4 लाख किसानों पर खर्च होंगे 1705 करोड़ रु.
ड्रिप इरिगेशन से फसल उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य तय
किसानों को मिलेगा फायदा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में खेती-किसानी की स्थिति पर चर्चा की। सीएम गहलोत ने राजस्थान जैसे मरुस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन को ही सिंचाई के लिए एक दीर्घकालिक समाधान बताया। उन्होंने ड्रिप इरिगेशन से फसल पैदावार बढ़ने की बात कही।
उन्होंने कहा कि, किसानों का रुझान ड्रिप इरिगेशन की ओर बढ़ा है। राजस्थान सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
ड्रिप इरिगेशन (Drip irrigation या trickle irrigation या micro irrigation या localized irrigation), सिंचाई की ऐसी विधि है, जिससे पानी और खाद की भरपूर बचत की जा सकती है।
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कृषि बजट में प्रावधान –
राजस्थान सरकार ने ड्रिप इरिगेशन के उपयोग को राज्य में अमल में लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। सीएम ने बताया कि, सरकार ने बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य पूर्ति के लिए 1705 करोड़ रुपए का प्रावधान कृषि बजट में किया गया है।
सिंचाई संयंत्र की उपलब्धता
सीएम गहलोत ने कहा कि, राजस्थान प्रदेश के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए सरकार कृत संकल्पित है। इसके लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति जारी कर दी गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक में इस बारे में जानकारी प्रदान की।
जलसंचय अभियान
राजस्थान में कम पानी की स्थिति के कारण जलसंचय के लिए खास प्रबंध किए जा रहे हैं। राज्य में पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए अब तक 9,738 फार्मपोंड व 1,892 डिग्गियां बनाने के लिए इजाजत दी जा चुकी है।
सोलर पंप वर्क ऑर्डर
राज्य सरकार के अनुसार सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 किसानों को वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। इन सोलर पंप्स पर सरकार ने 61.58 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है।
75 फीसदी सब्सिडी
सिंचाई में प्रयुक्त होने वाले पानी की बचत को बढ़ावा देने के मामले मेें राजस्थान सरकार संवेदनशील नजर आ रही है। प्रदेश सरकार की ओर से सिंचाई के पानी की बचत संबंधी योजनाओं पर लगभग 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।
ड्रोन की तैयारी
बैठक में बताया गया कि, राजस्थान सरकार 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन खरीदेगी। यह ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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ये काम करेगा ड्रोन
सीएम ने उम्मीद जताई कि, राज्य सरकार द्वारा खरीद कर वितरित किए जाने वाले ड्रोन से प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके के साथ ही कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव संभव हो सकेगा। इससे न केवल फसल की कम लागत में रक्षा होगी बल्कि किसान की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
सीएम गहलोत ने राज्य में कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लघु और सीमांत किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान हितैषी कृषि प्रावधान करने के निर्देश बैठक में दिए।
फल-मसालों पर जोर
मुख्यमंत्री ने राजस्थान बागवानी विकास मिशन के तहत फलों व मसालों की खेती पर फोकस करने के लिए निर्देशित किया। राज्य में करीब 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य तय किया गया है।
बगीचों पर ग्रांट बढ़ाई
राजस्थान सरकार द्वारा फल बगीचों की स्थापना एवं विस्तार के लिए ग्रांट प्रदान करने की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया प्रदेश में जारी है।
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टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति
राजस्थान में खजूर की खेती के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने खजूर बगीचा स्थापना तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति के लिए अनुदान देना शुरू किया है।
राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किसानों से ऋणमाफी, किसान ऊर्जा मित्र योजना, फसल सुरक्षा, मशीनरी खरीद आदि के लिए अनुदान से जुड़ी योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा उठाने की अपील की है।