख्या और बाकी की जानकारी देकर आवेदन कर सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो पटना के मीठापुर स्थित कृषि निदेशालय परिसर में प्रमाणन एजेंसी का कार्यक्षेत्र बिहार के साथ बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, असम और राजस्थान है। इस प्रकार से किसान अपना जैविक सर्टिफिकेशन कुछ आसान स्टेप्स में ले सकते हैं और उन्हें फिर अपनी फसल में दाम को लेकर किसी तरह की टेंशन लेने की जरुरत नहीं है। इसके तहत ऑर्गेनिक खेती का बहुत अच्छा दाम किसानों को दिया जाता है।

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