इस नस्ल की भैंस को पालने से पशुपालकों को लाखों की आमदनी होगी

By: Merikheti
Published on: 28-Nov-2023

जैसा कि हम सबको ज्ञात है, कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। हमारे देश में खाद्य पदार्थ एवं डेयरी उत्पादों की बेहद मांग है। परंतु, क्या आपको जानकारी है, कि भारत की सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन क्षमता वाली भैंस की नस्ल कौन सी है। यदि नहीं तो आपके इस प्रश्न का उत्तर यहां है। साथ ही, यदि आप इस भैंस का पालन कर इसके दूध की बिक्री करते हैं तो आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। भारत में सर्वाधिक दूध देने वाली भैंस की नस्ल मुर्रा को माना जाता है। मुर्रा भैंस औसतन दिन में 25 लीटर से लेकर 30 लीटर तक दूध प्रदान करती है। इस भैंस को उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर पाला जाता है। मुर्रा भैंस का दूध वसा एवं प्रोटीन में उच्च होता है। इसके दूध का सेवन करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन एवं वसा मिलता है। इस भैंस के दूध का उपयोग विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों जैसे - घी, छाछ, दही और मक्खन तैयार करने के लिए भी उपयोग किया जाता है। मुर्रा भैंस की कीमत की बात की जाए तो ये 50 हजार रुपये से लगाकर 1 लाख रुपये तक होती है। इस भैंस को पालना अत्यंत लाभकारी साबित होता है। एक मुर्रा भैंस से एक दिन में लगभग 25 लीटर दूध मिलता है, जिसके मुताबिक आप दिन के 1000 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक कमा सकते हैं।

इस नस्ल की भैंस भी काफी अधिक दूध प्रदान करती है

साथ ही, मेहसाना भैंस भी एक दिन में लगभग-लगभग 20 से 30 लीटर तक दूध प्रदान कर देती है। ये भैंस सर्वाधिक गुजरात और महाराष्ट्र में पाई जाती है। बतादें, कि दोनों ही राज्यों में इस भैंस का पालन किया जाता है। उधर महाराष्ट्र राज्य में मिलने वाली पंढरपुरी भैंस की नस्ल भी अपनी दूध देने की क्षमता के कारण जानी जाती है। सुरती भैंस भी दूध उत्पादन में काफी शानदार होती है।

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मुर्रा भैंस की कद काठी कैसी होती है ?

मुर्रा भैंस के सींग मुड़े हुए होते हैं एवं दिखने में यह अन्य भैंसों की तुलना में पावरफुल नजर आते हैं। यह भैंस पंजाब एवं हरियाणा राज्यों में अधिकांश देखने को मिलती है। परंतु, वर्तमान में यह अन्य दूसरे देशों में भी पाली जा रही है। सिर्फ यही नहीं अब तो इस भैंस के सीमन का भी तगड़ा व्यापार हो रहा है। इनमें विभिन्न भैंस काफी लंबी एवं ऊंची होती हैं। इनके मालिक इन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी भेजते हैं। ज्यादातर प्रतियोगियाओं में मुर्रा भैंस ही सबसे अग्रणी रहती हैं। हालांकि, अधिकांश लोग दूध उत्पादन के लिए इनका पालन करते हैं। हरियाणा में इसे ‘काला सोना’ भी कहा जाता है। ये भैंसे थोड़ी अधिक काली होती हैं।

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