आत्मनिर्भर कृषि ऐप्प (Atmanirbhar Krishi app) से सम्बंधित सरकारी प्रेस रिलीज़ दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करेंउन्होंने ट्वीट में सीएफएमटीटीआई बुदनी द्वारा खेती कार्य में प्रयुक्त होने वाले ट्रैक्टर्स की टेस्टिंग प्रोसेस यानी परीक्षण प्रक्रिया के लिए पूर्व में निर्धारित समय सीमा 9 माह को घटाकर 75 दिन करने के बारे में सूचना प्रदान की। अपने ट्वीट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक पोस्टर शेयर किया है। इस पोस्टर में किसान, ट्रैक्टर के साथ स्वयं केंद्रीय मंत्री तोमर भी दृष्टव्य हैं। गौर करने वाली बात यह है कि यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा साझा किए गए पोस्टर में तारांकित सूचना पर आपको जरा बारीकी से नजर डालनी होगी। दरअसल पोस्टर में ट्रैक्टर परीक्षण प्रक्रिया डेडलाइन कम करने, आजादी के अमृत महोत्सव आदि सभी को तो बड़े अक्षरों में प्रदर्शित किया गया है, लेकिन इस बात का खुलासा तारांकित चिह्न के साथ अपेक्षाकृत महीन अक्षरों में जाहिर किया गया है कि, प्रक्रियागत यह बदलाव कब से लागू होगा। इमेज को जूम कर गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि, ट्रैक्टर परीक्षण प्रक्रिया 9 माह से घटाकर 75 दिन करने संबंधी प्रोसेस इस महीने 15 अगस्त से लागू होगी।
इस लिंक में आप भी पढ़िये केंद्रीय मंत्री तोमर का ट्वीट एवं देखिए ट्वीट में साझा किए गए पोस्टर को। सौजन्य- ट्विटर: https://twitter.com/nstomar/status/1553650290603110400
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नई दिल्ली। - लोकेन्द्र नरवार
देश में खेती-किसानी और कृषि से जुड़ी तमाम योजनाएं संचालित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाली कैबिनेट में देश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसानों व कृषि के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाई गईं हैं। इन योजनाओं के जरिए फसल उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ किसानों को आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। इसके अलावा देश के किसानों को अपना फसल उत्पादन बेचने के लिए एक अच्छा बाजार प्रदान किया जा रहा है।
किसानों के लिए चलाई जा रहीं तमाम कल्याणकारी योजनाओं में समय के साथ कई सुधार भी किए जाते हैं। जिनका प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को ही फायदा मिलता है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर - ICAR) द्वारा ''आजादी के अमृत महोत्सव'' पर एक पुस्तक का विमोचन किया है। इस पुस्तक में देश के 75000 सफल किसानों की सफलता की कहानियों को संकलित किया गया है, जिनकी आमदनी दोगुनी से अधिक हुई है।
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◆ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( PM-Kisan Samman Nidhi ) - इस योजना के अंतर्गत किसानों के खाते में सरकार द्वारा रुपए भेजे जाते हैं। ◆ ड्रिप/स्प्रिंकलर सिंचाई योजना - इस योजना के माध्यम से किसान पानी का बेहतर उपयोग करते हैं। इसमें 'प्रति बूंद अधिक फसल' की पहल से किसानों की लागत कम और उत्पादन ज्यादा की संभावना रहती है। ◆ परम्परागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY)) - इस योजना के जरिए जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाता है। ◆ प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (पीएम-केएमवाई) - इस योजना में किसानों को वृद्धा पेंशन प्रदान करने का प्रावधन है। ◆ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana - PMFBY) - इस योजना के अंतर्गत किसानों की फसल का बीमा होता है। ◆ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) - इसके अंतर्गत किसानों को सभी रबी की फसलों व सभी खरीफ की फसलों पर सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य प्रदान किया जाता है। ◆ मृदा स्वास्थ्य कार्ड- (Soil Health Card Scheme) इसके अंतर्गत उर्वरकों का उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जाता है। ◆ कृषि वानिकी - 'हर मोड़ पर पेड़' की पहल द्वारा किसानों की अतिरिक्त आय होती है। ◆ राष्ट्रीय बांस मिशन - इसमें गैर-वन सरकारी के साथ-साथ निजी भूमि पर बांस रोपण को बढ़ावा देने, मूल्य संवर्धन, उत्पाद विकास और बाजारों पर जोर देने के लिए काम होता है। ◆ प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण - इस नई नीति के तहत किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित कराने का प्रावधान है। ◆ एकीकृत बागवानी विकास मिशन - जैसे मधुमक्खी पालन के तहत परागण के माध्यम से फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और आमदनी के अतिरिक्त स्त्रोत के रूप में शहद उत्पादन में वृद्धि होती है। ◆ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) - इसके अंतर्गत कृषि फसलों के साथ-साथ डेयरी और मत्स्य पालन के लिए किसानों को उत्पादन ऋण मुहैया कराया जाता है। ◆ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY))- इसके तहत फसल की सिंचाई होती है। ◆ ई-एनएएम पहल- यह पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म के लिए होती है। ◆ पर्याप्त संस्थागत कृषि ऋण - इसमें प्रवाह सुनिश्चित करना और ब्याज सबवेंशन का लाभ मिलता है। ◆ कृषि अवसंरचना कोष- इसमें एक लाख करोड़ रुपए के आकार के साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है। ◆ किसानों के हित में 10 हजार एफपीओ का गठन किया गया है। ◆ डिजिटल प्रौद्योगिकी - कृषि मूल्य श्रंखला के सभी चरणों में डिजिटल प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग पर जरूर ध्यान देना चाहिए
उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 से 29 अक्टूबर, 2023 तक श्री अन्न महोत्सव का आयोजन किया था। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश के जुपिटर हॉल, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया गया था। इसमें उन किसानों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने मिलेट्स पैदावार में महत्वपूर्ण योगदान अदा किया था। मिलेट्स एवं उनकी खेती के फायदों के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री अन्न महोत्सव का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य मिलेट्स के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देना एवं प्रगतिशील किसानों की कोशिशों को पहचानना था, जिन्होंने मिलेट्स उत्पादन में अहम योगदान अदा किया है। साथ ही, कृषि कुंभ से ठीक पूर्व होने वाले इस कार्यक्रम का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन किया गया था। श्री अन्न महोत्सव एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम था। विभिन्न डिवीजन के किसान अपने अनुभव एवं ज्ञान साझा करने के लिए एक साथ आए। उद्घाटन के दिन छह डिवीजन के किसान मिलेट्स की खेती एवं खपत पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए। दूसरे दिन पांच डिवीजन के किसान भाग लेंगे। साथ ही, आखिरी दिन सात डिवीजन के किसान इस कार्यक्रम में शम्मिलित हुए। कुल मिलाकर, प्रत्येक डिवीजन से पचास प्रगतिशील किसान इस कवायद का भाग रहे।
श्री अन्न महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य राज्य के अंदर मिलेट्स की खेती एवं खपत के विषय में आम जनता तथा किसान दोनों के मध्य जागरूकता उत्पन्न करना है। गौरतलब है, कि मिलेट्स अपने अनेकों स्वास्थ्य संबंधित लाभों एवं टिकाऊ कृषि में अपनी भूमिका के लिए विश्व भर में अपना अलग स्थान बना रहा है। मिलेट्स को अधिक प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रम के दौरान कई सारे मिलेट्स-आधारित खाद्य उत्पादों के तकरीबन 40 स्टॉल स्थापित किए गए। इससे मौजूद लोगों को मिलेट्स से निर्मित कई तरह के व्यंजनों का स्वाद चखने और उनकी सराहना करने का अवसर मिला।
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