मल्चर मशीन बेहद काम की होती है। यह धान की पराली को खेत में मिलाने के साथ इसके जमीन पर रोलर की मदद से चिपका देती है। इस मशीन की कीमत करीब ढाई लाख रुपए है। इस मशीन का प्रयोग भी धान के खेत में बगैर जुताई के सीधी बिजाई करने के लिए किया जाता है। इस मशीन का काम कम्बाइन से काटे गए धान के ठूंठों को कतर कर जमीन पर कम्प्रैस करने का होता है। मशीन धान के ठूंठों को कतरते हुए जमीन पर बिछाती जाती है। साथ में मशीन के पीछे लगा रोलर इसे जमीन पर बिछाता जाता है। इस मशीन की यह खूबी है कि यह धान की पराली की नसों को तोड़ कर कमजोर कर देती है। इस मशीन से प्रैस किए गए पुआल वाले खेत में गेहूं की सीधी बिजाई करने को दो फायदे होते हैं। पहला फायदा यह होता है कि खेत में गेहूं के पौधों के अलावा खाली बची जमीन पर पुआल बिछा होने के कारण किसी तरह का खरपतवार नहीं उगता। इसके अलावा पुआल पहले पानी के बाद ही गलकर खाद का काम करने लगती है। इससे उपज पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है। मल्चर में मुख्यत: कटर एवं रालर लगे होते हैं। इस तरह की मशीनें देशभर के करीब 575 कृषि विज्ञान केन्द्रों पर भी है। इन मशीनों का प्रयोग करने को किसान इन्हें ले जा सकते हैं। धान की पराली वाल इलकों में इन मशीनों को खेत में चलाने पर सरकार द्वारा एक हजार रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से धनराशि भी किसानों को प्रदान की जा रही है ताकि किसान पाराली को न जलाएं।