यूपी की राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आईसीएआर-भारतीय कदन्न (श्री अन्न) अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद का किया सर्वेक्षण

By: MeriKheti
Published on: 12-Apr-2023

अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न (मिलेट्स) वर्ष 2023 के अवसर पर, उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज भाकृअनुप-भारतीय कदन्न (श्री अन्न) अनुसंधान संस्थान (भाकअनुसं), हैदराबाद का दौरा किया। उन्होंने संस्थान में स्थापित श्री अन्न के प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन सुविधाओं का निरीक्षण किया। साथ ही उनके समक्ष, भारत के अद्वितीय तथा एक बृह्त जननद्रव्य संग्रह एवं श्री अन्न की नवीनतम किस्मों के पुष्प गुच्छों का प्रदर्शन किया गया। माननीय राज्यपाल ने श्री अन्न को लोकप्रिय करने हेतु संस्थान द्वारा की जा रही कोशिशों, इसके द्वारा प्रदत्त सुविधाओं और प्रशिक्षण की तारीफ की है। उन्होंने कहा है, कि लोग पहले श्री अन्न के विविध उत्पाद तैयार करने की विधि और तकनीकों के विषय में नहीं जानते थे। अब इस संस्थान के माध्यम से श्री अन्न उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला के उत्पादन हेतु प्रौद्योगिकियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। माननीय राज्यपाल ने उल्लेख किया कि हमारे देश में किसान उत्पादन संगठन (FPO) काफी महत्वपूर्ण हैं। आज किसान उत्पादक संगठन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि बाजार से कैसे संपर्क किया जाए, उत्पाद को ऑनलाइन कैसे बेचा जाए साथ ही उत्पादों का परीक्षण कैसे किया जाए, आदि। यह भी पढ़ें: श्री अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक देश है भारत, सरकार द्वारा उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं कई प्रयास माननीय राज्यपाल के समक्ष भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) के द्वारा विकसित एवं उद्यमियों को प्रदत्त लाइसेंसीकृत, विविध मूल्यवर्धित उत्पाद और प्रौद्योगिकियां प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर भाकअनुसं के वैज्ञानिकों तथा राज्यपाल श्रीमती पटेल के साथ एक संवादात्मक बैठक भी आयोजित की गई। डॉ. (श्रीमती) सीतारा सत्यवती, निदेशक, भाकअनुसं ने माननीय राज्यपाल को संस्थान के मैट्रिक्स, लक्ष्यों एवं दृष्टिकोणों के बारे में जानकारी दी। डॉ. संगप्पा, वैज्ञानिक ने कहा कि गांवों में श्री अन्न पर काम करने वाले किसानों, कृषि अधिकारियों, उद्यमियों और अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए इस संस्थान के द्वारा चार राज्यों में 33 किसान उत्पादक संगठन का गठन किया गया है।

श्री अन्न किसानों की आय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल हुई है

श्रीमती रक्षिता लडवंती, सीईओ, अलंदभूताई मिलेट्स फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी, कलबुर्गी, कर्नाटक, ने उल्लेख किया कि उनकी सफलता की कुंजी किसान उत्पादक संगठन से कच्चा माल खरीदने हेतु उद्यमियों से जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाओं को मूल्यवर्धित उत्पादों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिसका परिणाम है कि श्री अन्न किसानों की आय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।

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मोटे अनाज (मिलेट) की फसलों का महत्व, भविष्य और उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी डॉ. बीदयाकर राव, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, न्यूट्री हब, भाकअनुसं ने बताया कि भाकअनुसं के द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यापक प्रसार हेतु मुख्य प्रशिक्षण का प्रारूप तैयार किया जाता है। इसके आधार पर स्थानीय अधिकारियों एवं अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है।

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