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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के ट्वीट में छिपी है यह तारांकित खुशखबरी

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के ट्वीट में छिपी है यह तारांकित खुशखबरी

ट्रैक्टर से जुड़ी है गुड न्यूज़, जानिये कब मिलेगी सौगात

भारत की केंद्रीय सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अधिकृत ट्विटर हैंडल से कृषक हितैषी तारांकित खुशखबरी दी है। यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर (Union Agriculture Minister)
नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने जुलाई मासांत, दिवस 31 जुलाई 2022 को दोपहर 1.24 बजे ट्वीट के जरिए किसान और किसानी के हित से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जारी की। केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने अपने ट्वीट (Tweet) में मध्य प्रदेश के केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान बुदनी (Central Farm Machinery Training & Testing Institute, Budni, Madhya Pradesh, INDIA/सीएफएमटीटीआई/CFMTTI), द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने #आजादीकाअमृतमहोत्सव (#AzadiKaAmritMahotsav) एवं #आत्मनिर्भरकृषि (#AatmaNirbharKrishi) हैश टैग के साथ ट्रैक्टर से जुड़े बड़े फैसले के बारे में जानकारी दी।
आत्मनिर्भर कृषि ऐप्प (Atmanirbhar Krishi app) से सम्बंधित सरकारी प्रेस रिलीज़ दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें
उन्होंने ट्वीट में सीएफएमटीटीआई बुदनी द्वारा खेती कार्य में प्रयुक्त होने वाले ट्रैक्टर्स की टेस्टिंग प्रोसेस यानी परीक्षण प्रक्रिया के लिए पूर्व में निर्धारित समय सीमा 9 माह को घटाकर 75 दिन करने के बारे में सूचना प्रदान की। अपने ट्वीट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक पोस्टर शेयर किया है। इस पोस्टर में किसान, ट्रैक्टर के साथ स्वयं केंद्रीय मंत्री तोमर भी दृष्टव्य हैं। गौर करने वाली बात यह है कि यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा साझा किए गए पोस्टर में तारांकित सूचना पर आपको जरा बारीकी से नजर डालनी होगी। दरअसल पोस्टर में ट्रैक्टर परीक्षण प्रक्रिया डेडलाइन कम करने, आजादी के अमृत महोत्सव आदि सभी को तो बड़े अक्षरों में प्रदर्शित किया गया है, लेकिन इस बात का खुलासा तारांकित चिह्न के साथ अपेक्षाकृत महीन अक्षरों में जाहिर किया गया है कि, प्रक्रियागत यह बदलाव कब से लागू होगा। इमेज को जूम कर गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि, ट्रैक्टर परीक्षण प्रक्रिया 9 माह से घटाकर 75 दिन करने संबंधी प्रोसेस इस महीने 15 अगस्त से लागू होगी।


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इस लिंक में आप भी पढ़िये केंद्रीय मंत्री तोमर का ट्वीट एवं देखिए ट्वीट में साझा किए गए पोस्टर को। सौजन्य- ट्विटर: https://twitter.com/nstomar/status/1553650290603110400

ट्वीट पर प्रतिक्रिया

जैसा कि ट्विटर पर क्रिया की प्रतिक्रिया की प्रक्रिया की रवायत है, तो आपको बता दें इस सिलसिले में 31 जुलाई 2022 को दोपहर 1.24 बजे केंद्रीय मंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट से जारी इस ट्वीट पर तीन शाब्दिक प्रतिक्रियाएं ही दर्ज हुईं, जिसमें से दो बधाई संबंधी हैं, तो एक में शिकायती भाव में किसान का दुखड़ा दर्ज है। हिसार, हरियाणा के एक यूजर ने रिप्लाई में बीमा योजना का लाभ अपात्रों को प्रदान करने एवं पात्र हितग्राहियों के वंचित रहने की परेशानी का जिक्र किया है, आप भी पढ़िये। सौजन्य- ट्विटर : https://twitter.com/yaarabmole/status/1553677560214863872?t=1ZUT0NhVtICm6cKYpKZTLw&s=19 वैसे ट्रैक्टर परीक्षण प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने से क्या लाभ और परिणाम होंगे, इस बारे में आप अपने विचार हमारे साथ साझा करें।
दिल्ली में होने जा रहा है 2-4 मार्च को पूसा कृषि विज्ञान मेला जाने यहां क्या होगा खास

दिल्ली में होने जा रहा है 2-4 मार्च को पूसा कृषि विज्ञान मेला जाने यहां क्या होगा खास

दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के ग्राउंड में लगने वाला कृषि मेला 2 से 4 मार्च तीन दिनों तक चलेगा। आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ अशोक कुमार सिंह ने कृषि मेला की जानकारी देते हुए कहा,

"इस बार पूसा कृषि विज्ञान मेला मार्च 2 से 4 तक लगाया जाएगा। मेले का उद्घाटन 2 मार्च को केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर करेंगे।"

पूसा कृषि विज्ञान मेले का मुख्य आकर्षण क्या होगा

अगर आप भी संरक्षित खेती, प्राकृतिक खेती और
मोटे अनाजों के बारे जानकारी चाहते हैं, तो आपके लिए बढ़िया मौका है, पूसा कृषि विज्ञान मेला में सारी जानकारियां आपको एक ही जगह पर एक साथ मिल जाएंगी। 

इस बार कृषि मेले में अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के अंर्तगत मोटा अनाज आधारित मुल्य श्रृंखला विकास, स्मार्ट खेती/ संरक्षित खेती मॉडल, जलवायु तन्यक एवं संपोषक, कृषि विपणन एवं निर्यात, किसानों के नवाचार- संभावनाएं एवं समस्याएं, किसान उत्पादक संगठन- स्टार्टअप लिंकेज जैसी जानकारियां दी जाएंगी। 

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पूसा कृषि विज्ञान मेले में उन्नतशील किसानों को किया जाएगा सम्मानित

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा कृषकों के नवाचारों को महत्ता देता है तथा व्यावहारिक कृषि प्रौद्योगिकियों एवं तकनीकों को विकसित और प्रसारित करने वाले प्रतिभावान कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष पूसा कृषि विज्ञान मेले में  लगभग 25-30 उन्नतशील किसानों को उनके नवाचार सृजन और प्रसार में उत्कृष्ट योगदान के लिए भाकृअनुसं-नवोन्मेषी किसान और भाकृअनुसं-अध्येता किसान पुरस्कारों से सम्मानित करता है । 

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान वर्ष 2023 के भाकृअनुसं-नवोन्मेषी किसान और भाकृअनुसं-अध्येता किसान पुरस्कारों के लिए योग्य नवोन्मेषी कृषकों के आवेदन आमंत्रित करता है, जिन्हें मार्च 2-4, 2023 के दौरान आयोजित होने वाले पूसा कृषि विज्ञान मेले में प्रदत्त किया जाएगा। 

मेरीखेती की टीम भी इस कृषि मेले में उपस्थित रहने वाली है अगर आप इस मेले से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/c/MeriKheti/ पर देख सकते है।

ड्रोन करेंगे खेती, इंसान करेंगे आराम, जानिए क्या है मास्टर प्लान

ड्रोन करेंगे खेती, इंसान करेंगे आराम, जानिए क्या है मास्टर प्लान

देशभर में ड्रोन के जरिये कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. इसी की तर्ज पर एक कम्पनी ने बड़ा मास्टर प्लान तैयार किया है. जिसमें खेती के लिए ड्रोन ही काफी होंगे. और इंसानों की जरूरत नहीं पड़ेगी. ताजा जानकारी के मुताबिक कृषि में इस्तेमाल किये जाने वाले ड्रोन को बनाने वाली आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन ने बड़ा समझौता किया है. यह समझौता कृषि सेक्टर में इंसानों के बजाय ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. महाराष्ट्र के वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषि विद्यापीठ के साथ इस समझौते को किया गया है. इस समझौते को लेकर कंपनी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि, इसका उद्देश्य ड्रोन को प्रद्योगिकी में आगे बढ़ाने के अलावा कृषि उत्पादन को बढ़ाने का है. साथ किसानों के बीच जागरूकता फैलाना भी इसका मुख्य उद्देश्य है.

पहले ही हुई थी साझेदारी की घोषणा

समझौते ज्ञापन की बात करें तो, वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ के कुलपति डॉक्टर इंद्र मणि और स्टार्ट-अप
आईओटी का वर्ल्ड एविगेशन की तरफ से निदेश अनूप कुमार ने साइन किये. बता दें साल 2017 में इसी तरह की साझेदारी की घोषणा की गयी थी.

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को मिलेगा बढ़ावा

जानकारी के मुताबिक समझौता करने वाले दोनों पक्ष कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल करने को बढ़ावा देंगे. इसके अलावा कृषि प्रशिक्षण केंद्र और आरपीटीओ को बनाने के लिए मिलाकर काम किया जाएगा. आयोतेक वर्ल्ड के सह संस्थापक दीपक भारद्वाज के मुताबिक युनिवर्सिटी के साथ समझौते से कंपनी को ड्रोन टेक्नोलॉजी में और भी ज्यादा खोज करने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा कृषि ड्रोन के लिए रिमोट पायलट आईओटी का वर्ल्ड वीएनएमकेवी के साथ मिलकर इसकी स्थापना में भागीदार होगा. आपको बता दें इससे देश में ड्रोन पायलट की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी. ये भी पढ़ें: सरकार से मिल रहा ड्रोन लेने पर १०० % तक अनुदान, तो क्यों न लेगा किसान मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्टअप का अपना अलग रिमोट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन है. इस ऑर्गनाइजेशन में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग के साथ ड्रोन पायलेट को लाइसेंस भी दिया जाता है.
पूसा कृषि विज्ञान मेला का किया जा रहा आयोजन किसानों को दी जाऐंगी यह जानकारियाँ

पूसा कृषि विज्ञान मेला का किया जा रहा आयोजन किसानों को दी जाऐंगी यह जानकारियाँ

पूसा में प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृषि विज्ञान मेला आयोजित होने वाला है। ऐसे में यदि आप कृषि की आधुनिक तक़नीक मतलब की स्मार्ट कृषि के विषय में जानकारी लेना चाहते हैं, तब पूसा कृषि विज्ञान मेले में आपकी उपस्थिति बेहद जरुरी है। 

आपको बतादें कि प्रति वर्ष भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा (ICAR) एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (IARI) माध्यम से कृषि विज्ञान मेला आयोजित किया जाता है। 

जिसकी प्रतीक्षा पूरे भारत के किसान भाइयों को रहती है। यह तीन दिवसीय मेला 2 मार्च से आरंभ हो रहा है। जिसका उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी द्वारा किया जायेगा।

इस थीम के अनुरूप रहेगा पूसा कृषि विज्ञान मेला 2023

पूसा कृषि विज्ञान मेला का आयोजन 2 से 4 मार्च 2023 को मेला ग्राउंड पूसा, दिल्ली में होने जा रहा है। फिलहाल, पूसा कृषि विज्ञान मेला विशेष रूप से “
श्री अन्न (मोटे अनाजों) के माध्यम से पोषण, खाद्यान्न एंव पर्यावरण सुरक्षा” थीम के अनुरूप होगा।

किसानों की समस्याओं का किया जाएगा निराकरण

आपको बतादें कि पूसा मेले के अंतर्गत ना सिर्फ संस्थान के माध्यम से विकसित विभिन्न फसलों के उम्दा प्रमाणित बीज न्यूनतम भावों पर मुहैय्या किए जाते हैं। 

साथ ही, किसानों को कृषि व खेती-किसानीं से जुड़ी नवीन तकनीकों से परिचित कराया जाता है। साथ ही, खेती-बाड़ी में किसान भाइयों को हो रही समस्याओं का निराकरण भी कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से दिया जाएगा।

पूसा कृषि विज्ञान मेले से जुड़ी जानकारियां

पूसा कृषि विज्ञान मेला एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसको प्रति वर्ष बेहद उत्साहित होकर मनाया जाता है। मेले के दौरान बड़ी तादात में निजी संस्थान, संगठन वैज्ञानिक और किसान भाई हिस्सा लेते हैं। मेले का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में जारी की जा रही नवीन उम्दा तकनीकों के विषय में किसानों के मध्य जागरूकता के अभाव को दूर किया जाएगा।

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साथ ही, इसका उद्देश्य किसान भाइयों को स्थिर कृषि के तरीकों के संबंध में शिक्षित करना है। साथ ही, यह भी है, कि वह स्वस्थ फसलों का उत्पादन करने के लिए इसका इस्तेमाल किस तरह कर सकते हैं।

इस मेला में एग्रोकेमिकल्स का इस्तेमाल और उन्हें लाभान्वित करने वाली विभिन्न योजनाओं से भी अवगत किया जाता है।

पूसा कृषि विज्ञान मेले में किसान जरूर जाएं

किसान भाइयों को पूसा कृषि विज्ञान मेले के अंतर्गत खेती में मॉडर्न प्रौद्योगिकी, मोटे अनाजों, आधुनिक कृषि, संरक्षित खेती से संबंधित जानकारियों प्राप्त होंगी। 

यदि किसान भाई अपने आप को आधुनिक कृषि से अपडेट करना चाहते हैं। तब आप उसके लिए 2 से 4 मार्च 2023 को मेला ग्राउंड पूसा, दिल्ली में आयोजित होने वाले “पूसा कृषि विज्ञान मेला- 2023” में अवश्य शम्मिलित हों।

घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री में 4 प्रतिशत कमी के साथ-साथ निर्यात में भी रिकॉर्ड गिरावट

घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री में 4 प्रतिशत कमी के साथ-साथ निर्यात में भी रिकॉर्ड गिरावट

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस वर्ष अक्टूबर माह में ट्रैक्टरों की बिक्री में काफी गिरावट दर्ज की गई है। भारत के दक्षिणी हिस्सों में इसका सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिला है। जहां, कम बरसात एवं कम अनुदान की वजह से बिक्री काफी कम रही है। हालांकि, इस माह ट्रैक्टरों की बिक्री बढ़ने के आसार हैं। अक्टूबर माह में घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री में विगत वर्ष की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है। 

दरअसल, अक्टूबर माह में ट्रैक्टरों की बिक्री 4 फीसद तक गिरी है। कुल मिलाकर, इस वर्ष अक्टूबर में 118,232 ट्रैक्टर की बिक्री हुई है। वहीं, विगत वर्ष ये तादात 123,525 थी। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है, कि अनियमित मानसून और लंबे त्योहारी सीजन की वजह से इस बार विगत वर्ष की तुलना में अक्टूबर माह में बिक्री कम रही है। हालांकि, धनतेरस एवं दिवाली की खरीदारी की वजह से नवंबर में ट्रैक्टरों की ब्रिकी में तेजी देखने को मिली है। यह आशा है, कि नवंबर माह में ट्रैक्टरों की बिक्री अक्टूबर के मुकाबले में शानदार रहेगी।

ट्रैक्टरों की बिक्री में इस वजह से आई गिरावट

बिजनेस लाइन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की टॉप ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अक्टूबर 2023 में 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,336 ट्रैक्टरों की सेल की. जबकि, एस्कॉर्ट्स कुबोटा की ट्रैक्टर बिक्री पिछले महीने 9 प्रतिशत गिरकर 12,642 यूनिट्स पर रही. ट्रैक्टरों की बिक्री में सबसे अच्छा प्रदर्शन उत्तरी क्षेत्रों का रहा. जहां इनकी सबसे ज्यादा सेल हुई. इसी तरह पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में भी सरकारी योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी के चलते सेल काफी हद तक अच्छी रही. जबकि, दक्षिणी क्षेत्रों में ट्रैक्टरों की सेल अच्छी नहीं रही।

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ट्रैक्टर निर्यात में भी दर्ज की गई गिरावट

2023 अक्टूबर माह में 7,186 इकाइयों पर मासिक निर्यात जून 2020 के पश्चात सबसे कम रहा है। ट्रैक्टर का उत्पादन अक्टूबर माह में 94,438 इकाइयों पर था। वहीं, सितंबर माह में 90,688 एवं अक्टूबर 2022 में ये 86,856 इकाइयों पर था। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अप्रैल-अक्टूबर 2023 की अवधि के दौरान ट्रैक्टर निर्यात में 33 फीसद की सालाना गिरावट के साथ 7,470 इकाइयों की घटोतरी दर्ज की है। इसके साथ ही, ट्रैक्टर कंपनी एस्कॉर्ट्स के अनुसार, यूरोप में आई मंदी उनके निर्यात में घटोतरी की एक बड़ी वजह है। यूरोप उनके खास बाजारों में से एक है, ऐसी स्थिति में उनका निर्यात भी प्रभावित हुआ है।

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दूसरी छमाही शानदार होने की संभावना - हिमंत सिक्का

महिंद्रा एंड महिंद्रा के कृषि उपकरण क्षेत्र के अध्यक्ष, हेमंत सिक्का ने बताया है, कि चालू वित्त वर्ष की द्वितीय छमाही शानदार होगी। क्योंकि, उच्च कुल खरीफ पैदावार, प्रमुख रबी फसलों के लिए उच्च एमएसपी और कृषि अर्थव्यवस्था को सरकार का समर्थन सकारात्मक भावनाओं को प्रेरित करेगा। किसान ट्रैक्टर की मांग का सहयोग कर रहे हैं। वहीं, ट्रैक्टर उद्योग चालू वित्त वर्ष को सपाट अथवा मामूली सकारात्मक विकास के साथ समाप्त करने की संभावना है। 

उन्होंने बताया है, कि निर्यात में किसी भी तरह का सुधार देखने की आशंका नहीं है। आगामी वर्ष के दौरान इसमें दोहरे अंकों के साथ गिरावट दर्ज की जाएगी। उन्होंने बताया है, कि चालू वित्त वर्ष के दौरान ट्रैक्टर निर्यात में 28 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सामान्य से कम मानसून एवं उच्च आधार को लेकर चिंताओं की वजह नुवामा ने वित्त वर्ष 2024 के लिए एक सपाट संख्या का अंदाजा लगाया है।

पूसा कृषि विज्ञान मेला किसानों के

पूसा कृषि विज्ञान मेला किसानों के "दिल्ली चलो मार्च" के चलते हुआ स्थगित

भारत कृषि से संबंधित तकनीकी नवाचारों और सबसे नवीन खेती प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में 28 फरवरी से 1 मार्च, 2024 तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का पूसा कृषि विज्ञान मेले का आयोजन होने जा रहा था। 

 जो कि "दिल्ली चलो मार्च" के चलते कुछ कारणों की वजह से स्थगित कर दिया गया है। यह मेला न केवल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, बल्कि आगामी समय की खेती के लिए नए दिशा-निर्देश प्रदान करेगा। 

पूसा का वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कहा है, कि जैसे ही मेला की तिथि सुनिश्चित होगी, तुरंत किसानों को सूचित कर दिया जाएगा। 

पूसा मेले की विभिन्न निम्नलिखित विशेषताएं 

  1. तकनीकी प्रदर्शनियां: इस मेले में कृषि तकनीकों के प्रदर्शन का एक विशेष आकर्षण है। नवीनतम किसान यंत्र, स्मार्ट खेती तकनीक, बीज विकास और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर प्रदर्शन होगा। 
  2. विभिन्न विषयों पर सेमिनार और कार्यशालाएं: विभिन्न खेती से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी जो किसानों को नई तकनीकों और अनुसंधानों से अवगत कराएंगी। 
  3. किसान-उद्यमी मिलन सभा: इस मेले में किसानों और उद्यमियों के बीच एक मिलन सभा आयोजित की जाएगी, जो उन्हें अपने अनुसंधान और उत्पादों को एक दूसरे के साथ साझा करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करेगी। 
  4. आर्थिक योजनाएं और समर्थन: सरकार के प्रति किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, इस मेले में विभिन्न योजनायें और समर्थन कार्यक्रम भी होंगे। 
  5. बीज की ऑनलाइन बुकिंग: इस साल बीजों की ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की गई है। किसान पूसा संस्थान की अधिकारिक वेबसाइट www.iari.res.in पर जाकर अपनी जरूरत के हिसाब से बीजों की बुकिंग और पेमेंट कर सकते हैं।

जानिए 'किसानमार्ट' पोर्टल के बारे में जो किसानों की आय दोगुनी करेगा

जानिए 'किसानमार्ट' पोर्टल के बारे में जो किसानों की आय दोगुनी करेगा

भारत के अंदर किसान अपनी फसलों के मिलने वाले भाव को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। परंतु, अब ऐसा नहीं होगा। किसानों को उनकी फसलों को सही भाव भी मिलेगा और लोगों तक किसानों के उत्पाद भी बड़ी सुगमता से पहुंच सकेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार एक नवीन कवायद शुरू करने जा रही है। 

दरअसल, किसानों और कृषि-उद्यमियों को ग्राहकों से प्रत्यक्ष तौर पर जोड़ने और डायरेक्ट अपने उत्पाद की बिक्री करने में सहायता करने के लिए केंद्र सरकार एक ई-कॉमर्स पोर्टल लाने जा रही है। 

इससे देश में कृषि उत्पादन को बेचने की प्रक्रिया को डिजिटल जरिए से और सहज बनाया जा सके। इस पोर्टल को 'किसानमार्ट' (What is Kisanmart portal) नाम दिया गया है। 

बेंगलुरु मौजूद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (एटीएआरआई) द्वारा यह पोर्टल तैयार किया जा रहा है। 

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मीडिया खबरों की मानें तो अगस्त तक इस वेबसाइट का काम समाप्त होने की संभावना है, जिसके उपरांत इसे किसान भाइयों और ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जाएगा।

जानिए कैसे होगा किसानों का लाभ 

किसानमार्ट पोर्टल उन किसानों के लिए एक जरिया बनेगा जो अपने कृषि उत्पाद सीधा छोटे ग्राहकों अथवा खुदरा उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना चाहते हैं। 

वह किसान इस पोर्टल के माध्यम से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) जैसे समूह भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे। किसानमार्ट पोर्टल एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो किसानों और कृषि उद्यमियों को उनके उत्पादों को ज्यादा बाजार में पहुंचाने में सहायता करेगा। 

इससे किसानों को बिचौलियों से सहूलियत मिलेगी और उत्पाद सीधा ग्राहकों तक पहुंचेगा, जिससे किसानों का भी फायदा होगा। बिचौलियों को दूर करने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त करने के लिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के स्थानीय और विशेष उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। 

जानिए कौन-कौन से उत्पाद बड़ी सहजता से मिलेंगे 

अटारी की टेक्नोलॉजी टीम द्वारा विकसित पोर्टल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अनावरण किया गया है। इस वेबसाइट पर कृषकों द्वारा उगाई गई बाजरा, फलों, सब्जियों, मशरूम, सब्जियों, तेल, मसाले और अनाज जैसे उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है। 

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ग्राहकों के लिए वेबसाइट पर आकर खरीदारी करना सरल होगा। इसके अलावा किसान पोर्टल के माध्यम से बीज, जैविक खाद और खेती-बाड़ी से जुड़े उपकरण भी उपलब्ध होंगे। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से विक्रय किए जाने वाले सभी उत्पाद किसान समृद्धि के समान ब्रांड के अंतर्गत होंगे।

इसका अर्थ यह है, कि ग्राहकों को पोर्टल के जरिए से अलग-अलग किसान केंद्रित योजनाओं जैसे ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) से आने वाले उत्पाद और भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग वाली फसलें और सामान भी बहुत आसानी से खरीद सकेंगे। 

कृषि उत्पादों को डिजिटल माध्यम से बेचने के लिए अहम कवायद 

आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा कि इस पोर्टल के प्रारंभ होने से पूरे भारत में लाखों कृषकों और कृषि उद्यमियों को लाभ मिलेगा। ऐसा करके यह कृषि उत्पादों को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया में क्रांति कर सकता है।

ATARI ई-मार्केटप्लेस को बढ़ाने और शुरू करने के लिए, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (C-DAC) और ICAR-IASRI की विशेषज्ञता का सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही, इन उत्पादों को ऑनलाइन माध्यम से बेचने के लिए लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी के लिए डेल्हीवेरी और भारतीय डाक के साथ साझेदारी भी की जाएगी।