512 किलो प्याज बेचकर किसान को मिला केवल 2 रुपए का चेक

By: MeriKheti
Published on: 26-Feb-2023

हाल ही में महाराष्ट्र के नासिक से एक बहुत ही ज्यादा चौका देने वाली खबर सामने आई है. सोलापुर जिले के 58 वर्षीय किसान राजेंद्र तुकाराम प्याज की खेती करने वाले एक साधारण से किसान हैं. हाल ही में वह सोलापुर APMC में अपने 512 किलो प्याज बेचने के लिए अपने गांव से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए पहुंचे और आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि उन्हें 1 किलो प्याज के लिए सिर्फ ₹2 कीमत मिली.

512 किलो प्याज से हुआ केवल ₹2 मुनाफा

सभी तरह के खर्चे निकालने के बाद जब राजेंद्र तुकाराम ने अपना मुनाफा जोड़ा तो वह मात्र 2.49 रुपए था और इसके लिए भी उन्हें 15 दिन बाद का एक पोस्ट डेटेड चेक थमा दिया गया जिस पर कीमत ₹2 लिखी गई थी क्योंकि बैंक राउंड फिगर में ही पैसा अदा करता है और वह 49 पैसे किसान को नहीं दे सकते हैं. 

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 राजेंद्र तुकाराम को यह पैसा सीधा ट्रेडर की तरफ से दिया जाएगा और उन्हें यह पैसा लेने में कोई दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है.  उन्होंने आगे बताया कि उन्हें  अपने पूरे प्याज की फसल का दाम ₹512 दिया गया था जिसमें से लगभग ₹509 ट्रेडर ने ट्रांसपोर्ट,  लोडिंग और वजन आदि करने के लिए काट लिया. 

तुकाराम ने इस फसल पर खर्च किए थे ₹40000

आगे बातचीत करते हुए राजेंद्र ने बताया कि उन्हें 512 किलो प्याज उगाने के लिए लगभग ₹40000 खर्च करने पड़े थे क्योंकि आजकल और उर्वरक और बीज आदि सभी चीजों का मूल्य बढ़ चुका है. 

APMC ने बताया कारण

तुकाराम को एक पोस्ट डेटेड चेक देने का कारण बताते हुए APMC  ने कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि उनकी तरफ से सारा प्रोसेस कंप्यूटराइज्ड किया जा चुका है जिसके तहत इसी तरह से चेक दिए जाते हैं.उन्होंने बताया कि मूल्य कितना ही हो वह चेक से ही चुकाया जाता है और वह पहले भी इतने छोटे अमाउंट का चेक किसानों को दे चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि तुकाराम जो प्याज लेकर आए थे वह अच्छी क्वालिटी के नहीं थे इसीलिए उन्हें अच्छा दाम नहीं मिल पाया. अच्छी क्वालिटी के प्याज लगभग ₹18 प्रति किलोग्राम के हिसाब से APMC  खरीद लेता है. 

क्या है  एक्सपर्ट की राय?

एक्सपर्ट की मानें तो उनका कहना है कि भारत में आज भी केवल पूरी फसल में से लगभग 25% ही उत्तम क्वालिटी की होती है और लगभग 30% फसल केवल मीडियम क्वालिटी की होती है और बाकी सारी फसल बहुत ही निम्न स्तर की उगती है. आंकड़ों की मानें तो प्याज की फसल में प्याज के क्विंटल तो बढ़ गई हैं लेकिन क्वालिटी आधी हो गई है. साल 2022 में 15000 क्विंटल प्याज़ की फसल हुई तो वहीं 2023 में यह बढ़कर 30000 क्विंटल हो गई है.लेकिन इनकी क्वालिटी इतनी गिर गई है कि एक ही साल में मूल्य 1850 प्रति क्विंटल से गिर कर 550 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है. कुछ समय पहले ग्राम पंचायत ने चिट्टी लिख सरकार से इस पर संज्ञान लेने की बात कही है.इस चिट्टी में किसानों को प्याज़ की फसल के लिए मुआवजा देने की बात भी कही गई है.किसानों ने पंचायत को यह शर्त ना पूरी होने पर आत्महत्या तक करने की धमकी दे दी है. पंचायत ने बताया है कि पिछले 2 हफ्ते से इस पत्र पर कोई जवाब नहीं दिया गया है. राज्य के हेल्थ और फैमिली वेलफेयर मिनिस्टर ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल को भी इस मामले पर नज़र डालते हुए सरकार द्वारा फसल खरीदने की मांग भी रखी है.

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