नोएडा प्राधिकरण के इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर

नोएडा प्राधिकरण के इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर

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अधिकारियों के अनुसार, 2016 में प्राधिकरण बोर्ड द्वारा अप्रूव्ड पॉलिसी के मुताबिक किसानों को फायदा दिया जाएगा। इस वजह से प्राधिकरण इससे जुड़ी प्रकाशित सूचना का खंडन करती है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा छह प्रतिशत आबादी भूखंड न दिए जाने की सूचना पर बड़ा बयान दिया गया है। प्राधिकरण का कहना है, कि उसकी ओर से किसानों को छह प्रतिशत जनसँख्या भूखंड न दिए जाने की सूचना गलत एवं अफवाह है। अधिकारियों ने बताया है, कि प्राधिकरण की ओर से वर्तमान में इस प्रकार का कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, 2016 में प्राधिकरण बोर्ड से अप्रूव्ड पॉलिसी के हिसाब से किसान भाइयों को फायदा दिया जा रहा है। यही कारण है, कि प्राधिकरण इससे जुड़ी प्रकाशित सूचना का खंडन करता है।

फैसला कब लिया गया था

दरअसल, 23 फरवरी 2016 को जारी शासनादेश की कड़ी में प्राधिकरण की 104वीं बोर्ड बैठक (09-03-2016) में फैसला लिया गया था। किसानों से प्रत्यक्ष रूप से खरीदी गई भूमि के बदले में 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के भाव से ही मुआवजा प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा कोई अतिरिक्त फायदा नहीं देय होगा। इसके उपरांत 05 अप्रैल 2022 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 126वीं बोर्ड बैठक में प्रत्यक्ष रूप से खरीदी जाने वाली भूमि के बदले में दिए जाने वाली आर्थिक सहायता के भाव में 250 रुपये की बढ़ोत्तरी देखी गई है।

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आपको बतादें कि 7 वर्ष पूर्व लिए गए इस निर्णय पर ही प्राधिकरण द्वारा फिलहाल अमल किया जा रहा है। मतलब 3750 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से आर्थिक सहायता प्रदान करने का फैसला लिया गया। 7 वर्ष पुराने इस निर्णय पर प्राधिकरण वर्तमान में अमल कर रहा है। वर्ष 2016 से पूर्व जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित हुई है, वह 6 % फीसद आबादी प्लॉट के पात्र हैं। किसान भाइयों को नियमानुसार मुआवजा एवं आबादी भूखंड़ आज भी देय है।

किसानों से जमीन सहमति के अनुरूप ही खरीदी जा रही है

सीईओ ने बताया है, कि इन समस्त पात्र किसान भाइयों के लिए 6 प्रतिशत आबादी भूखंड नियोजित किए जा रहे हैं। सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश के चलते किसानों को आबादी भूखंड प्रदान किए जाने को लेकर तीव्रता से कार्य हो रहा है। सीईओ द्वारा आश्वाशन दिया गया है, कि प्राधिकरण किसानों के हितों के संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। साथ ही, सीईओ का कहना है, कि वर्तमान समय में केवल सहमति के होने की स्थिति में ही किसानों से भूमि खरीदी जा रही है। वहीं कुछ मीडिया ग्रुपों के द्वारा फैलाई जा रही अफवाह और गलत सूचना का प्राधिकरण खंडन कर रहा है।

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