प्याज और टमाटर की मांग व आपूर्ति में असमान अंतराल होने से कीमतें सातवें आसमान पर पहुँची

प्याज और टमाटर की मांग व आपूर्ति में असमान अंतराल होने से कीमतें सातवें आसमान पर पहुँची

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आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि क्रिसिल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, कि डिमांड और सप्लाई में अंतराल आने से प्याज की कीमतों में ये इजाफा होगा। हालांकि, इसके बावजूद भी प्याज का भाव 2020 के अपने उच्चतम स्तर से नीचे रहेगा।

टमाटर के पश्चात अब प्याज आम जनता की आखों से आंसू निकालेगा। कहा जा रहा है, कि प्याज के भाव में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी हो सकती है। एक किलो प्याज का भाव 60 रुपये के पार पहुंच सकता है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है, कि टमाटर के उपरांत वर्तमान में प्याज की कीमतें आम जनता का बजट खराब कर सकती हैं। अगले महीने से खुदरा बाजारों में प्याज महंगा हो जाएगा।

प्याज और टमाटर की मांग व आपूर्ति में काफी अंतर

रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर माह में प्याज की कीमतों के बढ़ने की संभावना है। टमाटर की भाँति प्याज की आवक भी काफी प्रभावित हो सकती है। ऐसी स्थिति में मांग के अनुसार, आपूर्ति न होने की वजह से कीमतें अपने-आप बढ़ जाऐंगी। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है, कि अगस्त के अंतिम हफ्ते तक रिटेल मार्केट में प्याज की बढ़ती कीमतों का प्रभाव दिखना शुरू हो जाएगा। साथ ही, सितंबर के आते-आते एक किलो प्याज का भाव 60 से 70 रुपये हो जाएगा।

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प्याज की आपूर्ति प्रभावित होने से बढ़ जाएगी कीमत

साथ ही, क्रिसिल की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है, कि डिमांड और सप्लाई में अंतराल आने से प्याज की कीमतों में यह इजाफा होगा। हालांकि, इसके बावजूद भी प्याज का भाव 2020 के अपने उच्चतम स्तर से नीचे रहेगा। क्रिसिल की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है, कि अक्टूबर में खरीफ की आवक आरंभ होने से प्याज की आपूर्ति पर काफी प्रभाव पड़ेगा। इससे मंडियों में प्याज की आपूर्ति कम हो जाएगी। इसकी वजह से भावों में स्थिरता नहीं रहेगी।

प्याज व की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाई आम जनता की परेशानी

बतादें, कि इस वर्ष मानसून की दस्तक के साथ खान-पान की समस्त चीजें महंगी हो गई हैं। विशेष कर टमाटर के भाव काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। 30 से 40 रुपये किलो मिलने वाला टमाटर जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही 150 से 200 रुपये किलो हो गया। इसके अतिरिक्त हरी सब्जियां भी काफी महंगी हो गईं। वर्तमान में खुदरा बाजार में परवल, करेला, शिमला मिर्च, लौकी और भिंडी सहित विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियों की कीमत सातवें आसमान पर पहुँच गई हैं। ये समस्त सब्जियां 50 से 80 रुपये किलो बिक रही हैं। परंतु, इस महंगाई के बावजूद भी अब तक प्याज सस्ता था। बाजार में अच्छी क्वालिटी का प्याज 25 से 30 रुपये किलो बिक रहा है। परंतु, आगामी माह सितंबर से इसकी कीमतों में आने वाले इजाफे ने आम जनता की परेशानी काफी बढ़ा दी है।

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