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ई-किसान उपज निधि स्कीम के तहत ले सकते है उपज पर भी लोन जाने सम्पूर्ण जानकारी

Published on: 03-Jul-2024
Updated on: 03-Jul-2024

ई-किसान उपज निधि स्कीम (e-kisan upaj nidhi scheme) एक ऐसी योजना है जिसमें किसानों को तकनीक का उपयोग करके सहायता दी जाती है।

किसानों को इस स्कीम से अनाज भंडारण करना आसान हो जाता है। साथ ही किसान लोन ले सकते हैं अगर उन्हें तुरंत पैसे की जरूरत होती है। इसलिए किसानों को लगता है कि यह योजना बहुत फायदेमंद है।

इसका एक और लाभ यह है कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलता है। भंडारण की अच्छी व्यवस्था से किसान अपने उत्पाद को बाजार में कीमत और मांग के अनुसार बेचने के लिए ले जाते हैं।

ई-किसान उपज निधि स्कीम को समझना सबसे महत्वपूर्ण है। ई-किसान उपज निधि स्कीम किसानों को एक उत्कृष्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।

इसके द्वारा किसान रजिस्टर्ड गोदामों में रखे गए अपने उत्पादों के रसीद को दिखाकर बैंकों में अपने उत्पाद को गिरवी रखकर पोस्ट हार्वेस्ट लोन ले सकते हैं।

यह कार्यक्रम वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी ने शुरू किया है। ई-किसान उपज निधि और तकनीक से भंडारण व्यवस्था सरल हो जाएगी। किसानों को फसल को उचित मूल्य पर बेचने में मदद मिलेगी।

किसानों को ब्याज दर और रकम चुनने का विकल्प भी इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े बैंकों से मिलता है।

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उपज के हिसाब से मिलेगी कीमत

ई-किसान उपज निधि स्कीम का एक लाभ यह है कि इससे किसानों की भंडारण की समस्या हल होगी। एक लाख गोदामों को अपने पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल, इस पर 1500 से अधिक स्टोर नामांकित हैं।

किसानों को ई-नाम और "ई-किसान उपज निधि" मिलाकर इंटरकनेक्टेड मार्केट की तकनीक मिलेगी, जो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर या उससे अधिक मूल्य पर अपनी उपज को सरकार को बेचने का फायदा देगी।

इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य भी मिलेगा।

किस प्रकार मिलेगा लोन?

किसानों को लोन देने के लिए उनके उत्पादों को वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी से रजिस्टर्ड गोदामों में जमा करना होगा।

इसका लाभ यह होगा कि किसान बिना कुछ गिरवी रखे 7 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन ले सकेंगे। किसानों को इससे भंडारण करना आसान होगा और उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिलेगा।

किसान अक्सर फसल कटाई के बाद उसे बेचने की जल्दी करते हैं क्योंकि फसल खराब होने लगती है या फिर चूहे और कीड़े उसे खा जाते हैं।

लेकिन बेहतर भंडारण सुविधा उपलब्ध होने पर किसानों को अपनी उपज को सुरक्षित रखने की सुविधा मिलेगी। फिर वे बैंकों से लोन लेने के लिए उसी उत्पाद का कागज दिखा सकेंगे।

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