मचान विधि - सब्जी की खेती करने का आसान तरीका

मचान विधि – सब्जी की खेती करने का आसान तरीका

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जमीन पर खेती करना और मचान पर खेती करने में जमीन आसमान का अंतर है। मचान विधि खेती के लिए ज्यादा धन खर्चने की भी जरूरत नहीं है। इसके लिए जरूरी लकड़ी आदि का इंतजाम किसान ढेंचा आदि के माध्यम से खुद की जमीन के एक हिस्से या फिर मेंढ़ों के किनारे कर सकता है। मचान पर उगाई सब्जी और जमीन पर उगाई सब्जी की गुणवत्ता में काफी अंतर होता है।

मचान विधि खेती

मचान विधि खेती यानी की खेत में जाल लगाकर उस पर बेलों का चढ़ाने को कहते हैं। इस तरीके से खेती करने में पानी से बेलें बची रहती हैं। फल जमीन से कई फीट हटकर लगते हैं। फलों की गुणवत्ता जमीन पर पड़े रहने, धूप और पानी के संपर्क में आने से खराब होती है। इसके अलावा मचान विधि से खेती करने का एक लाभ यह होता है कि फल लटकने के कारण लम्बा आकार भी लेते हैं। घीया तोरई जैसी फसलों की लम्बाई ज्यादा और मोटाई बेहद कम रहती है। पूरा फल एक ही रंगा का होता है। इसमें चमक भी ज्यादा रहती है।

मचान विधि से सब्जी की खेती

मचान विधि खेती में सबसे जरूरी खेत में मचान बनाना होता है। बाकी तो जिस तरह से बेल वाली ​सब्जियों के लिए नाली बनाई जाती है उसी तरीके से बीज बुवान होता है। नालियों के मध्य बेल फेलने वाली जगह पर मचान बनाया जाता है। दोनों तरफ लकड़ी सीधी गाढकर तार या प्लास्टिक की मजबूत चीप से जाल बना दिया जाता है ताकि बेलें फैल सकें। इनकी तुडाई मचान के नीचे से बडी आसानी से हो जाती है।

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